स्त्रियों में होती है चरम सुख पहुंचने की क्षमता अधिक
सेक्स संबंध में चरम आनंद को ऑर्गेज्म कहा जाता है। स्त्रियों में चरम सुख की स्थिति धीरे-धीरे या देर से मिलती है जिसकी वजह से कई स्त्रियों को इसके आने या होने का एहसास भी नहीं होता।
सेक्सोलॉजिस्टों का मानना हैं कि पूरुष का शरीर विभिन्न चरम सुख
कुपोषण, विटामिंस की कमी, सेक्स संबंधों की अज्ञाता के चलते हमारे देश में लोग मानसिक चरम सुख पाते हैं और उसे ही पर्याप्त समझते हैं। अधिकांस दंपति सुहागरात के दिन चरम आनंद का अनुभव नहीं कर पाते। कई बार प्रथम रात्रि में आनंद प्राप्त करना भी संभव नहीं होता, चरम सुख तो दूर की बात है। दरअसल, उस रात्रि को कई तरह के डर हावी रहते हैं जिसकी वजह से सेक्स का चरम सुख प्राप्त नहीं हो पाता। सेक्सोलॉजिस्टों का कहना है कि मिलन के लिए दोनों की मानसिकता एक जैसी हो, यह आवश्यक नहीं। चरमानंद तालमेल, स्नेह व सद्व्यवहार पर निर्भर करता है। अक्सर पुरुष को चरम आनंद मिल जाने पर स्त्रियां अपने कर्तव्य की पूर्ति समझ लेती है। चाहे उसे सेक्स में चरम सुख प्राप्त हो या ना हो। ऐसे में स्त्रियों को सेक्स में चरम सुख की प्राप्ति के लिए सेक्स का नॉलेज होना आवश्यक है। स्त्रियों को पता होना चाहिए कि चरम सुख क्या है और किस प्रकार के सेक्स उसके लिए वेहतर है। सेक्स के समय कैसी सावधानी वर्तनी चाहिए। इस तरह के नॉलेज से ही स्त्रियां पुरुष के समान चरम सुख को प्राप्त कर सकती है। वाला है जबकि प्रकृति ने स्त्री को पुरुष की तुलना में अधिक बार चरम सुख पहुंचने की क्षमता दी है।
सेक्स संबंध में चरम आनंद को ऑर्गेज्म कहा जाता है। स्त्रियों में चरम सुख की स्थिति धीरे-धीरे या देर से मिलती है जिसकी वजह से कई स्त्रियों को इसके आने या होने का एहसास भी नहीं होता।
सेक्सोलॉजिस्टों का मानना हैं कि पूरुष का शरीर विभिन्न चरम सुख
कुपोषण, विटामिंस की कमी, सेक्स संबंधों की अज्ञाता के चलते हमारे देश में लोग मानसिक चरम सुख पाते हैं और उसे ही पर्याप्त समझते हैं। अधिकांस दंपति सुहागरात के दिन चरम आनंद का अनुभव नहीं कर पाते। कई बार प्रथम रात्रि में आनंद प्राप्त करना भी संभव नहीं होता, चरम सुख तो दूर की बात है। दरअसल, उस रात्रि को कई तरह के डर हावी रहते हैं जिसकी वजह से सेक्स का चरम सुख प्राप्त नहीं हो पाता। सेक्सोलॉजिस्टों का कहना है कि मिलन के लिए दोनों की मानसिकता एक जैसी हो, यह आवश्यक नहीं। चरमानंद तालमेल, स्नेह व सद्व्यवहार पर निर्भर करता है। अक्सर पुरुष को चरम आनंद मिल जाने पर स्त्रियां अपने कर्तव्य की पूर्ति समझ लेती है। चाहे उसे सेक्स में चरम सुख प्राप्त हो या ना हो। ऐसे में स्त्रियों को सेक्स में चरम सुख की प्राप्ति के लिए सेक्स का नॉलेज होना आवश्यक है। स्त्रियों को पता होना चाहिए कि चरम सुख क्या है और किस प्रकार के सेक्स उसके लिए वेहतर है। सेक्स के समय कैसी सावधानी वर्तनी चाहिए। इस तरह के नॉलेज से ही स्त्रियां पुरुष के समान चरम सुख को प्राप्त कर सकती है। वाला है जबकि प्रकृति ने स्त्री को पुरुष की तुलना में अधिक बार चरम सुख पहुंचने की क्षमता दी है।
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