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Sunday 20 April 2014

गर्मी के मौसम में कूल-कूल रखता है अंगूर

गर्मी का मौसम में अंगूर का सेवन करना बहुत लाभकारी माना गया है क्योंकि यह हमे न केवल शक्ति देता है  बल्कि हमे गर्मी में कूल भी रखता है। इन दिनों अंगूर बड़ी मात्रा में पाया जाता है। फलों में अंगूर सर्वोत्तम माना जाता है। यह एक शक्ति एवं सौन्दर्यवर्धक फल है। इसमें मां के दूध के समान पोषक तत्व पाए जाते हैं। स्वास्थ्य की दृष्टि से अंगूर के अनेक फायदे हैं-
अंगूर के दानों में पॉली-फेनोलिक फाइटोकेमिकल कंपाउंड पाए जाते हैं जो एंटीऑक्सीडेंट्स होता है। यह एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर को न केवल कैंसर से, बल्कि कोरोनरी हार्ट डिजीज, नर्व डिजीज, अल्जाइमर व वाइरल तथा फंगल इन्फेक्शन से लड़ने की शक्ति प्रदान करते हैं।
grapes is a best fruit in summer season अंगूर में सीमित मात्रा में कैलोरी, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, फैट, सोडियम, फाइबर, विटामिन ए, सी, ई व के, कैल्शियम, कॉपर, मैग्नीशियम, मैंग्नीज, जिंक और आयरन भी मिलता है।
शरीर के किसी भी भाग से रक्त स्राव होने पर अंगूर के एक गिलास ज्यूस में दो चम्मच शहद मिलाकर पिलाने पर रक्त की कमी दूर होती है जिसकी रक्तस्राव के समय क्षति हुई है।
अंगूर का पल्प ग्लूकोज व शर्करा युक्त होता है। विटामिन- ए पर्याप्त मात्रा में होने से अंगूर का सेवन भूख बढाता है, पाचन शक्ति ठीक रखता है,  आंखों, बालों एवं त्वचा को चमकदार बनाता है।
हार्ट-अटैक से बचने के लिए काले अंगूर का रस एस्प्रिन की गोली के समान कारगर है। एस्प्रिन खून के थक्के नहीं बनने देती है। काले अंगूर के रस में फ्लेवोनाइडस नामक तत्व होता है और यह भी यही कार्य करता है।
अंगूर फोडे-फुन्सियों एवं मुंहासों को सूखाने में सहायता करता है। अंगूर के रस के गरारे करने से मुंह के घावों एवं छालों में राहत मिलती है।
एनीमिया में अंगूर से बढ़कर कोई दवा नहीं है। उल्टी आने व जी मिचलाने पर अंगूर पर थोड़ा नमक व काली मिर्च डालकर सेवन करें।
पेट की गर्मी शांत करने के लिए 20-25 अंगूर रात को पानी में भिगों दे तथा सुबह मसल कर निचोडें तथा इस रस में थोड़ी शक्कर मिलाकर पीना चाहिए।
भोजन के आधा घंटे बाद अंगूर का रस पीने से खून बढ़ता है और कुछ ही दिनों में पेट फूलना, बदहजमी आदि बीमारियों से छुटकारा मिलता है।

गर्मी के मौसन में लाभकाकरी अन्य फलों के बारे में जानने के लिए क्लिक करें-

Thursday 17 April 2014

पेट और जांघों की चर्बी के लिए योगासन

अगर आप पेट और जांघ की चर्बी से परेशान हैं तो आप के लिए फायदेमंद है नौकासन
आज कल लोग अपनी बढ़ती तोंद या जांघों पर जमे चर्बी से बहुत परेशान है। अगर आप भी इस समस्या से ग्रस्त है और अपने आप को इससे छूटकारा पाना चाहते हैं तो आप रोजाना योगाभ्यास करें। चर्बी को कम करने के लिए सबसे अच्छा आसन है नौकासन।
इस आसन के अभ्यास के दौरान शरीर का आकार नौका जैसा हो जाता है इसलिए इसे नौकासन कहते हैं। यह शरीर को लचीला बनाता है, पेट और शरीर के निचले हिस्से पर जमा फैट्स को घटाता है और एब्स की टोनिंग करता है।
नौकासन की सही विधि
- इसे करने के लिए पहले मैट पर पीठ के बल सीधे लेट जाएं।
- अब सांस लेते हुए दोनों पैर ऊपर उठाएंऔर दोनों हाथों से पैर के पंजे छूने की कोशिश करें।
- इस स्थिति में शरीर का अग्रभाग और पैर, दोनों ही ऊपर की ओर होने चाहिए।
- कुछ सेकंड इस अवस्था में रहने के बाद सांस छोड़ते हुए लेट जाएं।
- कुछ सेकंड बाद इस प्रक्रिया को दोहराएं।
करीब 15 सेकंड के गैप पर इस प्रक्रिया को पांच बार दोहराएं और धीरे-धीरे इसकी संख्या बढ़ाते जाएं। इसे अधिकतम 30 बार कर सकते हैं। रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्या या बीपी के मरीज इस आसन को डॉक्टरी परामर्श के बाद ही करें।




Monday 14 April 2014

दिल को स्वस्थ रखेगा अलसी का तेल


अलसी में शरीर को फायदा पहुंचाने वाला ओमेगा थ्री तत्व अधिक पाया जाने के साथ ही दिल को नुकसान पहुंचाने वाले ओमेगा सिक्स के स्तर को भी नियंत्रित करने में सक्षम होता है।
oil of alasi is better for health
Linseed oil (अलीस का तेल)
अलसी के तेल में ओमेगा-3 अधिक होता है। ये अन्य तेलों से मिलने वाले ओमेगा सिक्स के स्तर को बराबर करता है। कुछ लोग खाने में अलसी का तेल दिन में एक बार जरूर इस्तेमाल करते हैं। बाजार में मिलने वाले तेल में फैट, ओमेगा थ्री और सिक्स के स्तर को जरूर देखना चाहिए क्योंकि इसमें पूफा (पीयूएफए-पॉली अनसेच्युरेटेड फैटी एसिड) और मूफा (एमयूएफए-मोनो सेच्युरेटेड फैटी एसिड) की मात्रा पाया जाता है। इसके बाद तय करें कि कौन सा खाद्य तेल आपके लिए सही रहेगा। प्रो. मिश्रा के अनुसार जो खाद्य तेल इस्तेमाल किया जाए उसमें सेच्युरेटेड फैट की मात्रा 10 फीसदी से कम होनी चाहिए। इसके अलावा पूफा-मूफा का स्तर चार अनुपात एक से अधिक नहीं होना चाहिए। यही नहीं, खाद्य तेल में ओमेगा थ्री और सिक्स का स्तर एक अनुपात चार से अधिक नहीं होना चाहिए। प्रो. मिश्रा के अनुसार खाद्य तेलों का इस्तेमाल कम से कम करना चाहिए। यदि सुबह सरसों का तेल का इस्तेमाल किया गया है तो शाम को किसी और तेल से खाना पकाना चाहिए। इस तरह खाने में अलसी तेल का उपयोग करने से दिल को होने वाले खतरे से बचा जा सकता है। दिल की बिमारी से बचने के लिए अपने भोजन में अलसी का तेल जरूर प्रयोग करें।

Tuesday 8 April 2014

आलू का कुछ खास इस्तेमाल


खाने में आलू न हो खाने का मजा नहीं आता। किसी-न-किसी रूप में आलू हमारे भोजन में शामिल हो ही जाता है। कभी सब्‍जी के रूप, तो कभी चिप्स या फ्रेंच फ्राइज के रूप में। आलू न सिर्फ खाने में, बल्कि साफ-सफाई के साथ घर के अन्‍य कामों में भी कारगर होता है।
जंग हटाए मिनटों में
आलू में ऑक्‍जेलिक एसिड होता है। इसलिए आप इसका यूज लोहे के बर्तन से जंग हटाने या शीशे आदि की सफाई के लिए भी कर सकते हैं। यह लोहे के बर्तन से जंग को काटकर उसे बिल्‍कुल साफ कर देता है। अगर धातु के सामान पर जंग का निशान ज्यादा गहरा हो, तो आलू पर नमक लगाकर रगड़ा जा सकता है। लेकिन इस विधि को आजमाने से पहले धातु के एक छोटे स्थान पर रगड़कर देख लें कि कहीं उससे धातु पर कोई निशान तो नहीं पड़ रहा।
शीशा चमकाने के लिए भी आलू का प्रयोग मुफीद है। पहले आलू को कांच पर रगड़ें, इसके बाद साफ कपड़े या कागज से कांच को पोंछ दें।
आलू का ब्यूटी फंडा
आलू का रस चेहरे के दाग-धब्बे और झुर्रियों को हटाने के साथ त्‍वचा की रंगत को भी निखारता है। इसमें मौजूद पोटैशियम, सल्फर, फास्फोरस और कैल्शियम की मात्रा त्वचा की सफाई में मदद करती है।
त्वचा पर नेचुरल ग्‍लो पाना चाहती हैं, तो हफ्ते में एक बार आलू का फेस मास्क लगाएं। कच्चे आलू को कद्दूकस कर मोटा पेस्ट बनाएं और पूरे चेहरे पर लगाएं। इसे चेहरे पर एक घंटे तक लगा कर रखें, इसके बाद चेहरा धो लें।
आलू में एंटी-इंफ्लेमेंट्री यानी सूजन दूर करने वाले तत्व पाए जाते हैं। अगर आंखें सूज गई हों, तो सूजन दूर करने के लिए खीरे के बजाय आप कटे हुए आलू के स्लाइसेज भी यूज कर सकते हैं।
हल्दी के इस्तेमाल से हाथ पीले दिख रहे हों या चुकंदर काटते हुए हाथ लाल हो जाएं, तो उन पर कटे हुए आलू रगड़कर हाथ साफ किए जा सकते हैं।

Monday 31 March 2014

डाइट ड्रिंक्स है, महिलाओं की सेहत के लिए बड़ा खतरा

ऐसी महिलाएं जो कैलोरी से बचने के लिए डाइट ड्रिंक्स का अधिक सेवन करती हैं उन्हे सावधान रहने के जरूरत है क्योंकि इससे कई रोग हो सकते हैं। सावधान हो जाएं।  हाल में हुए एक शोध के अनुसार डाइट लेबल
से बिकने वाले ड्रिंक्स के सेवन से ‌महिलाओं को उम्र बढ़ने के साथ-साथ डायबिटीज व दिल के रोगों का खतरा अधिक होता जा रहा है। यूनिवर्सिटी ऑफ लोवा के शोधकर्ताओं ने 60,000 महिलाओं के खानपान से जुड़े अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। शोधकर्ताओं का मानना है कि दिन में दो बार डाइट ड्रिंक पीने से महिलाओं को न केवल डायबिटीज बल्कि आगे चलकर दिल के दौरे व स्ट्रोक का रिस्क भी 30 प्रतिशत बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने माना कि डाइट ड्रिंक में इस्तेमाल होने वाला आर्टिफिशियल स्वीटनर शरीर में शक्कर की इच्छा को अधिक बढ़ाता है जो आग चलकर मोटापा और फिर मधुमेह के खतरे को बढ़ाता है।
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