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Wednesday 6 November 2013

top 5 balance diet for weight control


वेट कंट्रोल करने के लिए टॉप 5 बैलेंस डाईट
1. स्वास्थ्य के लिए सलाद है बेस्ट:
सुबह व शाम के भोजन के साथ सलाद लेना बहूत लाभकारी है क्योंकि इसमें कम कैलोरी और हाई फाइबर होता है जिन्हें कम कैलोरी और हाई फाइबर वाला फूड लेना आवश्यक है उनके लिए सलाद बहुत बेस्ट माना गया है। सलाद के लिए प्रयोग में आने वाली कच्ची सब्जियों व फलों में एंटी ऑक्सीडेंट,  नेचुरल एंजाइम्स और फाइबर्स होते हैं, जो शरीर के कोलेस्ट्रॉल को कम करने के साथ ही भोजन के पाचन में भी सहायक होते हैं। अपने रेगुलर डाईट में सलाद का उपयोग करने से वजन नियंत्रित रहता है और आप मोटापे जैसी बीमारी से बचते हैं। यदि आप स्वस्थ रहना चाहते हैं तो आपको रोजाना कम से कम एक बड़ा कप ग्रीन सलाद खाना चाहिए।

2. छिलके वाली दालों को अपने डाईट में सामिल करना न भूले:
छिलके वाली दालों में प्रोटीन, फोलिक एसिड, विटामिन-ए, विटामिन-बी आदि भरपूर मात्रा में होता है। दाल कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता हैं। अत: इसे अपने रोजाना डाईट में शामिल करना न भूलें। यह मोटापे को नियंत्रित करने में भी उपयोगी होता है।

3. स्वास्थ्य के लिए जरूरी है पीले व खट्टे फलों सेवन:
स्वास्थ्य की दृष्टि से खट्टे फल काफी गुणकारी होते हैं क्योंकि खट्टे पीले व नारंगी रंग के फलों में बीटा केरोटिन व एंटीऑक्सीडेंट्‌स, विटामिन सी, कैल्शियम, मिनरल, फाइबर्स आदि भरपूर मात्रा में होता है जो शरीर के विकास के लिए काफी उपयोगी हैं। चर्बी को कम करने के लिए नींबू का सेवन करने काफी उपयोगी है क्योकि इसमें मौजूद पेक्टिन शरीर में जमा चर्बी को गलाता है और पाचन प्रक्रिया को भी धीमा करता है। डाइबीटीज, कैंसर, एनीमिया, मोतियाबिंद, अस्थमा आदि रोगों में खट्टे फलों का सेवन लाभदायक होता है क्योंकि इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढती है। खट्टे फलों में नींबू का रस वेट लॉस,  डेंटल केयर, फीवर, ब्लड प्यूरीफायर आदि में सहायक होता है।

4. जूस व ड्रिंक भी है स्वास्थ्यवर्धक:
यदि आप किसी भी तरह के जूस या ड्रिंक भोजन करने के बाद या पहले लेते हैं तो आप इस सर्द मौसम में भी छाछ, लस्सी, दही व फ्रूट जूस का सेवन कर सकते हैं। भोजन के बाद ली जाने वाली छाछ में दूध की अपेक्षा फैट की मात्रा कम होती है जो स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी लाभकारी है। नारियल में पोटेशियम की भरपूर मात्रा होती ह जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक होता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को भी बढाता है।
5. अंकुरित अनाज है स्वास्थ्य के लिए वरदान:
किसी भी सामान्य अनाज की अपेक्षा अंकुरित किए जाने वाले अनाज में पोषक तत्वों की मात्रा दुगुनी होती है। चना, मूँग, सोयाबीन, मटर आदि को अंकुरित करने से इनमें विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन, एंटी ऑक्सीडेंट आदि की भरपूरता आ जाती है। सर्दी के मौसम में भी नाश्ते में अंकुरित अनाज का सेवन करना लाभकारी है। भरपूर अंकुरित अनाज का सेवन सूप या सलाद के साथ भी कर सकते हैं।

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