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Friday, 14 March 2014

गर्दन की चर्बी हटाने के लिए योगाभ्यास

उम्र बढ़ने के साथ गर्दन की त्वचा ढीली पड़ने लगती है जो नैचुरल है लेकिन मोटापे बढ़ने के कारण भी गर्दन की चर्बी बढ़ जाती है जिसकी वजह से आप बुढ़े दिखने लगते हैं और चेहरे की सुंदरता नष्ट होने लगती है। ऐसे में खुबसुरत दिखने के लिए योग का अभ्यास आप के लिए बहुत लाभ दायक है-
ब्रह्म मुद्रा- योग में इसका स्थान बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। शाम को प्रार्थन करते समय इस मुद्रासन को किया जाता रहा है, क्योंकि इस आसन में गर्दन को चारों दिशा में घुमाया जाता है।
अभ्यास के लिए पद्मासन, सिद्धासन या वज्रासन में बैठकर कमर तथा गर्दन को सीधा रखते हुए गर्दन को धीरे-धीरे दाईं ओर ले जाएं। कुछ सेकंड दाईं ओर रुकें, उसके बाद गर्दन को धीरे-धीरे बाईं ओर ले जाएं। कुछ सेकंड तक बाईं ओर रुककर फिर दाईं ओर ले जाएं, फिर वापस आने के बाद गर्दन को ऊपर की ओर ले जाएं। उसके बाद नीचे की तरफ ले जाएं। फिर गर्दन को क्लॉकवाइज और एंटीक्लॉकवाइज घुमाएं। इस तरह यह एक चक्र पूरा हुआ। अपनी सुविधानुसार इसे 4 से 5 चक्रों में करे। इससे गर्दन की अधिक चर्बी कम होती है और आप सुंदर दिखते हैं।
सावधानियां- जिन्हें सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस या थॉइराइड की समस्या है वे ठोड़ी को ऊपर की ओर दबाएं। गर्दन को नीचे की ओर ले जाते समय कंधे न झुकाएं। कमर, गर्दन और कंधे सीधे रखें। गर्दन या गले में कोई गंभीर रोग हो तो योग चिकित्सक की सलाह से ही यह मुद्रासन करें।
लाभ- जिन लोगों को सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, थॉइराइड ग्लांट्स की शिकायत है उनके लिए यह आसन लाभदायक है। इससे गर्दन की मांसपेशियां लचीली तथा मजबूत होती हैं। आध्यात्मिक दृष्टि से भी यह आसन लाभदायक है। आलस्य भी कम होता जाता है तथा बदलते मौसम के सर्दी-जुकाम और खांसी से छुटकारा भी मिलता है।

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