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Monday 9 March 2015

Kaise Kaam Karta Hai Ayurved

कैसे काम करता है Ayurved?


पित्त से संबंधित है और जल में आग तत्वों. इस ऊर्जा है कि body के Body का तापमान, पाचन, अवशोषण सहित चयापचय प्रणाली,, और पोषण नियंत्रित करता है।
Ayurved आधार है कि ब्रह्मांड (मनुष्य का शरीर) सहित 'के पांच महान तत्वों: पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश से बना है पर आधारित है. इन तत्वों या शक्तियों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, में मनुष्यों द्वारा तीन "दोषों":
वात: वात संबंधित है और हवा आकाश तत्व. इस ऊर्जा है कि शारीरिक गति के साथ जुड़े श्वास, खून परिसंचरण, निमिष सहित काम करता है, को विनियमित है, और दिल की धड़कन है।
पित्त: पित्त से संबंधित है और जल में आग तत्वों. इस ऊर्जा है कि body के Body का तापमान, पाचन, अवशोषण सहित चयापचय प्रणाली,, और पोषण नियंत्रित करता है।
कफ: कफ संबंधित है और जल पृथ्वी तत्वों. यह विकास और सुरक्षा के लिए जिम्मेदार ऊर्जा है. यह body के सभी भागों में जल की आपूर्ति, त्वचा moisturizes, और प्रतिरक्षा प्रणाली को बनाए रखता है।
क्या आपको पता है कि आपका शरीर कैसा है? Ayurved में शरीर को तीन तरह का माना जाता है - वात, पित्त और कफ। Ayurved के According, हम सभी का शरीर इन तीनों में से किसी एक प्रवृत्ति का होता है, जिसके According उसकी बनावट, दोष, मानसिक अवस्था और स्वभाव का पता लगाया जा सकता है।
यदि आप अपने शरीर (Body) के बारे में इतना कुछ जान लिजिएंगे तो यकीनन अपनी सेहत से जुड़ी Problems को हल करने और फिट रहने में आपको Help मिलेगी। तो जानिए, आखिर कैसा है आपका शरीर।
वात युक्त शरीर
Ayurved के According, वात युक्त शरीर का स्वामी वायु होता है।
बनावट - इस तरह के Body वाले व्यक्तियों का weight तेजी से नहीं बढ़ता और ये Mostly छरहरे होते हैं। इनका मेटाबॉलिज्म good होता है but इन्हें सर्दी लगने की आशंका अधिक रहती है। वैसे देखा जाए तो इनकी त्वचा Dry होती है और नब्ज तेज चलती है।
स्वभाव - सामान्यतः ये बहुत ऊर्जावान और फिट होते हैं। इनकी नींद कच्ची होती है इसलिये अक्सर इन्हें अनिद्रा की शिकायत अधिक रहती है। इनमें कामेच्छा अधिक होती है। इस तरह के लोग बातूनी किस्म के होते हैं।
मानसिक अवस्था - ये बहुमुखी प्रतिभा के धनी होते हैं और अपनी भावनाओं का झट से इजहार कर देते हैं। हालांकि इनकी याददाश्त कमजोर होती है और आत्मविश्वास अपेत्राकृत कम होता है। ये बहुत जल्दी तनाव में आ जाते हैं।
डाइट - वात युक्त शरीर वाले व्यक्तियों को डाइट में अधिक से अधिक फल, बीन्स, डेयरी उत्पाद, नट्स आदि का सेवन अधिक करना चाहिए।
पित्त युक्त शरीर
Ayurved के According, पित्त युक्त शरीर का स्वामी आग है।
बनावट - इस तरह के Body के लोग वैसे देखा जाए तो मध्यम कद-काठी के होते हैं। इनमें मांसपेशियां अधिक होती हैं और इन्हें गर्मी अधिक लगती है। अक्सर ये कम समय में ही गंजेपन का शिकार हो जाते हैं। इनकी त्वचा कोमल होती है और इनमें ऊर्जा का स्तर अधिक होता है।
स्वभाव - इस तरह के व्यक्तियों को विचलित करना आसान नहीं होता। इन्हें गहरी नींद आती है, कामेच्छा और भूख तेज लगती हैं। वैसे देखा जाए तो इनके बोलने की टोन ऊंची होती है।
मानसिक अवस्था - इस तरह के लोग आत्मविश्वास और महत्वाकांक्षा से भरपूर होते हैं। इन्हें परफेक्शन की आदत होती है और हमेशा आकर्षण का केंद्र बने रहना चाहते हैं।
डाइट - पित्त युक्त body के लिए डाइट में सब्जियां, फल, आम, खीरा, हरी सब्जियां अधिक खानी चाहिए जिसकी वजह से शरीर में पित्त दोष अधिक न हो।
कफ युक्त शरीर
कफ युक्त body के स्वामी जल और पृथ्वी होते हैं। वैसे देखा जाए तो इस तरह के Body वाले व्यक्तियों की संख्या अधिक होती है।
बनावट - इनके कंधे और कमर का हिस्सा अधिक चौड़ा होता है। ये अक्सर तेजी से weight बढ़ा लेते हैं but इनमें स्टैमिना अधिक होता है। इनका शरीर मजबूत होता है।
स्वभाव - इस तरह के लोग भोजन के बहुत शौकीन होते हैं और थोड़े आलसी होते हैं। इन्हें सोना बहुत पसंद होता है। इनमें सहने की क्षमता अधिक होती है और ये समूह में रहना अधिक पसंद करते हैं।
मानसिक अवस्था - इन्हें सीखने में समय लगता है और भावनात्मक होते हैं।
डाइट - कफ युक्त body के लिए डाइट में बहुत अधिक तैलीय और हेवी‌ भोजन से थोड़ा परहेज करना चाहिए। हां, मसाले जैसे काली मिर्च. अदरक, जीरा और मिर्च का सेवन इनके लिए फायदेमंद हो सकता है। हल्का गर्म भोजन इनके लिए अधिक फायदेमंद है।
इसे भी देखें- आयुर्वेद  | स्वास्थ्य की जानकारियां | Basil  |  Aniseed

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