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Wednesday, 19 March 2014

पनीर की भुर्जी

पनीर की भुर्जी का स्वाद लाजबाव होता है और इसे बनाना भी बेहद आसान है। इसे आप कभी भी मिनटों में बना कर खा सकते हैं। तो आइये आज पनीर भुर्जी बनाएं।
आवश्यक सामग्री:

  •     पनीर - 250 ग्राम
  •     घी या तेल - 1 टेबल स्पून
  •     जीरा - एक चौथाइ छोटी चम्मच
  •     हल्दी पाउडर - 2-3 चुटकी
  •     हरी मिर्च - 1-2 (बारीक कतर लीजिये)
  •     अदरक - 1 इंच लंबा टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ)
  •     मटर - आधी कटोरी (छिली हुई)
  •     शिमला मिर्च - 1 छोटी (बारीक कटी हुई)
  •     टमाटर - 1 (छोटा कटा हुआ)
  •     गरम मसाला - 1/6 छोटी चम्मच
  •     नमक - स्वादानुसार (आधी छोटी चम्मच)
  •     हरा धनिया - 1 टेबल स्पून (बारीक कतरा हुआ)

विधि:
पनीर की भुर्जी बनाने के लिए सबसे पहले पनीर को कद्दूकस करके रखे लें। फिर सारी सब्जियों को धोकर काट लें।
उसके बाद कढ़ाई में घी गर्म करें और उसमें जीरा डाल कर भून लें। फिर उसमें हल्दी पाउडर, हरी मिर्च, अदरक, मटर के दाने, शिमला मिर्च और टमाटर डाल कर अच्छी तरह भूनें। इसके बाद पनीर, नमक व गरम मसाला डाल कर सबको अच्छी तरह मिला लें।पनीर भुर्जी तैयार है। अब इसे किसी प्याले में निकाल कर हरे धनिये से सजाइये और गरमा गरम पराठे, चपाती या नान के साथ परोस कर खाइये।

Monday, 17 March 2014

हेल्थ टिप्स- पहला सुख निरोगी काया


अगर आराम की नींद सोना चाहते हैं तो सोते समय 'चिंता' न करें और भगवान का 'चिंतन' करें।
पाचन शक्ति ठीक रखने के लिए सही समय पर भोजन करें और भोजन को अच्छी तरह चबा-चबाकर खाएं।
अगर यौनशक्ति ठीक रखनी हो तो कामुक चिंतन न किया करें और सप्ताह में एक से अधिक बार सहवास न किया करें।
अगर आप अधिक अण्डा, मांस खाते हैं और शराब पीते हैं तो अण्डा, मांस खाने से शरीर मोटा-तगड़ा जरूर हो सकता है पर कुछ बीमारियां भी इसी से पैदा होती हैं। शराब पीने से आनंद नहीं आता, बेहोशी आती है और बीमारियां होती हैं।
भोजन करते समय और सोते समय किसी भी प्रकार की चिंता, क्रोध या शोक नहीं करना चाहिए। भोजन से पहले हाथ और सोने से पहले पैर धोना तथा दोनों वक्त मुंह साफ करना हितकारी होता है।
यदि आप मुफ्त में स्वस्थ और चुस्त बने रहना चाहते हैं तो आपको तीन काम करना चाहिए। पहला तो प्रातः जल्दी उठकर वायु सेवन के लिए लम्बी सैर के लिए जाना और दूसरा ठीक वक्त पर खूब अच्छी तरह चबा-चबाकर खाना तथा तीसरा दोनों वक्त शौच अवश्य जाना।
बीमारी की अवस्था में, बीमारी से मुक्त होने के बाद, भोजन करने के बाद, परिश्रम या यात्रा से थके होने पर प्रातःकाल तथा सूर्यास्त के समय और उपवास करते समय विषय भोग करना बहुत हानिकारक होता है।
यदि आप सुख चाहते हैं तो दुःख देने वाला काम न करें, यदि आप आनंद चाहते हैं तो स्वास्थ्य की रक्षा करें। यदि आप स्वास्थ्य चाहते हैं तो व्यायाम और पथ्य का सेवन करें। संसार के सब सुख स्वस्थ व्यक्ति ही भोग सकता है। कहा भी गया है- पहला सुख निरोगी काया।
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Friday, 14 March 2014

गर्दन की चर्बी हटाने के लिए योगाभ्यास

उम्र बढ़ने के साथ गर्दन की त्वचा ढीली पड़ने लगती है जो नैचुरल है लेकिन मोटापे बढ़ने के कारण भी गर्दन की चर्बी बढ़ जाती है जिसकी वजह से आप बुढ़े दिखने लगते हैं और चेहरे की सुंदरता नष्ट होने लगती है। ऐसे में खुबसुरत दिखने के लिए योग का अभ्यास आप के लिए बहुत लाभ दायक है-
ब्रह्म मुद्रा- योग में इसका स्थान बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। शाम को प्रार्थन करते समय इस मुद्रासन को किया जाता रहा है, क्योंकि इस आसन में गर्दन को चारों दिशा में घुमाया जाता है।
अभ्यास के लिए पद्मासन, सिद्धासन या वज्रासन में बैठकर कमर तथा गर्दन को सीधा रखते हुए गर्दन को धीरे-धीरे दाईं ओर ले जाएं। कुछ सेकंड दाईं ओर रुकें, उसके बाद गर्दन को धीरे-धीरे बाईं ओर ले जाएं। कुछ सेकंड तक बाईं ओर रुककर फिर दाईं ओर ले जाएं, फिर वापस आने के बाद गर्दन को ऊपर की ओर ले जाएं। उसके बाद नीचे की तरफ ले जाएं। फिर गर्दन को क्लॉकवाइज और एंटीक्लॉकवाइज घुमाएं। इस तरह यह एक चक्र पूरा हुआ। अपनी सुविधानुसार इसे 4 से 5 चक्रों में करे। इससे गर्दन की अधिक चर्बी कम होती है और आप सुंदर दिखते हैं।
सावधानियां- जिन्हें सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस या थॉइराइड की समस्या है वे ठोड़ी को ऊपर की ओर दबाएं। गर्दन को नीचे की ओर ले जाते समय कंधे न झुकाएं। कमर, गर्दन और कंधे सीधे रखें। गर्दन या गले में कोई गंभीर रोग हो तो योग चिकित्सक की सलाह से ही यह मुद्रासन करें।
लाभ- जिन लोगों को सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, थॉइराइड ग्लांट्स की शिकायत है उनके लिए यह आसन लाभदायक है। इससे गर्दन की मांसपेशियां लचीली तथा मजबूत होती हैं। आध्यात्मिक दृष्टि से भी यह आसन लाभदायक है। आलस्य भी कम होता जाता है तथा बदलते मौसम के सर्दी-जुकाम और खांसी से छुटकारा भी मिलता है।

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Wednesday, 12 March 2014

तोंद कम करने के सरल उपाय


अनियमित और मसालेदार भोजन के अतिरिक्त आरामदायक रहन-सहन के कारण तोंद एक आम समस्या बन गई है जो डायबिटीज और हार्टअटैक जैसे रोग का कारण बन गया है। तोंद कई अन्य रोगों को भी जन्म देती है जिसकी वजह से व्यक्ति शारीरिक रूप से सभी अच्छा फिल नहीं कर पाता। मोटापे के दौरान कमर और पेट के आसपास इकट्ठा हुई अतिरिक्त चर्बी से किडनी और मूत्राशय में भी परेशानी आने लगती है। इससे रीढ़ की हड्डी पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ता है जिससे कमर दर्द और साइड दर्द होता रहता है। अगर आप तोंद से छुटकारा पाकर फिर से उसे पेट बनाने की सोच रहे हैं तो आप इन टीप्स को अपने। इन में से किसी भी एक उपाय को नियमित 1 माह तक करने से लाभ नजर आएगा।
fatness
Obesity
डाइट पर नियंत्रण : यह बहुत जरूरी है लेकिन कुछ लोगों के लिए यह बहुत कठिन टॉस्क है तो वे मानस‌िक उपाय करें। जब उनके सामने फैटी डाइट हो तो वे उससे होने वाले नुकसान के बारे में सोचें और अपनी तोंद को देंखे।
ओवर इटिंग से बचना जरूरी है। कोई भी बहाना न बनाएं। खुद के साथ न्याय करें।
योगा टिप्स : प्रतिदिन अंग संचालन करें। सावधान की मुद्रा में खड़े रहकर दोनों हाथों की हथेलियों को कमर पर रखें फिर कमर को क्लॉकवाइज और एंटी-क्लॉकवाइज 10-10 बार घुमाएं।
नौकासन करें : नियमित रूप से यह आसन न सिर्फ पेट की चर्बी कम करने में मददगार है बल्कि शरीर को
लचीला बनाने से लेकर पाचन संबंधी समस्याओं में यह काफी फायदेमंद साबित हुआ है।

Tuesday, 4 March 2014

महिलाएं हो जाती हैं मोटी

महिलाओं में मोटापे की परेशानी। वैसे तो मोटापा स्त्री-पुरुष दोनों में होता है लेकिन आज-कल महिलाओं में यह ज्‍यादा देखने को मिलता है। विशेषज्ञों के अनुसार महिलाओं में मोटापा, न केवल गलत
खान-पान की आदत से होता है, बल्कि मासिक धर्म की अनियमितता से भी होता है। मोटापा कम करने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि महिलाओं में मोटापा बढ़ने का क्‍या कारण है और
इसको किस तरह कम किया जा सकता है। अगर आप भी महिला हैं, और बढ़ते वजन से परेशान हैं, तो इसे पढ़े। किस-किस जगह आता है मोटापा-
जांघे- थाई का स्‍थान सबसे पहले बढ़ता है, क्‍योंकि जबमासिक धर्म में अवरोध उत्पन्न होता है तो जांघे मोटी होने लगती हैं और इतनी मोटी हो जाती हैं कि चलने फिरने में भी परेशानी आने लगती है।
पेट- पेट का बढ़ना आमतौर पर शौच और पीरियड पर ही निर्भर करता है और दर्द भी रहने लगता है। इससे भूख कम हो जाती है और गैस बनने लगती है। साथ ही पेट भारी रहने लगता है।
कमर- लंबे समय तक मोटापा कमर पर ही दिखाई देता है। फिर शरीर फैलने लगता है और बढ़े हुए वजन की वजह से घुटनों पर असर पड़ता है और वह दर्द करने लगता है।
छाती और पीठ- छाती और पीठ पर टाइट कपड़े पहनने से यह बढ़ता है। मोटापा मिटाने का मूल मंत्र इनपुट कम आउटपुट ज्‍यादा- इनपुट कम करें, आउटपुट बढ़ाएं यानी खाने में ऐसे पदार्थों का
इस्‍मेमाल करें, जो आउटपुट बढ़ाते हैं। फल निष्‍कासन को तेज करते हैं जैसे नींबू पानी, गर्म पानी, छाछ, गुनगुना आंवला रस या कोई फल जैसे पपीता, अंगूर, अनार, संतरा, मौसमी आम या सब्‍जियां
लौकी, पत्‍तागोभी, फूलगोभी और बैगन का प्रयोग करें।
योग- मोटापे को कम करने के लिए योग बहुत ही बेहतर उपाय है। योग में चक्‍की संचालन, साइकलिंग, धनुरासन और अश्‍वासन मुख्‍य है।
मासज- मसाज पूरे शरीर के खून को सर्कुलेट करने में मदद करती है। इसके साथ ही मसाज मोटापे को कम करने का भी काम आसान करती है।
सूर्य स्‍नान- इससे जमा हुआ फैट बाहर निकलता है, कैल्शियम डी-1, डी-2, डी-3 की पूर्ती करता है। इसलिए 30 से 50 मिनट सूर्य स्‍नाना करना चाहिये। यह मोटापा कम करता है।
मोटापा बढ़ाने वाला तत्‍व- केला, अरबी, भिंडी, मैदा, मिठाइयां, सॉस, लंबे समय तक बैठना, दिन में सोना और बार बार खाना अधिक मोटापा बढ़ाता है। गरिष्‍ट और भारी भोजन शरीर में लंबे समय तक
रुकता है। क्‍या करें-
1.दिनभर गर्म पानी पीने की उपेक्षा सूर्य की रोशनी में रखा हुआ पानी पीना फायदेमंद है।
2. नीबू को बार-बार गर्म पानी में डाल कर न पिंए, सादे पानी से लें। गर्म पानी से कभी कभी ले सकते हैं पर इससे कमजोरी आने लगती है।
3. चाय के साथ नमकीन, ब्रेड और बिस्‍कुट नहीं लेना चाहिये। सिंपल चाय पिंए और चाय पीने के 10 मिनट बाद पानी पींए, मोटापा कम होगा।
4. पेट में जमने वाली वस्‍तु जैसे चॉक्‍लेट, टॉफी, ब्रेड, बिस्‍कुट आदी से परहेज करें। इन्‍हें बार-बार नहीं खाएं।

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