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Thursday 7 August 2014

डायबिटीज में आयुर्वेदिक डाइट


स्वस्थ रहने के लिए आजकल लोगों में डिटॉक्सिफिकेशन का चलन जोरों पर है। आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास खुद के लिए बहुत कम समय होता है। पौष्टिक भोजन की कमी, धूम्रपान व शराब का सेवन, शरीर में टॉक्सिन की मात्रा बढ़ा देता है। डिटॉक्सिफिकेशन का अर्थ है शरीर में जमा विषैले पदार्थों को बाहर निकालना। इस क्रिया में शरीर को अंदर और बाहर दोनों तरह से साफ किया जाता है।
डायबिटीज डिटॉक्स डाइट
Vegetable Juice
डायबिटीज डिटॉक्स डाइट में मधुमेह रोगियों के ब्लड शुगर को खान-पान के जरिए नियंत्रित किया जाता है। इस डाइट में रोगियों को किस प्रकार का कार्बोहाइड्रेट लेना और कितनी मात्रा में लेना है इस बारे में बताया जाता है। इस डाइट में मधुमेह रोगियों को ऐसे कार्बोहाइड्रेट दिया जाता है जो धीरे-धीरे पचे जिससे रोगी का ब्लड शुगर का स्तर सामान्य रहे। धीरे-धीरे पचने वाली कार्बोहाइड्रेड ज्यादातर फलों और सब्जियों में ही पाया जाता है।
आयुर्वेदिक डिटॉक्स डाइट
  • बीमारी पर काबू पाने में आयुर्वेदिक उपचारों पर लोगों का काफी भरोसा है। आयुर्वेदिक डिटॉक्स डाइट में शरीर में मौजूद टॉक्सिन को बाहर निकाला जाता है। आयुर्वेदिक डिटॉक्स डाइट काफी हल्का और ऊर्जावान होता है इसकी मदद से आपकी पाचन क्षमता मजबूत होती है और शरीर में मौजूद समस्याओं का खात्मा होता है।
  • आयुर्वेदिक डिटॉक्स डाइट दो तरह की होती है। एक सामान्य आयुर्वेदिक डिटॉक्स डाइट जो कि सभी लोगों के शरीर को डिटॉक्स करने का काम करती है। दूसरा है विशिष्ट डिटॉक्स डाइट जो किसी खास प्रकार के व्यक्ति के लिए होता है। यह डाइट उनके बॉडी टाइप, स्वास्थ्य और टॉक्सिन की मात्रा पर निर्भर करती है। आइए जानें डायबिटीज आयुर्वेदिक डिटॉक्स डाइट के बारे में ।
  • डिटॉक्स डाइट की मदद से आप ब्लड शुगर के स्तर को कंट्रोल कर हृदय की गतिविधि को बढ़ा सकते हैं।
  • दो दिन का उपवास करें और सिर्फ गर्म पानी में अदरक का पाउडर मिलाकर पिएं। एक लीटर पानी में एक चम्मच अदरक का पाउडर मिलाएं इसे उबाल लें फिर थोड़ा गुनगुना ही इसे पिएं।
  • अगले पांच दिन तक मूंग और सब्जियों के सूप का ही सेवन करें।
  • उसके अगलें पांच दिन साबूत मूंग और सब्जियों को काटकर उसमें अदरक-लहसुन का पेस्ट, हल्दी और गर्म मसाला मिलाकर पकाएं और इसका सेवन करें।
  • इसके बाद आप अपनी नार्मल डाइट लेना शुरु कर सकते हैं।
  • इस डिटॉक्स डाइट को महीने में एक बार जरूर अपनाएं। इससे डायबिटीज में होने वाली समस्याओं को खत्म करने में मदद मिलेगी साथ ही आपका ब्लड शुगर भी नियंत्रित रहेगा। इसके अलावा डायबिटीज बढ़ाने के जिम्मेदार कारक जैसे वजन बढ़ना, तनाव आदि से भी छुटकारा मिलेगा।

Wednesday 6 August 2014

अर्थराइटिस- Arthiritis

आहार जो बढ़ा सकता है अर्थराइटिस का दर्द
अर्थराइटिस यानी गठिया जोड़ो की बीमारी है। जब चलने में तकलीफ होने लगे, जोड़ों में दर्द हो, ऐसे में एक ही बीमारी का नाम आता है वह है अर्थराइिटस। यह बीमारी उम्र ढलने वाले लोगों को अधिक होती है, लेकिन बदली हुई लाइफस्‍टाइल के कारण इसकी चपेट में हर उम्र के लोग आ रहे हैं।
जोड़ों काेदर्द
अर्थराइटिस होने पर शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, जिसकी वजह से जोड़ों में सूजन आ जाती है। इसमें असहनीय पीड़ा होती है। खासकर ठंड के मौसम में इसका दर्द बर्दाश्‍त से बाहर हो जाता है। लेकिन इसका दर्द बढ़ाने में दिनचर्या के साथ-साथ आहार भी बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। कई आहार ऐसे हैं जिनको खाने से गठिया का दर्द बढ़ता है। इसलिए अर्थराइटिस की समस्‍या होने पर इन आहार से बचना चाहिए।
अर्थराइटिस में न खायें ये आहार
मछली और मांस
मांस और मछली का सेवन करने वालों को अर्थराइटिस में इससे परहेज करें क्‍योंकि यह दर्द को बढ़ा सकता है। मांस और मछली में अधिक मात्रा में प्यूरिन पाया जाता है। प्यूरिन हमारे शरीर में ज्यादा यूरिक एसिड पैदा करता है। रेड मीट, हिलसा मछली, टूना और एन्कोवी जैसी मछलियों में काफी मात्रा में प्यूरिन पाया जाता है, इसलिए इन्हें अपने डायट चार्ट से बाहार कर दीजिए।
जोड़ों के दर्द
शुगरयुक्‍त खाद्य-पदार्थ
गठिया के मरीज को चीनी और मीठे से परहेज करना चाहिए। शुगर का अधिक सेवन करने से शरीर के कुछ प्रोटीन्‍स का ह्रास होता है। यह आपके गठिया के दर्द को बढ़ाता भी है। इसलिए अपने डायट चार्ट में से शुगर और शुगरयुक्‍त आहार का को निकाल दीजिए।
दुग्‍ध उत्‍पाद
डेयरी प्रोडक्‍ट से बने खाद्य-पदार्थ भी अर्थराइटिस के दर्द को बढ़ा सकते हैं। क्‍योंकि दुग्‍ध उत्‍पाद जैसे, पनीर, बटर आदि में कुछ ऐसे प्रोटीन होते हैं जो जोड़ों के आसपास मौजूद ऊतकों को प्रभावित करते हैं, इसकी वजह से जोड़ों का दर्द बढ़ सकता है। इसलिए दुग्‍ध उत्‍पादों को खाने से बचें।
अल्कोहल और सॉफ्ट ड्रिंक
अर्थराइटिस के मरीजों को शराब और साफ्ट ड्रिंक के सेवन से बचना चाहिए। अल्कोहल खासकर बीयर शरीर में यूरिक एसिड के स्‍तर को बढ़ाता ही है और तो और शरीर से गैर जरूरी तत्व निकालने में शरीर को रोकता भी है। इसी तरह सॉफ्ट ड्रिंक खासकर मीठे पेय या सोडा में फ्रेक्टोस नामक तत्व होता है, जो यूरिक एसिड के बढ़ने में मदद करता है। 2010 में किए गए एक शोध से यह बात सामने आई है कि जो लोग ज्यादा मात्रा में फ्रक्टोस वाली चीजों का सेवन करते हैं, उनमें गठिया होने का खतरा दोगुना अधिक होता है।
टमाटर न खायें
हालांकि टमाटर और विटामिन और मिनरल भरपूर मात्रा में मौजूद होता है, लेकिन यह अर्थराइटिस के दर्द को बढ़ाता भी है। टमाटर में कुछ ऐसे रासायनिक घटक पाये जाते हैं जो गठिया के दर्द को बढ़ाकर जोड़ों में सूजन पैदा करते हैं। इसलिए टमाटर खाने से परहेज करें। 
अर्थराइटिस बहुत ही तकलीफदेह बीमारी है, इसके कारण हिलने-डुलने में भी परेशानी का अनुभव करता है, पैरों के अंगूठे में इसका असर सबसे पहले देखने को मिलता है। अर्थराइटिस के मरीजों को अपना डायट चार्ट बनाते समय एक बार चिकित्‍सक से सलाह लेना चाहिए।

Tuesday 22 July 2014

दाल चावल के परांठे - Daal Chawal Paratha

आज हम आप को बताने जा रहे हैं दाल चावल के पराठे। यदि आपके फ्रिज में दाल और चावल बचे हों तो इनसे आप परांठे बना सकते हैं। इससे बने परांठे खाने में बेहद स्वादिष्ट होते हैं। इन्हें बनाने के लिए आप मूंग, चने, अरहर या किसी भी दाल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
आवश्यक सामग्री:
  1.     दाल - 1 कटोरी (जो भी दाल रखी हो)
  2.     चावल - 1 कटोरी
  3.     गेहूं का आटा - 2 कटोरी
  4.     नमक - स्वादानुसार (आधा छोटी चम्मच)
  5.     जीरा - आधा छोटी चम्मच
  6.     तेल या घी - परांठे बनाने के लिये
विधि:
एक बर्तन में आटा छान कर इसमें नमक, जीरा और एक छोटी चम्मच तेल डाल कर मिला लें. इसमें दाल और चावल डालें और अच्छे से मिला लें। ज़रूरत के अनुसार पानी डालते हुए आटे को गूंठ लें। इसे 20 मिनट के लिए ढक कर रख दें। इतने समय में आटा सैट हो जाएगा। अब आटे को हाथों से मसल कर चिकना कर लें। परांठे बनाने के लिए आटा तैयार है।
सबसे पहले तवा गरम करें। अब आटे से थोडा़ सा आटा लेकर एक गोल लोई बनाएं। इसे सूखे आटे में लपेटें और फिर चकले पर 3 इंच के व्यास में गोल बेल लें। बेले परांठे पर थोडा़ सा तेल या घी लगाकर चिकना करें और परांठे को चारों तरफ़ से उठाकर इकठ्ठा करते हुए गोल करें। इसे अच्छे से बंद करके हाथों से दबाकर चपटा कर लें।
तैयार लोई को फिर से सूखे आटे में लपेटकर 6-8 इंच के व्यास में गोल और थोडा़ मोटा बेल लें। अब गरम तवे पर तोडा़ सा तेल डाल कर फ़ैलाएं और इस पर बेला हुआ परांठा डाल दें। परांठे के दोनों तरफ़ थोडा़-थोडा़ तेल लगा कर इसे मीडियम आंच पर पलटते हुए हल्का ब्राउन और खस्ता होने तक सेक लें। जब परांठा सिक जाए तो इसे प्लेट में रख लें।
दाल चावल के गरमा-गरम परांठों को दही, आचार, चटनी या पसंद की सब्ज़ी के साथ परोस कर सभी को खिलाएं। इन्हें गरम-गरम खाने का मजा ही कुछ और है।

Monday 7 July 2014

अदरक का आचार - Ginger pickle

आज हम आप को बताने जा रहे हैं स्वादिष्ट अदरक का आचार। अदरक का आचार खाने का स्वाद बढाने के साथ हाजमे को भी ठीर करने में लाभकारी होता है। इसे बनाना भी काफी आसान है। सर्दियों के मौसम में बिना रेशे का अदरक आता है और मार्च के महीने तक चलता है जिसका आचार अच्छा बनता है।  
जरूरी सामग्री:
    अदरक - 200 ग्राम
    नीबू - 200 ग्राम
    नमक - 1 छोटी चम्मच
    काला नमक -   1 छोटी चम्मच
    हींग - 2-3 पिंच (पिसी हुई)
    काली मिर्च - 1/4 छोटी चम्मच
बनाने की विधि:
बिना रेशे का अदरक बाजार से खरीद कर ले आएं. अब इसे छील कर अच्छे से धो लें और फिर सुखा लें। पानी
http://jkhealthworld.com/hindi/अदरक
अदरक का आचार
सुखाने के बाद अदरक को छोटे-छोटे और पतले टुकडों में काट लें। नींबू को धो कर उनका पानी सुखा लें. अब इन्हें काटें और इनका रक निकाल लें।
कटे हुए अदरक के टुकडों में नमक, काला नमक, हींग, काली मिर्च और नींबू का रस डाल लें. सारी चीज़ों को अच्छे से मिला लें।
तैयार अदरक के टुकडों को कांच के साफ़ कंटेनर में भर लें। कंटेनर के ढक्कन को अच्छे से बंद कर दें। अगर आपके घर में धूप आती है तो आचार को तीन दिन के लिए धूप में रख दें। आचार को हर दूसरे दिन हिला कर उपर नीचे ज़रूर कर दें। अगर घर में धूप ना आती हो तो आप इसे कमरे में ही रख सकते हैं. इसे दिन में एक बार चम्मच से चला दें। अदरक के आचार को आप अभी से खा सकते हैं लेकिन 3-4 दिन में इसमें सारे मसालों का स्वाद भर जाएगा और आचार बेहद स्वादिष्ट हो जाएग।
अदरक का बेहद स्वादिष्ट आचार तैयार है। इसे 15-20 दिन तक आराम से खाए और ज़्यादा दिन तक चलाने के लिए अदरक को नींबू के रस में डुबा कर रखें। ऎसा करने से ये काफी समय तक ठीक रहेगा। आचार को नमी वाली जगह पर ना रखें और जब भी इसे निकालें तो साफ़ और सूखे चम्मच से ही निकालें। अदरक के आचार को अपने खाने में शामिल करें ये खाने के स्वाद को बढा़ देगा और इसे पचाने में भी आपकी मदद करेगा।

Sunday 6 July 2014

बैगन करी - Baigan masala curry

बैंगन करी बहुत स्वादिष्ट होता है। आज हम आप को बताने जा रहे हैं कैसे बनाए बैंगन करी।बैंगन करी बनाने के लिए आवश्यक सामाग्री।
जरूरी सामग्री:
  1.  बैगन - 500 ग्राम ( बड़े बैगन, बिना बीज वाले)

www.jkhealthworld.com/hindi/
बैंगन करी की सामाग्री
बैंगन मैरीनेट करने के लिए:
  1. दही - 3 -4 टेबल स्पून
  2. बेसन - 2 टेबल स्पून
  3. नमक - 1/4 छोटी चम्मच
  4. गरम मसाला - एक चौथाई छोटी चम्मच
  5. तेल - बैगन तलने के लिये
करी बनाने के लिए:
  1. टमाटर - 3-4
  2. हरी मिर्च - 1 या 2
  3. अदरक - 1 इंच लम्बा टुकड़ा
  4. छिले मूंगफली के दाने - 2 टेबल स्पून
  5. ताजा दही -  1/4 कप
  6. तेल - 2 - 3 टेबल स्पून
  7.  हींग - 1 पिंच
  8. जीरा - आधा छोटी चम्मच
  9. हल्दी पाउडर - 1/4 छोटी चम्मच
  10. धनियां पाउडर - 1 छोटी चम्मच
  11. लाल मिर्च - एक चौथाई छोटी चम्मच से कम
  12. नमक - स्वादानुसार (3/4 छोटी चम्मच)
  13. गरम मसाला -   1/4  छोटी चम्मच
  14. हरा धनियां - 2-3 टेबल स्पून (बारीक कतरा हुआ)
बनाने की विधि:
  • बैंगन को धोकर छील लें और इन्हें पानी में डुबा कर रख दें। अब बारी है बैंगन को मैरीनेट करने की इसके लिए एक बाउल में फ़ैंटा हुआ दही, नमक, गरम मसाला और बेसन डाल कर इन सबको अच्छे से मिला लें. बैंगन को 1 1/2 इंच के मध्यम आकार के चौकोर टुकडों में काट लें. बैंगन के टुकडों को तैयार मसाले में मिला कर 15-20 मिनत के लिए इसी तरह रख दें।
  • निश्चित समय के बाद ये मैरीनेट हो जाएंगे. इन्हें तलने के लिए एक कढा़ई में तेल डाल कर गरम कर लें। गरम तेल में बैंगन के टुकडे़ एक-एक करके डालें. जितने टुकडे़ आसानी से डाल कर तले जा सकें डाल लें। इन्हें पलट-पलट कर हल्का ब्राउन होने तक तल लें और फिर एक प्लेट में निकाल कर रख लें।
तरी बनाएं:
  • टमाटर, हरी मिर्च और अदरक को धो लें. हरी मिर्च के डंठल हटा दें और अदरक को छील लें। अब इन तीनों को बडे़-बडे़ टुकडों में काट कर, इनके साथ मूंगफ़ली के दानों को भी मिक्सी में डाल लें और इन्हें पीस कर बारीक पेस्ट बना लें।कढा़ई में 2-3 टेबल स्पून तेल डाल कर गरम कर लें। बिलकुल धीमी आंच पर इसमें हींग और जीरा डाल कर भून लें. इसके बाद हल्दी पाउडर और धनिया पाउडर डाल कर टमाटर-मूंगफ़ली वाला पिसा मसाला डाल लें। लाल मिर्च डाल कर इसे तेल छोड़ने तक भूनें. जब तेल मसाले के उपर तैरने लगे तो इसमें फ़ैंटी हुई दही डाल कर मिला लें। चम्मच से चलाते हुए इसे फिर से तेल छोड़ने तक भूनें. जब मसाला भुन जाए तो इसमें तले हुए बैंगन के टुकडे़ डाल कर मिला लें।
  • तैयार बैंगन करी
  • आपको जितनी गाढी़ तरी पसंद है उसके अनुसार इसमें 1 या 1 1/2 कप पानी डाल लें। नमक मिलाएं और इसमें उबाल आने तक चलाते हुए पकाएं। सब्ज़ी में गरम मसाला डाल कर मिला दें। इसे ढक कर 5-6 मिनट तक पकने दें। इतने समय में मसालों का स्वाद बैंगन में भर जाएगा। गैस बंद करके इसमें आधा हरा धनिया मिला लें। बैंगन करी तैयार है।
  • गरमा-गरम बैंगन करी को बाउल में निकाल कर हरा धनिया डाल कर सजाएं और चपाती, परांठे या चावल के साथ इसे खाएं।
ध्यान दें:
अगर आप इसमें प्याज़ भी डालना चाहते हैं तो इसके लिए 1-2 पयाज़ को बारीक काट लें. तेल गरम करके हींग और जीरा भूनने की बाद प्याज़ को डाल कर गुलाबी होने तक भून लें और फिर उपर बताए अनुसार ही बना लें।
उपर दी सामग्री से 50 मिनट में ये सब्ज़ी 4-5 सदस्यों के लिए तैयार हो जाएगी।

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