आज के भाग-दौर भरी जिन्दगी में अवसाद, सीज़ोफ्रेनिया और विभाज्य व्यलक्तिपत्वह विकार जैसी मानसिक रोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हमारे देश में लगभग एक करोड़ लोग मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं और उन्हें उचित इलाज नहीं मिलता। लोगों हमेशा चिंतित रहते हैं और जितना चिंता करते हैं मानसिक परेशानी और बढ़ती जाती है।
साइकोलाजिस्ट के अनुसार अगर आप स्वयं को पसंद नहीं करते, अकारण चिंताग्रस्ते रहते हैं, किसी भी काम को करने में आपका मन नहीं लगता, आप में चि़ड़चिड़ापन है तो आप को साइकोलाजिस्ट से मिलने में देरी नहीं करनी चाहिए। अगर आप किसी बात को लेकर परेशान हैं, तो उस विषय में अपने प्रियजनों से बातें करें। अपनी इच्छाओं व विचारों को स्पष्ट रूप से दूसरों पर जाहिर करने से ना केवल आपका तनाव कम होगा बल्कि आपके सम्बन्ध भी अच्छे बनेंगे।
साइकोलाजिस्ट के अनुसार अगर आप स्वयं को पसंद नहीं करते, अकारण चिंताग्रस्ते रहते हैं, किसी भी काम को करने में आपका मन नहीं लगता, आप में चि़ड़चिड़ापन है तो आप को साइकोलाजिस्ट से मिलने में देरी नहीं करनी चाहिए। अगर आप किसी बात को लेकर परेशान हैं, तो उस विषय में अपने प्रियजनों से बातें करें। अपनी इच्छाओं व विचारों को स्पष्ट रूप से दूसरों पर जाहिर करने से ना केवल आपका तनाव कम होगा बल्कि आपके सम्बन्ध भी अच्छे बनेंगे।
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