खाने में आलू न हो खाने का मजा नहीं आता। किसी-न-किसी रूप में आलू हमारे भोजन में शामिल हो ही जाता है। कभी सब्जी के रूप, तो कभी चिप्स या फ्रेंच फ्राइज के रूप में। आलू न सिर्फ खाने में, बल्कि साफ-सफाई के साथ घर के अन्य कामों में भी कारगर होता है।
जंग हटाए मिनटों में
आलू में ऑक्जेलिक एसिड होता है। इसलिए आप इसका यूज लोहे के बर्तन से जंग हटाने या शीशे आदि की सफाई के लिए भी कर सकते हैं। यह लोहे के बर्तन से जंग को काटकर उसे बिल्कुल साफ कर देता है। अगर धातु के सामान पर जंग का निशान ज्यादा गहरा हो, तो आलू पर नमक लगाकर रगड़ा जा सकता है। लेकिन इस विधि को आजमाने से पहले धातु के एक छोटे स्थान पर रगड़कर देख लें कि कहीं उससे धातु पर कोई निशान तो नहीं पड़ रहा।
शीशा चमकाने के लिए भी आलू का प्रयोग मुफीद है। पहले आलू को कांच पर रगड़ें, इसके बाद साफ कपड़े या कागज से कांच को पोंछ दें।
आलू का ब्यूटी फंडा
आलू का रस चेहरे के दाग-धब्बे और झुर्रियों को हटाने के साथ त्वचा की रंगत को भी निखारता है। इसमें मौजूद पोटैशियम, सल्फर, फास्फोरस और कैल्शियम की मात्रा त्वचा की सफाई में मदद करती है।
त्वचा पर नेचुरल ग्लो पाना चाहती हैं, तो हफ्ते में एक बार आलू का फेस मास्क लगाएं। कच्चे आलू को कद्दूकस कर मोटा पेस्ट बनाएं और पूरे चेहरे पर लगाएं। इसे चेहरे पर एक घंटे तक लगा कर रखें, इसके बाद चेहरा धो लें।
आलू में एंटी-इंफ्लेमेंट्री यानी सूजन दूर करने वाले तत्व पाए जाते हैं। अगर आंखें सूज गई हों, तो सूजन दूर करने के लिए खीरे के बजाय आप कटे हुए आलू के स्लाइसेज भी यूज कर सकते हैं।
हल्दी के इस्तेमाल से हाथ पीले दिख रहे हों या चुकंदर काटते हुए हाथ लाल हो जाएं, तो उन पर कटे हुए आलू रगड़कर हाथ साफ किए जा सकते हैं।
जंग हटाए मिनटों में
आलू में ऑक्जेलिक एसिड होता है। इसलिए आप इसका यूज लोहे के बर्तन से जंग हटाने या शीशे आदि की सफाई के लिए भी कर सकते हैं। यह लोहे के बर्तन से जंग को काटकर उसे बिल्कुल साफ कर देता है। अगर धातु के सामान पर जंग का निशान ज्यादा गहरा हो, तो आलू पर नमक लगाकर रगड़ा जा सकता है। लेकिन इस विधि को आजमाने से पहले धातु के एक छोटे स्थान पर रगड़कर देख लें कि कहीं उससे धातु पर कोई निशान तो नहीं पड़ रहा।
शीशा चमकाने के लिए भी आलू का प्रयोग मुफीद है। पहले आलू को कांच पर रगड़ें, इसके बाद साफ कपड़े या कागज से कांच को पोंछ दें।
आलू का ब्यूटी फंडा
आलू का रस चेहरे के दाग-धब्बे और झुर्रियों को हटाने के साथ त्वचा की रंगत को भी निखारता है। इसमें मौजूद पोटैशियम, सल्फर, फास्फोरस और कैल्शियम की मात्रा त्वचा की सफाई में मदद करती है।
त्वचा पर नेचुरल ग्लो पाना चाहती हैं, तो हफ्ते में एक बार आलू का फेस मास्क लगाएं। कच्चे आलू को कद्दूकस कर मोटा पेस्ट बनाएं और पूरे चेहरे पर लगाएं। इसे चेहरे पर एक घंटे तक लगा कर रखें, इसके बाद चेहरा धो लें।
आलू में एंटी-इंफ्लेमेंट्री यानी सूजन दूर करने वाले तत्व पाए जाते हैं। अगर आंखें सूज गई हों, तो सूजन दूर करने के लिए खीरे के बजाय आप कटे हुए आलू के स्लाइसेज भी यूज कर सकते हैं।
हल्दी के इस्तेमाल से हाथ पीले दिख रहे हों या चुकंदर काटते हुए हाथ लाल हो जाएं, तो उन पर कटे हुए आलू रगड़कर हाथ साफ किए जा सकते हैं।
एंटी-सेप्टिक कमाल
शरीर का कोई हिस्सा हल्का जल गया हो, तो उस स्थान पर आलू कद्दूकस करके आप लगा सकते हैं। यही नहीं शरीर के किसी हिस्से में खुजली होने पर कटा हुआ आलू रगड़ सकते हैं। इससे खुजली में आराम मिलेगा।
स्वाद जब बिगड़ जाए
अगर सूप या सब्जी मेंं नमक हल्का-सा तेज हो जाए, तो उसमें कटे हुए आलू के छोटे-छोटे टुकड़े डालें। सूप या सब्जी तैयार होने के बाद इसे अलग कर लें। सूप का स्वाद ठीक हो जाएगा।
ज्वेलरी की सफाई
अगर आपकी चांदी की पायल या अन्य ज्वेलरी काली पड़ गई है, तो उन्हें आलू उबालने के बाद शेष बचे गर्म पानी में डुबो दें या फिर कटे हुए आलू से रगड़ दें, उनकी पुरानी चमक लौट आएगी।
चमड़े के जूते चमक जाएंगे
चमड़े के पुराने जूते या चप्पल को पॉलिश करने से पहले उस पर कच्चे आलुओं को काटकर रगड़ें। कुछ देर सूखने के बाद इसे पॉलिश कर लें। इससे जूते नए जैसे दिखने लगेंगे।
सेहत का जादू
माथे के किनारों पर कटा हुआ कच्चा आलू रगड़ने से सिरदर्द में आराम मिलता है। कई बार चोट लगने के बाद त्वचा नीली पड़ जाती है। नीले पड़े जगह पर कच्चा आलू पीसकर लगाने से फायदा होता है। चोट दर्द में आराम मिलता है और निशान भी गायब हो जाते हैं। पाचन संबंधी बीमारियों में कच्चे आलू का रस बहुत उपयोगी होता है, क्योंकि यह आंतों में सूजन से आराम दिलाता है और पाचन शक्ति को बढ़ाता है।
आलू पैटर्नः कुछ नया हो जाए
कटे हुए आलू पर डिजाइन बनाकर और रंगों में डुबोकर उनसे छापे वाले मनपसंद पैटर्न तैयार किए जा सकते हैं। बच्चे तो इसका मजा उठाते ही है, आप भी इस तरकीब से बेडशीट या पर्दों पर डिजाइन बना सकते हैं।
अगर आलू का कोई भाग हरा रह गया हो, उसे काटकर हटा दें, क्योंकि हरे भाग में सोलेनाइन नामक विषैला तत्व होता है, जो सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। इसके अलावा आलू के अंकुरित हिस्से का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
हरा आलू, बीमार आलू
आलू को हमेशा छिलके समेत पकाना चाहिए। क्योंकि, आलू का सबसे अधिक पौष्टिक भाग छिलके के एकदम नीचे होता है, जो प्रोटीन और खनिज से भरपूर होता है।
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