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Monday, 6 January 2014

heart diseases, Fatness, No side effect of sugar of fruits, vegetable and hunney




अक्सर मोटापे की बीमारी के लिए फलों, सब्जियों और शहद में प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली शर्करा को दोष दिया जाता है जिसकी वजह से अक्सर चिकित्सक इसकी अधिक मात्रा में सेवन करने से माना करते हैं लेकिन एक शोध से पाया गया है कि दिल की बीमारियों में फल,
सब्जियों और शहद में पाए जाने वाला शर्करा का कोई बूरा प्रभाव नहीं पड़ता। सेंट माइकल्स अस्पताल के क्लीनिकल न्यूट्रीशन एंड रिस्क फैक्टर मोडिफिकेशन सेंटर के शोधकर्ता जॉन सीवेनपाइपर ने कहा है कि फल-शर्करा का प्रतिकूल प्रभाव तभी पड़ता है जब ज्यादा कैलोरी का योगदान होता है। सीवपाइपर ने बताया है कि फल-शर्करा, परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट से अलग कोई व्यवहार नहीं करती। जब फल-शर्करा को अधिक कैलोरी मिलती है तो यह बढ़ता है। एथरोस्लेरोसिस जर्नल में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया कि दिल की बीमारियों के खतरे के निर्धारण के लिए रक्त ग्लूकोज स्तर के मानक परीक्षण के अलावा ट्रिग्लिसेरिड्स की जांच लोगों के लिए सामान्य हो रही है। फल-शर्करा साधारण शर्करा है जो ग्लूकोज के साथ मिलकर टेबल चीनी का आधार- इक्षुशर्करा (सुक्रोज) बनाती है। यह उच्च फलशर्करा वाले कॉर्न सिरप में भी पाई जाती है. शरीर ग्लूकोज और फल-शर्करा (फ्रुक्टोज) का उपापचय बहुत अलग तरीके करता है।

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