आज लोगों में एक
नया फैशन चला है गुटखा चबाने का। आज लोग गुटखा, पान मसाला, तंबाकू और धूम्रपान आदि नशले पदार्थों का सेवन करने लगे हैं। कुछ लोग में
इन चीजों के सेवन का ऐसा लत लग होता है कि वह इसके लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
पान मसाला, तंबाकू और गुटका हमारे शरीर के लिए बहत
हानिकारक होता है। इस तरह के सवन से ही आज मुंह का कैंसर सबसे जादा हो गया है। यह
न केवल शरीर बीमारी फैलाता है बल्कि हमारे शरीर के हार्मोंन को भी असंतुलित करता
है जिससे शरीर में अन्य कई प्रकरा के रोग उत्पन्न होता है। यहां हम गुटखा के सेवन
से कैसे सेक्स
हार्मोंन प्रभावित होता है।
गुटका, तंबाकू,
पान इत्यादि का निर्माण कई तरह
के रसायन और खुशबुदार कलर्स का इस्तेमाल करके होता है जिससे आपके हार्मोंस तो प्रभावित होते ही हैं साथ ही
आपके डीएनए को भी
नुकसान पहुंचने की आशंका बढ़
जाती है। भारत के लोगों में मुंह का कैंसर अन्य देशों की तुलना में अधिक होने की
संभावना होती है जिसका सबसे बड़ा कारण गुटके का अधिक से अधिक सेवन करना है।
गुटखा
के सेवन से शरीर में टॉक्सिन की मात्रा बढ़ने लगती है जिससे हार्मोंस से स्राव ठीक
प्रकार से नहीं हो पाता और रोगों से लड़ने बाली हार्मोस रोग ग्रस्त अंग तक नहीं
पहुंच पाते जिससे शरीर रोग ग्रस्त होने पर जल्दी ठीक नहीं होता। शरीर में मौजूद एंजाइम्स
हार्मोंस के उत्पादन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और एंजाइम्स ही सेक्स
हार्मोंस को भी उत्पादन में मदत करता है। लेकिन जब कोई गुटखा का सेवन करता है तो
एंजाइम्स में विकृति आ जाती है जिससे वह सेक्स हार्मोन को उत्पन्न नहीं कर पाता है
जिसका प्रभाव सेक्स हार्मोन्स पर पड़ता है। गुटखा डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रूप से सेक्स हार्मोंस को भी प्रभावित करता है जिससे सेक्स संबंधीरोग नंपुसक की
संभावना दुगुनी हो जाती है। शरीर
में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाता है और स्तंभन शक्ति कम हो जाती है। यदि कोई
गर्भवती स्त्री
गुटके का सेवन करती हैं तो उनका
होने वाला बच्चा शारीरिक रूप से विकृत पैदा हो सकता है।