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Wednesday, 15 January 2014

how to control irritation and make happy life

क्यों आता है गुस्सा?
गुस्सा भी मानव भावनाओं का एक प्रकार है लेकिन जब यह भावना आदत बन जाती है तो आप के साथ-साथ दूसरों पर भी इसका गंभीर प्रभाव पड़ने लगता है। अगर आप को गुस्सा अधिक आता है तो आप को चाहिए कि आप अपने गुस्से की सही वजह को पहचाने और उन पर नियंत्रण रखें। गुस्सा एक नेचुरल इमोशन है जो चिड़चिड़ाहट, निराशा और इच्छा अनुसार काम न होने की दशा में उत्पन्न होता है। किसी हल्की झुंझलाहट से लेकर आक्रमक स्थिति को गुस्से के तौर पर परिभाषित किया जा सकता है। हम जानते हैं कि गुस्सा एक नेचुरल इमोशन है जिससे पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता है लेकिन नियंत्रन किया जा सकता है। गुस्सा आना बिल्कुल नॉर्मल है लेकिन अगर गुस्से की वजह से आप और आप के साथ रहने वाले दोस्त और परिवार वाले को नकसान पहुच रहा हो तो इस पर नियंत्रन करना आवश्यक हो जाता है।
गुस्से पर काबु पाने के लिए जरूरी है मानसिक स्वास्थ्यता
गुस्से पर काबू पाने के लिए सबसे पहला कदम यह है कि आप गुस्से को कभी अपने पर हावी मत होने दें। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने मन को शांत रखें और सोचे की गुस्सा क्यू आ रहा है? और इसे गुस्से से आप को क्या लाभ मिलेगा? और क्या नुकसान होगा? क्या आप के गुस्से से आप का काम सही प्रकार से हो जाएगा? क्या आप की परेशानी दुर हो जाएगी? अगर गुस्सा करने से काम नहीं बनता तो गुस्सा करना व्यर्थ है। ऐसे में यह देखे कि आप अगर गुस्से के स्थान पर शांत रहेंगे तो अच्छे से सोच पाएंगे और अपने काम को सफलता पूर्वक कर पाएंगे। गुस्सा आने पर भी अगर आप शांत रहेंगे तो आपकी सोच व्यापक होगी और आप दूसरों के पक्ष को समझ पाएंगे। इसके लिए मानसिक रूप से स्वास्थ्य रहना आवश्यक है। दिमाग को शांत और संतुलन हमेशा बना रखना चाहिए, लेकिन ऐसी स्थिति हासिल करने के लिए लंबी प्रैक्टिस की जरूरत है। अपने गुस्से को शांत रखने के लिए शुरू में सिर्फ 10 मिनट का समय तय करें और मन में ठानें कि इन 10 मिनटों के दौरान मुझे शांत रहना है। चाहे जो हो जाए, मैं अपना मानसिक संतुलन इन 10 मिनटों के दौरान नहीं खोऊंगा, अपने गुस्से पर शांत रखुंगा। धीरे-धीरे वक्त बढ़ाते जाएं। 10 से 15 मिनट, 15 से 20... धीरे-धीरे ऐसी स्थिति आ जाएगी कि मानसिक रूप से शांत और संतुलित रहना आपकी आदत बन जाएगी। इस तरह आप शांत रहकर अपने गुस्से पर काबू पा सकते हैं और अपने जीवन में खुश रह सकते हैं।

गुस्से पर नियंत्रन के लिए योग बहुत लाभकारी है इसका रोजना अभ्यास गुस्से पर नियंत्रन के साथ मन को भी स्वस्थ्य रखता है। योगा से संबंधित अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें- 


Tuesday, 14 January 2014

Increase reproduction power by taking red meet


रेड मीट से बढ़ता है प्रजनन क्षमता
प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाले आहार के बारे में हमेशा ही बाते होती रहती है। अभी हाल में ही वैज्ञानिकों द्वारा किए गए शोधों में वैज्ञानिकों ने रेड मीट में ऐसे पोषक तत्‍वों की खोज करने का दावा किया है, जो प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदत करता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि रेड मीट और सुअर के मांस में ऐसे पोषक
तत्‍व पाए जाते हैं जो किसी व्‍यक्ति की प्रजनन क्षमता को बढ़ा सकते हैं।  उन्होंने बताया कि ऐसे लोग जो परिवार बढ़ाने की इच्‍छा रखते हैं, उनके लिए इन पदार्थों का सेवन फायदेमंद रहेगा।
अब वैज्ञानिक शोधों के द्वारा भी यह पुष्टि हो चुकी है कि रेड मीट में पाया जाने वाला पौष्टिक तत्व वास्तव में प्रजनन क्षमता को बढ़ाता है।
ठीक उसी तरह सुअर का मांस में भी सेलेनियम काफी मात्रा में होता है तथा इसका सेवन वयस्कों में सेलेनियम के स्तर में वृद्धि करता है जो सामान्य प्रजनन क्षमता को बढ़ाने लाभकर है।
विटामिन बी-6 भी प्रजनन और गर्भधारण के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है और रेड मीट में विटामिन बी-6 प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
रक्सटन ने अपने इस शोध में बताया कि, "वयस्कों को हफ्ते में 500 ग्राम रेड मीट के सेवन करना चाहिए। इस प्रकार हफ्ते में 4 या 5 बार अलग-अलग पशुओं के मांस का सेवन करना चाहिए। यह प्रजन्न क्षमता को बढ़ाने में बहुत मदत करता है। 

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Monday, 13 January 2014

Fat reduce by exercise

व्यायाम करने से मांसपेशियों से चर्बी घटती है। एक अध्ययन से पता चला है कि व्यायाम के दौरान हमारी मांसपेशियों में एक प्रकार का पदार्थ स्राव होता है जो चर्बी कम करने में हमारी मदद करता है।
मैसाचुसेट्स जनरल हास्पिटल में नियुक्त तथा अध्ययन के वरिष्ठ लेखक रॉबर्ट गेर्सटेन ने कहा कि व्यायाम के दौरान मांसपेशियों से उत्सर्जित संकेत रक्त परिसंचरण के जरिए वसा उत्तकों एवं लीवर तक पहुंचकर उन्हें प्रभावित करता है।
शोधकर्ताओं को हालांकि पहले से पता था कि पीजीसी-1 नामक प्रोटीन मांसपेशियों में उपापचयी गुणसूत्रों को नियंत्रित करता है तथा मांसपेशियों को व्यायाम के दौरान प्रतिक्रिया करने में मदद करता है लेकिन यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि पीजीसी-1 प्रोटीन अन्य उत्तकों तक संकेत कैसे पहुंचाते हैं।
गेर्सटेन और उनके सहयोगियों ने जब पीजीसी-1 को सक्रिय करने के बाद उत्तकों द्वारा स्रावित चयापचयों की परीक्षण किया तो उन्हें एक ऐसा चयापचय `अमीनोआइसोब्यूटीरिक एसिड` दिखा जो गुणसूत्रों में वसा उत्तकों की सक्रियता को बढ़ाता है, जो शरीर से कैलोरी की मात्रा कम करने के लिए उत्तरदायी होता है। 

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Sunday, 12 January 2014

Make happy life, forget tension


आज के भाग-दौर भरी जिन्दगी में अवसाद, सीज़ोफ्रेनिया और विभाज्य व्यलक्तिपत्वह विकार जैसी मा‍नसिक रोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। हमारे देश में लगभग एक करोड़ लोग मानसिक समस्याओं से जूझ रहे हैं और उन्हें उचित इलाज नहीं मिलता। लोगों हमेशा चिंतित रहते हैं और जितना चिंता करते हैं मानसिक परेशानी और बढ़ती जाती है।
साइकोलाजिस्ट के अनुसार अगर आप स्वयं को पसंद नहीं करते, अकारण चिंताग्रस्ते रहते हैं, किसी भी काम को करने में आपका मन नहीं लगता, आप में चि़ड़चिड़ापन है तो आप को साइकोलाजिस्ट से मिलने में देरी नहीं करनी चाहिए। अगर आप किसी बात को लेकर परेशान हैं, तो उस विषय में अपने प्रियजनों से बातें करें। अपनी इच्छाओं व विचारों को स्पष्ट रूप से दूसरों पर जाहिर करने से ना केवल आपका तनाव कम होगा बल्कि आपके सम्बन्ध भी अच्छे बनेंगे।

Apple for healthy life

हमारे देश में एक बहुत पुरानी कहावत है अगर आप डाक्टर से बचना चाहते हैं तो सेब खायें। क्या आप जानते हैं कि सेब एक नकारात्मक कैलोरी वाला आहार है जिसके सेवन से शरीर स्वस्थ्य और फिट रह सकता है। अधिकांश फल और सब्जियां सर्दियों के मौसम में होते हैं अतः एक प्रकार से हम कह सकते हैं कि सर्दियों का मौसम फलों व सब्जि़यों का होता है। लेकिन सेब के जूस का प्रयोग आप किसी भी मौसम में कर सकते हैं। सेब के जूस में एण्टी आक्सिडेंट्स होते हैं और यह कैंसर से शरीर की सुरक्षा करते हैं। स्वस्थ रहना है तो हर मौसम में मिलने वाले इस फल का आनंद लें, जो स्वाद में तो अच्छा है ही, स्वास्थ्य के लिए भी बहुत लाभप्रद है।


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