क्या मासिकधर्म, स्तनपान को प्रभावित करता है ?
कई महिलाओं को मासिकधर्म बच्चे के जन्म देने के दो महीने बाद शुरू होते है। इस अवस्था में स्त्रियां काफी उलझन में रहती है कि कहीं उनके स्तनपान से बच्चे या स्वयं को कोई तकलीफ तो नहीं हो गई। एक बार मासिकधर्म शरू हो जाने के बाद भी आपको बच्चे को स्तनपान कराने के दौर तक उतार-चढ़ाव आता रहता है। जैसे ही आप बच्चे को स्तनपान करवाना बंद कर देती है, तभी से आपको मासिकधर्म सामान्य रूप से आने लगता है।
मासिकधर्म से, स्तनपान पर पड़ने वाला प्रभाव निम्न है:
1) फर्टिलिटी रिटर्न : डिलीवरी के बाद पहले मासिकधर्म आने से स्त्रियों को फिर से फर्टिलिटी हो सकती है। ऐसा में आपको बच्चे को स्तनपान कराने का मन नहीं करता है जिससे स्तनपान की प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ता है।
2) हारमोन्स में परिवर्तन : मासिकधर्म के दौरान शरीर के हारमोन्स में परिवर्तन होता है। इस वजह से स्त्रियों के मूड में बदलाव आता है और शारीरिक परिवर्तन भी होते है। ऐसे में हो सकता है कि स्त्रियों को मासिकधर्म के दिनों में स्तनों कराने से दर्द होता होगा।
3) स्वाद में बदलाव : मासिकधर्म के दौरान, हारमोन्स में परिवर्तन आने से ब्रेस्टमिल्क के स्वाद में भी परिवर्तन आ जाता है जिसकी वजह से बच्चा दूध पीने से कतराते हों।
4) सिरदर्द : मासिकधर्म शरू होने से पहले सिरदर्द होना एक स्वाभाविक लक्षण है। मासिकधर्म के दौरान हारमोन्स में परिवर्तन आने से स्तनपान कराने पर स्त्रियों को तनाव महसूस होता है और सिर में दर्द होता है।
5) ब्रेस्टमिल्क में कमी : डिलीवरी के बाद, मासिकधर्म के शुरू होने पर स्तनपान कराने पर ब्रेस्टमिल्क में कमी रहती है। हारमोन्स में परिवर्तन आने की वजह से शरीर में दूध के बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है जिससे स्तनपान की प्रक्रिया प्रभावित होती है। ऐसी स्थिति में बॉडी में ब्लड़ सप्लाई करने वाले नेचुरल प्रोडक्ट का सेवन करना चाहिए।
6) निप्पल में दर्द : क्या आपको मासिकधर्म के दौरान निप्पल में दर्द होता है। अगर ऐसा
7) लगातार स्तनपान : स्तनपान के दौरान मासिकधर्म सामान्य नहीं होते है। मासिकधर्म शुरू हो जाने का मतलब यह नहीं होता है कि आप बच्चे को स्तनपान न कराएं। उन दिनों में आपको बच्चे को लगातार स्तनपान कराते रहना चाहिए, इससे स्तनों में दूध निकलता रहता है और अन्य समस्याएं पैदा नहीं होती है।
है तो आपको मासिकधर्म के दिनों में बच्चे को स्तनपान कराने में दिक्कत आ सकती है। इस तरह के केस में, आपको निप्पल शील्ड का इस्तेमाल करना चाहिए।कई महिलाओं को मासिकधर्म बच्चे के जन्म देने के दो महीने बाद शुरू होते है। इस अवस्था में स्त्रियां काफी उलझन में रहती है कि कहीं उनके स्तनपान से बच्चे या स्वयं को कोई तकलीफ तो नहीं हो गई। एक बार मासिकधर्म शरू हो जाने के बाद भी आपको बच्चे को स्तनपान कराने के दौर तक उतार-चढ़ाव आता रहता है। जैसे ही आप बच्चे को स्तनपान करवाना बंद कर देती है, तभी से आपको मासिकधर्म सामान्य रूप से आने लगता है।
मासिकधर्म से, स्तनपान पर पड़ने वाला प्रभाव निम्न है:
1) फर्टिलिटी रिटर्न : डिलीवरी के बाद पहले मासिकधर्म आने से स्त्रियों को फिर से फर्टिलिटी हो सकती है। ऐसा में आपको बच्चे को स्तनपान कराने का मन नहीं करता है जिससे स्तनपान की प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ता है।
2) हारमोन्स में परिवर्तन : मासिकधर्म के दौरान शरीर के हारमोन्स में परिवर्तन होता है। इस वजह से स्त्रियों के मूड में बदलाव आता है और शारीरिक परिवर्तन भी होते है। ऐसे में हो सकता है कि स्त्रियों को मासिकधर्म के दिनों में स्तनों कराने से दर्द होता होगा।
3) स्वाद में बदलाव : मासिकधर्म के दौरान, हारमोन्स में परिवर्तन आने से ब्रेस्टमिल्क के स्वाद में भी परिवर्तन आ जाता है जिसकी वजह से बच्चा दूध पीने से कतराते हों।
4) सिरदर्द : मासिकधर्म शरू होने से पहले सिरदर्द होना एक स्वाभाविक लक्षण है। मासिकधर्म के दौरान हारमोन्स में परिवर्तन आने से स्तनपान कराने पर स्त्रियों को तनाव महसूस होता है और सिर में दर्द होता है।
5) ब्रेस्टमिल्क में कमी : डिलीवरी के बाद, मासिकधर्म के शुरू होने पर स्तनपान कराने पर ब्रेस्टमिल्क में कमी रहती है। हारमोन्स में परिवर्तन आने की वजह से शरीर में दूध के बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है जिससे स्तनपान की प्रक्रिया प्रभावित होती है। ऐसी स्थिति में बॉडी में ब्लड़ सप्लाई करने वाले नेचुरल प्रोडक्ट का सेवन करना चाहिए।
6) निप्पल में दर्द : क्या आपको मासिकधर्म के दौरान निप्पल में दर्द होता है। अगर ऐसा
7) लगातार स्तनपान : स्तनपान के दौरान मासिकधर्म सामान्य नहीं होते है। मासिकधर्म शुरू हो जाने का मतलब यह नहीं होता है कि आप बच्चे को स्तनपान न कराएं। उन दिनों में आपको बच्चे को लगातार स्तनपान कराते रहना चाहिए, इससे स्तनों में दूध निकलता रहता है और अन्य समस्याएं पैदा नहीं होती है।
गर्भावस्था संबंधी अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें-
गर्भावस्था
गर्भावस्था में भोजन
गर्भावस्था के लक्षण
No comments:
Post a Comment