क्यों आता है गुस्सा?
गुस्सा भी मानव भावनाओं का एक प्रकार है लेकिन जब यह भावना आदत बन जाती है तो आप के साथ-साथ दूसरों पर भी इसका गंभीर प्रभाव पड़ने लगता है। अगर आप को गुस्सा अधिक आता है तो आप को चाहिए कि आप अपने गुस्से की सही वजह को पहचाने और उन पर नियंत्रण रखें। गुस्सा एक नेचुरल इमोशन है जो चिड़चिड़ाहट, निराशा और इच्छा अनुसार काम न होने की दशा में उत्पन्न होता है। किसी हल्की झुंझलाहट से लेकर आक्रमक स्थिति को गुस्से के तौर पर परिभाषित किया जा सकता है। हम जानते हैं कि गुस्सा एक नेचुरल इमोशन है जिससे पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता है लेकिन नियंत्रन किया जा सकता है। गुस्सा आना बिल्कुल नॉर्मल है लेकिन अगर गुस्से की वजह से आप और आप के साथ रहने वाले दोस्त और परिवार वाले को नकसान पहुच रहा हो तो इस पर नियंत्रन करना आवश्यक हो जाता है।
गुस्से पर काबु पाने के लिए जरूरी है मानसिक स्वास्थ्यता
गुस्से पर काबू पाने के लिए सबसे पहला कदम यह है कि आप गुस्से को कभी अपने पर हावी मत होने दें। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने मन को शांत रखें और सोचे की गुस्सा क्यू आ रहा है? और इसे गुस्से से आप को क्या लाभ मिलेगा? और क्या नुकसान होगा? क्या आप के गुस्से से आप का काम सही प्रकार से हो जाएगा? क्या आप की परेशानी दुर हो जाएगी? अगर गुस्सा करने से काम नहीं बनता तो गुस्सा करना व्यर्थ है। ऐसे में यह देखे कि आप अगर गुस्से के स्थान पर शांत रहेंगे तो अच्छे से सोच पाएंगे और अपने काम को सफलता पूर्वक कर पाएंगे। गुस्सा आने पर भी अगर आप शांत रहेंगे तो आपकी सोच व्यापक होगी और आप दूसरों के पक्ष को समझ पाएंगे। इसके लिए मानसिक रूप से स्वास्थ्य रहना आवश्यक है। दिमाग को शांत और संतुलन हमेशा बना रखना चाहिए, लेकिन ऐसी स्थिति हासिल करने के लिए लंबी प्रैक्टिस की जरूरत है। अपने गुस्से को शांत रखने के लिए शुरू में सिर्फ 10 मिनट का समय तय करें और मन में ठानें कि इन 10 मिनटों के दौरान मुझे शांत रहना है। चाहे जो हो जाए, मैं अपना मानसिक संतुलन इन 10 मिनटों के दौरान नहीं खोऊंगा, अपने गुस्से पर शांत रखुंगा। धीरे-धीरे वक्त बढ़ाते जाएं। 10 से 15 मिनट, 15 से 20... धीरे-धीरे ऐसी स्थिति आ जाएगी कि मानसिक रूप से शांत और संतुलित रहना आपकी आदत बन जाएगी। इस तरह आप शांत रहकर अपने गुस्से पर काबू पा सकते हैं और अपने जीवन में खुश रह सकते हैं।
गुस्सा भी मानव भावनाओं का एक प्रकार है लेकिन जब यह भावना आदत बन जाती है तो आप के साथ-साथ दूसरों पर भी इसका गंभीर प्रभाव पड़ने लगता है। अगर आप को गुस्सा अधिक आता है तो आप को चाहिए कि आप अपने गुस्से की सही वजह को पहचाने और उन पर नियंत्रण रखें। गुस्सा एक नेचुरल इमोशन है जो चिड़चिड़ाहट, निराशा और इच्छा अनुसार काम न होने की दशा में उत्पन्न होता है। किसी हल्की झुंझलाहट से लेकर आक्रमक स्थिति को गुस्से के तौर पर परिभाषित किया जा सकता है। हम जानते हैं कि गुस्सा एक नेचुरल इमोशन है जिससे पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता है लेकिन नियंत्रन किया जा सकता है। गुस्सा आना बिल्कुल नॉर्मल है लेकिन अगर गुस्से की वजह से आप और आप के साथ रहने वाले दोस्त और परिवार वाले को नकसान पहुच रहा हो तो इस पर नियंत्रन करना आवश्यक हो जाता है।
गुस्से पर काबु पाने के लिए जरूरी है मानसिक स्वास्थ्यता
गुस्से पर काबू पाने के लिए सबसे पहला कदम यह है कि आप गुस्से को कभी अपने पर हावी मत होने दें। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने मन को शांत रखें और सोचे की गुस्सा क्यू आ रहा है? और इसे गुस्से से आप को क्या लाभ मिलेगा? और क्या नुकसान होगा? क्या आप के गुस्से से आप का काम सही प्रकार से हो जाएगा? क्या आप की परेशानी दुर हो जाएगी? अगर गुस्सा करने से काम नहीं बनता तो गुस्सा करना व्यर्थ है। ऐसे में यह देखे कि आप अगर गुस्से के स्थान पर शांत रहेंगे तो अच्छे से सोच पाएंगे और अपने काम को सफलता पूर्वक कर पाएंगे। गुस्सा आने पर भी अगर आप शांत रहेंगे तो आपकी सोच व्यापक होगी और आप दूसरों के पक्ष को समझ पाएंगे। इसके लिए मानसिक रूप से स्वास्थ्य रहना आवश्यक है। दिमाग को शांत और संतुलन हमेशा बना रखना चाहिए, लेकिन ऐसी स्थिति हासिल करने के लिए लंबी प्रैक्टिस की जरूरत है। अपने गुस्से को शांत रखने के लिए शुरू में सिर्फ 10 मिनट का समय तय करें और मन में ठानें कि इन 10 मिनटों के दौरान मुझे शांत रहना है। चाहे जो हो जाए, मैं अपना मानसिक संतुलन इन 10 मिनटों के दौरान नहीं खोऊंगा, अपने गुस्से पर शांत रखुंगा। धीरे-धीरे वक्त बढ़ाते जाएं। 10 से 15 मिनट, 15 से 20... धीरे-धीरे ऐसी स्थिति आ जाएगी कि मानसिक रूप से शांत और संतुलित रहना आपकी आदत बन जाएगी। इस तरह आप शांत रहकर अपने गुस्से पर काबू पा सकते हैं और अपने जीवन में खुश रह सकते हैं।
गुस्से पर नियंत्रन के लिए योग बहुत लाभकारी है इसका रोजना अभ्यास गुस्से पर नियंत्रन के साथ मन को भी स्वस्थ्य रखता है। योगा से संबंधित अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें-
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