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Friday, 13 March 2015

Kaph Prakop Aur Shaman

कफ प्रकोप और शमन


कफ प्रकृति के व्यक्ति की बुद्धि गंभीर होती है।
मीठा, चिकना, ठंडा तथा गुरु पाकी आहारों के सेवन से सुबह के समय में भोजन करने के बाद में परिश्रम न करने से कफ प्रकुपित होता है और उपरोक्त कारणों के विपरीत आचरण करने से शान्त होता है।
कफ प्रकृति के लक्षण- 
कफ प्रकृति के व्यक्ति की बुद्धि गंभीर होती है। शरीर मोटा होता है तथा बाल चिकने होते हैं। उसके Body में बल अधिक होता हैं, निद्रावस्था में जलाशयों (नदी, तालाब आदि) को देखता है, अथवा उसमें तैरता है। 
कफ रोग निवारक औषधियां  
1-सर्दी व जुकाम 

  • काली मिर्च का चूर्ण (Powder) 1 gram सुबह में खाली पेट जल के साथ Daily लेते रहने से सर्दी जुकाम की Problem दूर होती है। 
  • दो लौंग कच्ची, दो लौंग भुनी हुई को के साथ पीस लें और शहद में मिलाकर सुबह में खाली पेट और रात को खाने के आधा घंटे के बाद लिजिएं, कफ वाली खांसी में आराम आ जायेगा। 
2- श्वासनाशक कालीहल्दी 
कालीहल्दी को जल में घिसकर 1 spoon लेप बनायंे। साथ ही 1 spoon शहद के साथ सुबह में खाली पेट औषधि morning 60 दिन खाने से दमा रोग में आराम बन जाता है।
3- कफ पतला हो तथा सूखी खांसी सही हो
शिवलिंगी, पित्त पापड़ा, जवाखार, पुराना गुड़, यह सभी बराबर भाग लेकर पीसें और जंगली बेर के बराबर गोली बनाइयें। एक गोली मुहं में रखकर उसका दिन में 2-3 time रस चूसें। यह कफ को पतला करती है, जिसकी वजह से कफ बाहर निकल जाता है तथा सूखी खांसी भी सही होती है।  
4- दमा रोग
20 grams गौमूत्र अर्क में 20 grams शहद मिलाकर Daily सुबह में खाली पेट 90 दिन तक पी लेने से दमा रोग में आराम बन जाता है। इसे लगातार भी लिया जा सकता है, दमा, टी.वी. हृदय रोग और समस्त उदर रोगों में भी लाभदायक है।
5- कुकुर खांसी
धीमी आंच में लोहे के तवे पर बेल की पत्तियों को डालकर भूनते-भूनते जला डालिजिएं। फिर उन्हें के साथ पीस लें और ढक्कन बन्द डिब्बे में रख लिजिएं और दिन में Three or Four Times सुबह, दोपहर, शाम और रात सोते Time एक माशा मात्रा में 10 grams शहद के साथ चटायें, कुछ ही दिनों के सेवन से कुकुर खांसी ठीक हो जाया करती है। यह औषधि हर प्रकार की खांसी में लाभ करती है।
6- गले का कफ
पान का पत्ता 1 नग, हरड़ छोटी 1 नग, हल्दी आधा Grams, अजवायन 1 gram, काला नमक जरूरत के अनुसार, एक गिलास जल में डालकर पकायें आधा गिलास रहने पर गरम-गरम दिन में दो बार पियें । इससे कफ पतला होकर निकल जायेगा। रात को सरसों के तेल की मालिश गले तथा छाती व पसलियों में करें।
Related Links:  अायुर्वेद से इलाज  | हरी चाय से रोगों का उपचार

1 comment:

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