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Monday, 31 March 2014

डाइट ड्रिंक्स है, महिलाओं की सेहत के लिए बड़ा खतरा

ऐसी महिलाएं जो कैलोरी से बचने के लिए डाइट ड्रिंक्स का अधिक सेवन करती हैं उन्हे सावधान रहने के जरूरत है क्योंकि इससे कई रोग हो सकते हैं। सावधान हो जाएं।  हाल में हुए एक शोध के अनुसार डाइट लेबल
से बिकने वाले ड्रिंक्स के सेवन से ‌महिलाओं को उम्र बढ़ने के साथ-साथ डायबिटीज व दिल के रोगों का खतरा अधिक होता जा रहा है। यूनिवर्सिटी ऑफ लोवा के शोधकर्ताओं ने 60,000 महिलाओं के खानपान से जुड़े अध्ययन के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला है। शोधकर्ताओं का मानना है कि दिन में दो बार डाइट ड्रिंक पीने से महिलाओं को न केवल डायबिटीज बल्कि आगे चलकर दिल के दौरे व स्ट्रोक का रिस्क भी 30 प्रतिशत बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने माना कि डाइट ड्रिंक में इस्तेमाल होने वाला आर्टिफिशियल स्वीटनर शरीर में शक्कर की इच्छा को अधिक बढ़ाता है जो आग चलकर मोटापा और फिर मधुमेह के खतरे को बढ़ाता है।
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Thursday, 27 March 2014

कामेच्छा बढ़ाने के लिए फलों का सेवन

दिन भर की थकान, गलत खानपान और जीवनशैली से कारन तनाव का असर अगर बिस्तर पर भी नजर आता है और सेक्स के प्रति इच्छा में कमी से आप परेशान हैं तो आप को आपनी डाइट में इन फलों को लेना चाहिए। ऐसे कई फल हैं जिनके सेवन से न सिर्फ शरीर को  पौष्टिक तत्व मिलते हैं बल्कि कामेच्छा भी बढ़ती है। जानिए सेक्स इच्छा को बढ़ाने वाले और सेक्स लाइफ में जान डालने वाले फलों के नाम और उसमें पाए जाने वाले तत्व।
केलाकेले में ब्रोमेलिन एंजाइम होता है जो पुरुषों में कामेच्छा बढ़ाने और नपुंसकता संबंधी दोषों को दूर
करने में मददगार हो सकता है। इसमें पोटैशियम और रिबोफ्लेविन भी अच्छी मात्रा में होता है जो शरीर में ऊर्जा का स्तर बढ़ाता है और सेक्स ड्राइव लंबे समय तक बरकरार रहती है।
एवोकैडो
एवोकैडो यानी रुचिरा नामक पहाड़ी फल के सेवन से कामेच्छा बढ़ाने में मदद मिलती है। इसमें फोलिक एसिड, प्रोटीन, विटामिन बी 6 और पोटैशियम अच्छी मात्रा में है जो सेक्स पावर बढ़ाने और ऊर्जा देने में मददगार है। इसका नियमित सेवन महिलाओं में फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए भी फायदेमंद है।
आम
आम का मौसम कुछ ही समय बाद शुरू हो जाएगा। आम में अच्छी मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन ई है जो सेक्स ड्राइव बढ़ाने में मददगार है।




Wednesday, 26 March 2014

केले के है अनेक फायदे

अगर आप केले के सेवन नहीं करते हैं तो आप को केले का सेवन करना शुरू कर देना चाहिए क्योंकि इसमें अनेक पोषक तत्व पाए जाते हैं।
केला में विटामिन ए, बी, सी और ई, मिनिरल्स, पोटैशियम, जिंक, आयरन आदि कई पोषक तत्व हैं जो औपको सेहत से जुड़े ये बड़े फायदे देंगे।
मूड बनाता है केला
केला में ट्राइपोफन नामक तत्व भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो शरीर में सेरोटोनिन बीपी नियंत्रित करता है
केले में पोटैशियम अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो रक्त संचार ठीक रखता है और सोडियम नियंत्रित रखता है। इससे ब्लड प्रेशर निय‌िंत्रित रहता है।
तेज दिमाग के लिए
केले में विटामिन "बी" अच्छी मात्रा में होता है। यह नर्वस सिस्टम को ठीक रखता है और याददाश्त तेज करता है। ऐसे में तेज दिमाग के लिए नियमित रूप से केले का सेवन कर सकते हैं।
ताकत बढ़ाता है केला
केले में प्राकृतिक तौर पर शुगर है। शारीरिक श्रम या कसरत करने के बाद केले के सेवन से शरीर में इसका स्तर सामान्य होता है और तुरंत ऊर्जा मिलती है। थकान महसूस करने पर इसके सेवन से आपको ताकत व ताजगी मिलेगी।की मात्रा बढ़ाता है जिससे मूड अच्छा रहता है। स्ट्रेस के दौरान इसका सेवन काफी लाभकारी डाइट है।

अन्य फलों के अधिक फायदे के बारे में जानने के लिए क्लिक करें-

Tuesday, 25 March 2014

सूर्य नमस्कार

नियमित रूप से सूर्य नमस्कार आसन का अभ्यास करने से शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए चौड़ी छाती के लिए बेहद मददगार है। सूर्य नमस्कार के दौरान 12 आसन  किए जाते हैं। सुर्य नमस्कार आसन का अभ्यास।
(1) दोनों हाथों को जोड़कर सीधे खड़े हों।
(2) श्वास भरते हुए दोनों हाथों को कानों से सटाएं और हुए ऊपर की ओर तानकर भुजाओं और गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं।
(3) अब श्वास धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए आगे की ओर झुकें। हाथ गर्दन के साथ, कानों से सटे हुए नीचे जाकर पैरों के दाएं-बाएं पृथ्वी का स्पर्श करें। घुटने सीधे रहें।
(4) श्वास को भरते हुए बाएं पैर को पीछे की ओर ले जाएं। गर्दन को अब पीछे की ओर झुकाएं। इस स्थिति में कुछ समय रुकें।
(5) अब श्वास को धीरे-धीरे छोड़ते हुए दाएं पैर को भी पीछे ले जाएं जिससे दोनों पैरों की एड़ियां मिली हुई हों। पीछे की ओर शरीर को खिंचाव दें।
(6) अब श्वास भरते हुए दंडवत लेट जाएं।
(7) अब सीने से ऊपर के भाग को ऊपर की ओर उठाएं जिससे शरीर में खिंचाव हो।
(8) फिर पीठ के हिस्से को ऊपर उठाएं। सिर धुका हुआ हो और शरीर का आकार पर्वत के समान हो।
(9) अब पुनः चौथी प्रक्रिया को दोहराएं यानी बाएं पैर को पीछे ले जाएं।
(10) अब तीसरी स्थिति को दोहराएं यानी श्वास धीरे-धीरे बाहर निकालते हुए आगे की ओर झुकें। हाथ गर्दन के साथ, कानों से सटे हुए नीचे जाकर पैरों के दाएं-बाएं पृथ्वी का स्पर्श करें।
(11) श्वास भरते हुए दोनों हाथों को कानों से सटाएं और हुए ऊपर की ओर तानकर भुजाओं और गर्दन को पीछे की ओर झुकाएं।
(12) अब फिर से पहली स्थिति में आ जाएं।
अन्य योगासन के लिए क्लिक करें-
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Monday, 24 March 2014

हष्ट-पुष्ट शरीर और चौड़ी छाती के लिए लाभकारी है- योगाभ्यास

यदि आप चौड़ी और मजबूत छाती की इच्छा रखते हैं तो आप को योगाभ्यास करना चाहिए। प्राचीन काल से ही पुरुषों की ऐसी कद-काठी उन्हें हमेशा से आकर्षक बनाए रखती है। यदि आप भी पाना चहते हैं आकर्षक,  हष्ट-पुष्ट शरीर तो आप करें योगा का अभ्यास।
त्रिकोणासन
इस आसन से सीने की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर लचीला बनता है। प्रतिदिन इसका तीन बार अभ्यास करने से छाती चौड़ी होती है।
दोनों पैरों के बीच तीन ‌फुट का अंतर रखते हुए सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हाथ पैरों के समानांतर सीधे फैलाएं।
अब दाएं पैर के पंजे को दाएं हाथ से आसे छूने का प्रयास करें कि बांया हाथ आसमान की ओर हो और उससे 90
डिग्री का कोण बनें। 15 से 20 सेकंड बाद सीधे हो जाएं। अब यही प्रक्रिया बाएं हाथ और बाएं पैर से दोहराएं।
ताड़ासन
इसके नियमित अभ्यास से छाती चौड़ी होती है, बाजू मजबूत होते हैं और शरीर सुडौल होते हैं। प्रतिदिन इस आसन का चार से पांच बार अभ्यास फायदेमंद है।इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। दोनों हाथों को ऊपर की और ले जाएं, बाजू कान से सटें और हाथों की उंगलियां छत की ओर हों और नमस्कार की मुद्रा में जोड़ लें। अब सांस खींचते हुए शरीर को ऊपर उठाएं व कुछ क्षण बाद सामान्य हो जाएं। इसी तरह शरीर को पहले दाईं ओर झुकाएं व फिर सामान्य हों जाएं और बाईं ओर झुकाएं।


Friday, 21 March 2014

अंडरआर्म की डार्कनेस के लिए घरेलू उपाय


आज के लाइफस्टाइल में लड़कियां स्लीवलेस कपड़े पहना बेहद पसंदकरती हैं, लेकिन कई बार लड़कियों को अंडरआर्म की डार्कनेस के कारण अपने लाइफस्टाइल में ऐसा करने से परहेज करना पड़ता है। इसकी वजह से शादी-पार्टी में उनको अपना मन मार कर फुल स्लिव कपड़े पहनने पड़ते हैं। यहां हम लड़कियों को अंडरआर्म की डार्कनेस दूर करने के कुछ घरेलू उपाय बता रहे हैं जिसके उपयोग करने से अंडरआर्म की डार्कनेस दूर होगी और आप को अपना मन पसंद कपड़े पहने सकेंगे।

नींबू


नीबू के छिलके से अंडरआर्म की डार्कनेस दूर होती है। 10 से 15 मिनट तक अंडरआर्म पर नींबू के छिलके से मसाज करने और उसके बाद ठंडे पानी से धोने से अंडरआर्म की डार्कनेस दूर होती है। इसका उपयोग 2-3 दिन तक लगातार करने से आपको फर्क खुद महसूस होने लगेगा। आप नींबू के साथ चीनी मिक्‍स कर भी मसाज कर सकती हैं। 
चीनी
डार्क रंग की स्किन से  छुटकारा पाने के लिये  चीनी और पानी का यूज करें। इसके मिश्रण को अंडरआर्म पर लगाएं। आप चाहें तो दिन में दो बार इस मिश्रण को अंडरआर्म पर लगा सकती हैं। इससे अंडरआर्म की डार्कनेस दूर होती है और स्किन में चमक आती है।


Thursday, 20 March 2014

वजन घटाने के उपयोगी उपाय


फिट रहने के लिए सबसे आसान उपाय है अधिक से अधिक पैदल चलना और एलिवेटर की जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल करना। दिन भर में सीढ़ियों से पांच बार उतरने और पांच बार चढ़ने से काफी लाभदायक होता है।
शारीरिक सक्रियता बढ़ाने के लिए कोई आवश्यक नहीं है कि आप घंटों जिम जाकर एक्सरसाईज करें।
व्यायाम
हैल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि घर की सीढ़ियां चढ़ने और उतरने से शरीर की कैलोरीज काफी हद तक बर्न होती है जो मोटापे को कम करने में सहयक होता है। इसमें न तो पैसे लगते हैं और न कोई परेशानी है। इसमें ज्यादा वक्त भी नहीं लगता और आपकी सांसें भी नहीं फूलती।
दूसरी आसान उपाय है फर्श की ओर चेहरा करके और बाहों को एल (L) आकार में बांधिए, पांव सीधे रखते हुए नितंब और शरीर को एक सीध में लाइए। फिर दंड लगाइए। यह शारीरिक सक्रियता बढ़ाने के लिए सबसे बेहतर व्यायम मानी गई है। यदि इसे हफ्ते में तीन बार 30 सेकेंड के लिए किया जाए, तो इससे काफी लाभ मिलेता है।

Wednesday, 19 March 2014

चाय- चाय क्या है और क्या है इसका लाभ

चाय एक प्रकार के पेड़ की पत्ती होती है। यह बहुत प्रसिद्ध है। चाय नियमित पीने के लिए नहीं है। यह आवश्यकतानुसार पीने पर लाभदायक होती है। यह ठंडी प्रकृति वालों के लिए हितकारी है। भूखे पेट चाय पीने से पाचन शक्ति खराब होती है तथा सोते समय चाय पीने से नींद कम आती है। इससे स्नायुविक दर्द (न्यूरेल्जिया) और रक्तचाप बढ़ता है। अत: ऐसे रोगियों के लिए चाय हानिकारक होती है।
यद्यपि चाय को दवा के रूप में विभिन्न कष्टों में प्रयोग करके लाभान्वित हो सकते हैं, किन्तु फिर भी इसे दैनिक पेय के रूप में प्रयोग करने से हानियां होती हैं। चाय आजकल संसार भर में घर-घर आतिथ्य सत्कार का प्रतीक है। घर, प्रवास, खेलकूद के मैदानों, महफिलों, सेमिनारों, राजनीतिक बैठक या सम्मेलनों, कवि सम्मेलन या मुशायरा आदि किसी भी आयोजनों में देखें। सभी जगहों पर चाय का प्रवेश हो चुका है।

पनीर की भुर्जी

पनीर की भुर्जी का स्वाद लाजबाव होता है और इसे बनाना भी बेहद आसान है। इसे आप कभी भी मिनटों में बना कर खा सकते हैं। तो आइये आज पनीर भुर्जी बनाएं।
आवश्यक सामग्री:

  •     पनीर - 250 ग्राम
  •     घी या तेल - 1 टेबल स्पून
  •     जीरा - एक चौथाइ छोटी चम्मच
  •     हल्दी पाउडर - 2-3 चुटकी
  •     हरी मिर्च - 1-2 (बारीक कतर लीजिये)
  •     अदरक - 1 इंच लंबा टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ)
  •     मटर - आधी कटोरी (छिली हुई)
  •     शिमला मिर्च - 1 छोटी (बारीक कटी हुई)
  •     टमाटर - 1 (छोटा कटा हुआ)
  •     गरम मसाला - 1/6 छोटी चम्मच
  •     नमक - स्वादानुसार (आधी छोटी चम्मच)
  •     हरा धनिया - 1 टेबल स्पून (बारीक कतरा हुआ)

विधि:
पनीर की भुर्जी बनाने के लिए सबसे पहले पनीर को कद्दूकस करके रखे लें। फिर सारी सब्जियों को धोकर काट लें।
उसके बाद कढ़ाई में घी गर्म करें और उसमें जीरा डाल कर भून लें। फिर उसमें हल्दी पाउडर, हरी मिर्च, अदरक, मटर के दाने, शिमला मिर्च और टमाटर डाल कर अच्छी तरह भूनें। इसके बाद पनीर, नमक व गरम मसाला डाल कर सबको अच्छी तरह मिला लें।पनीर भुर्जी तैयार है। अब इसे किसी प्याले में निकाल कर हरे धनिये से सजाइये और गरमा गरम पराठे, चपाती या नान के साथ परोस कर खाइये।

Monday, 17 March 2014

हेल्थ टिप्स- पहला सुख निरोगी काया


अगर आराम की नींद सोना चाहते हैं तो सोते समय 'चिंता' न करें और भगवान का 'चिंतन' करें।
पाचन शक्ति ठीक रखने के लिए सही समय पर भोजन करें और भोजन को अच्छी तरह चबा-चबाकर खाएं।
अगर यौनशक्ति ठीक रखनी हो तो कामुक चिंतन न किया करें और सप्ताह में एक से अधिक बार सहवास न किया करें।
अगर आप अधिक अण्डा, मांस खाते हैं और शराब पीते हैं तो अण्डा, मांस खाने से शरीर मोटा-तगड़ा जरूर हो सकता है पर कुछ बीमारियां भी इसी से पैदा होती हैं। शराब पीने से आनंद नहीं आता, बेहोशी आती है और बीमारियां होती हैं।
भोजन करते समय और सोते समय किसी भी प्रकार की चिंता, क्रोध या शोक नहीं करना चाहिए। भोजन से पहले हाथ और सोने से पहले पैर धोना तथा दोनों वक्त मुंह साफ करना हितकारी होता है।
यदि आप मुफ्त में स्वस्थ और चुस्त बने रहना चाहते हैं तो आपको तीन काम करना चाहिए। पहला तो प्रातः जल्दी उठकर वायु सेवन के लिए लम्बी सैर के लिए जाना और दूसरा ठीक वक्त पर खूब अच्छी तरह चबा-चबाकर खाना तथा तीसरा दोनों वक्त शौच अवश्य जाना।
बीमारी की अवस्था में, बीमारी से मुक्त होने के बाद, भोजन करने के बाद, परिश्रम या यात्रा से थके होने पर प्रातःकाल तथा सूर्यास्त के समय और उपवास करते समय विषय भोग करना बहुत हानिकारक होता है।
यदि आप सुख चाहते हैं तो दुःख देने वाला काम न करें, यदि आप आनंद चाहते हैं तो स्वास्थ्य की रक्षा करें। यदि आप स्वास्थ्य चाहते हैं तो व्यायाम और पथ्य का सेवन करें। संसार के सब सुख स्वस्थ व्यक्ति ही भोग सकता है। कहा भी गया है- पहला सुख निरोगी काया।
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Friday, 14 March 2014

गर्दन की चर्बी हटाने के लिए योगाभ्यास

उम्र बढ़ने के साथ गर्दन की त्वचा ढीली पड़ने लगती है जो नैचुरल है लेकिन मोटापे बढ़ने के कारण भी गर्दन की चर्बी बढ़ जाती है जिसकी वजह से आप बुढ़े दिखने लगते हैं और चेहरे की सुंदरता नष्ट होने लगती है। ऐसे में खुबसुरत दिखने के लिए योग का अभ्यास आप के लिए बहुत लाभ दायक है-
ब्रह्म मुद्रा- योग में इसका स्थान बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। शाम को प्रार्थन करते समय इस मुद्रासन को किया जाता रहा है, क्योंकि इस आसन में गर्दन को चारों दिशा में घुमाया जाता है।
अभ्यास के लिए पद्मासन, सिद्धासन या वज्रासन में बैठकर कमर तथा गर्दन को सीधा रखते हुए गर्दन को धीरे-धीरे दाईं ओर ले जाएं। कुछ सेकंड दाईं ओर रुकें, उसके बाद गर्दन को धीरे-धीरे बाईं ओर ले जाएं। कुछ सेकंड तक बाईं ओर रुककर फिर दाईं ओर ले जाएं, फिर वापस आने के बाद गर्दन को ऊपर की ओर ले जाएं। उसके बाद नीचे की तरफ ले जाएं। फिर गर्दन को क्लॉकवाइज और एंटीक्लॉकवाइज घुमाएं। इस तरह यह एक चक्र पूरा हुआ। अपनी सुविधानुसार इसे 4 से 5 चक्रों में करे। इससे गर्दन की अधिक चर्बी कम होती है और आप सुंदर दिखते हैं।
सावधानियां- जिन्हें सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस या थॉइराइड की समस्या है वे ठोड़ी को ऊपर की ओर दबाएं। गर्दन को नीचे की ओर ले जाते समय कंधे न झुकाएं। कमर, गर्दन और कंधे सीधे रखें। गर्दन या गले में कोई गंभीर रोग हो तो योग चिकित्सक की सलाह से ही यह मुद्रासन करें।
लाभ- जिन लोगों को सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, थॉइराइड ग्लांट्स की शिकायत है उनके लिए यह आसन लाभदायक है। इससे गर्दन की मांसपेशियां लचीली तथा मजबूत होती हैं। आध्यात्मिक दृष्टि से भी यह आसन लाभदायक है। आलस्य भी कम होता जाता है तथा बदलते मौसम के सर्दी-जुकाम और खांसी से छुटकारा भी मिलता है।

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Wednesday, 12 March 2014

तोंद कम करने के सरल उपाय


अनियमित और मसालेदार भोजन के अतिरिक्त आरामदायक रहन-सहन के कारण तोंद एक आम समस्या बन गई है जो डायबिटीज और हार्टअटैक जैसे रोग का कारण बन गया है। तोंद कई अन्य रोगों को भी जन्म देती है जिसकी वजह से व्यक्ति शारीरिक रूप से सभी अच्छा फिल नहीं कर पाता। मोटापे के दौरान कमर और पेट के आसपास इकट्ठा हुई अतिरिक्त चर्बी से किडनी और मूत्राशय में भी परेशानी आने लगती है। इससे रीढ़ की हड्डी पर भी अतिरिक्त दबाव पड़ता है जिससे कमर दर्द और साइड दर्द होता रहता है। अगर आप तोंद से छुटकारा पाकर फिर से उसे पेट बनाने की सोच रहे हैं तो आप इन टीप्स को अपने। इन में से किसी भी एक उपाय को नियमित 1 माह तक करने से लाभ नजर आएगा।
fatness
Obesity
डाइट पर नियंत्रण : यह बहुत जरूरी है लेकिन कुछ लोगों के लिए यह बहुत कठिन टॉस्क है तो वे मानस‌िक उपाय करें। जब उनके सामने फैटी डाइट हो तो वे उससे होने वाले नुकसान के बारे में सोचें और अपनी तोंद को देंखे।
ओवर इटिंग से बचना जरूरी है। कोई भी बहाना न बनाएं। खुद के साथ न्याय करें।
योगा टिप्स : प्रतिदिन अंग संचालन करें। सावधान की मुद्रा में खड़े रहकर दोनों हाथों की हथेलियों को कमर पर रखें फिर कमर को क्लॉकवाइज और एंटी-क्लॉकवाइज 10-10 बार घुमाएं।
नौकासन करें : नियमित रूप से यह आसन न सिर्फ पेट की चर्बी कम करने में मददगार है बल्कि शरीर को
लचीला बनाने से लेकर पाचन संबंधी समस्याओं में यह काफी फायदेमंद साबित हुआ है।

Tuesday, 4 March 2014

महिलाएं हो जाती हैं मोटी

महिलाओं में मोटापे की परेशानी। वैसे तो मोटापा स्त्री-पुरुष दोनों में होता है लेकिन आज-कल महिलाओं में यह ज्‍यादा देखने को मिलता है। विशेषज्ञों के अनुसार महिलाओं में मोटापा, न केवल गलत
खान-पान की आदत से होता है, बल्कि मासिक धर्म की अनियमितता से भी होता है। मोटापा कम करने के लिए सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि महिलाओं में मोटापा बढ़ने का क्‍या कारण है और
इसको किस तरह कम किया जा सकता है। अगर आप भी महिला हैं, और बढ़ते वजन से परेशान हैं, तो इसे पढ़े। किस-किस जगह आता है मोटापा-
जांघे- थाई का स्‍थान सबसे पहले बढ़ता है, क्‍योंकि जबमासिक धर्म में अवरोध उत्पन्न होता है तो जांघे मोटी होने लगती हैं और इतनी मोटी हो जाती हैं कि चलने फिरने में भी परेशानी आने लगती है।
पेट- पेट का बढ़ना आमतौर पर शौच और पीरियड पर ही निर्भर करता है और दर्द भी रहने लगता है। इससे भूख कम हो जाती है और गैस बनने लगती है। साथ ही पेट भारी रहने लगता है।
कमर- लंबे समय तक मोटापा कमर पर ही दिखाई देता है। फिर शरीर फैलने लगता है और बढ़े हुए वजन की वजह से घुटनों पर असर पड़ता है और वह दर्द करने लगता है।
छाती और पीठ- छाती और पीठ पर टाइट कपड़े पहनने से यह बढ़ता है। मोटापा मिटाने का मूल मंत्र इनपुट कम आउटपुट ज्‍यादा- इनपुट कम करें, आउटपुट बढ़ाएं यानी खाने में ऐसे पदार्थों का
इस्‍मेमाल करें, जो आउटपुट बढ़ाते हैं। फल निष्‍कासन को तेज करते हैं जैसे नींबू पानी, गर्म पानी, छाछ, गुनगुना आंवला रस या कोई फल जैसे पपीता, अंगूर, अनार, संतरा, मौसमी आम या सब्‍जियां
लौकी, पत्‍तागोभी, फूलगोभी और बैगन का प्रयोग करें।
योग- मोटापे को कम करने के लिए योग बहुत ही बेहतर उपाय है। योग में चक्‍की संचालन, साइकलिंग, धनुरासन और अश्‍वासन मुख्‍य है।
मासज- मसाज पूरे शरीर के खून को सर्कुलेट करने में मदद करती है। इसके साथ ही मसाज मोटापे को कम करने का भी काम आसान करती है।
सूर्य स्‍नान- इससे जमा हुआ फैट बाहर निकलता है, कैल्शियम डी-1, डी-2, डी-3 की पूर्ती करता है। इसलिए 30 से 50 मिनट सूर्य स्‍नाना करना चाहिये। यह मोटापा कम करता है।
मोटापा बढ़ाने वाला तत्‍व- केला, अरबी, भिंडी, मैदा, मिठाइयां, सॉस, लंबे समय तक बैठना, दिन में सोना और बार बार खाना अधिक मोटापा बढ़ाता है। गरिष्‍ट और भारी भोजन शरीर में लंबे समय तक
रुकता है। क्‍या करें-
1.दिनभर गर्म पानी पीने की उपेक्षा सूर्य की रोशनी में रखा हुआ पानी पीना फायदेमंद है।
2. नीबू को बार-बार गर्म पानी में डाल कर न पिंए, सादे पानी से लें। गर्म पानी से कभी कभी ले सकते हैं पर इससे कमजोरी आने लगती है।
3. चाय के साथ नमकीन, ब्रेड और बिस्‍कुट नहीं लेना चाहिये। सिंपल चाय पिंए और चाय पीने के 10 मिनट बाद पानी पींए, मोटापा कम होगा।
4. पेट में जमने वाली वस्‍तु जैसे चॉक्‍लेट, टॉफी, ब्रेड, बिस्‍कुट आदी से परहेज करें। इन्‍हें बार-बार नहीं खाएं।

Monday, 3 March 2014

स्वास्थ्य रहने के लिए कुछ अच्छी आदतें

  1. अपने विश्राम करने या सोने के कमरे को साफ-सुथरा, हवादार और खुला-खुला रखें। चादरें, तकियों के गिलाफ तथा पर्दों को बदलती रहें तथा मैट्रेस या गद्दों को भी समय-समय पर धूप दिखाकर झटकारें।
  2. मेडिटेशन, योगा या ध्यान का प्रयोग एकाग्रता बढ़ाने तथा तनाव से दूर रहने के लिए करें।
  3. कोई भी एक व्यायाम रोज जरूर करें। इसके लिए रोजाना कम से कम आधा घंटा दें और व्यायाम के तरीके बदलते रहें, जैसे कभी एयरोबिक्स करें तो कभी सिर्फ तेज चलें। अगर किसी भी चीज के लिए
  4. वक्त नहीं निकाल पा रहे तो दफ्तर या घर की सीढ़ियां चढ़ने और तेज चलने का लक्ष्य रखें। कोशिश करें कि दफ्तर में भी आपको बहुत देर तक एक ही पोजीशन में न बैठा रहना पड़े।
  5. 45 की उम्र के बाद अपना रूटीन चेकअप करवाते रहें और यदि डॉक्टर आपको कोई औषधि देता है तो उसे नियमित लें। प्रकृति के करीब रहने का समय जरूर निकालें। बच्चों के साथ खेलें, अपने पालतू  जानवर के साथ दौड़ें और परिवार के साथ हल्के-फुल्के मनोरंजन का भी समय निकालें।
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