आहार जो बढ़ा सकता है अर्थराइटिस का दर्द
अर्थराइटिस यानी गठिया जोड़ो की बीमारी है। जब चलने में तकलीफ होने लगे, जोड़ों में दर्द हो, ऐसे में एक ही बीमारी का नाम आता है वह है अर्थराइिटस। यह बीमारी उम्र ढलने वाले लोगों को अधिक होती है, लेकिन बदली हुई लाइफस्टाइल के कारण इसकी चपेट में हर उम्र के लोग आ रहे हैं।
अर्थराइटिस होने पर शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ जाती है, जिसकी वजह से जोड़ों में सूजन आ जाती है। इसमें असहनीय पीड़ा होती है। खासकर ठंड के मौसम में इसका दर्द बर्दाश्त से बाहर हो जाता है। लेकिन इसका दर्द बढ़ाने में दिनचर्या के साथ-साथ आहार भी बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। कई आहार ऐसे हैं जिनको खाने से गठिया का दर्द बढ़ता है। इसलिए अर्थराइटिस की समस्या होने पर इन आहार से बचना चाहिए।
अर्थराइटिस में न खायें ये आहार
मछली और मांस
मांस और मछली का सेवन करने वालों को अर्थराइटिस में इससे परहेज करें क्योंकि यह दर्द को बढ़ा सकता है। मांस और मछली में अधिक मात्रा में प्यूरिन पाया जाता है। प्यूरिन हमारे शरीर में ज्यादा यूरिक एसिड पैदा करता है। रेड मीट, हिलसा मछली, टूना और एन्कोवी जैसी मछलियों में काफी मात्रा में प्यूरिन पाया जाता है, इसलिए इन्हें अपने डायट चार्ट से बाहार कर दीजिए।
शुगरयुक्त खाद्य-पदार्थ
गठिया के मरीज को चीनी और मीठे से परहेज करना चाहिए। शुगर का अधिक सेवन करने से शरीर के कुछ प्रोटीन्स का ह्रास होता है। यह आपके गठिया के दर्द को बढ़ाता भी है। इसलिए अपने डायट चार्ट में से शुगर और शुगरयुक्त आहार का को निकाल दीजिए।
दुग्ध उत्पाद
डेयरी प्रोडक्ट से बने खाद्य-पदार्थ भी अर्थराइटिस के दर्द को बढ़ा सकते हैं। क्योंकि दुग्ध उत्पाद जैसे, पनीर, बटर आदि में कुछ ऐसे प्रोटीन होते हैं जो जोड़ों के आसपास मौजूद ऊतकों को प्रभावित करते हैं, इसकी वजह से जोड़ों का दर्द बढ़ सकता है। इसलिए दुग्ध उत्पादों को खाने से बचें।
अल्कोहल और सॉफ्ट ड्रिंक
अर्थराइटिस के मरीजों को शराब और साफ्ट ड्रिंक के सेवन से बचना चाहिए। अल्कोहल खासकर बीयर शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाता ही है और तो और शरीर से गैर जरूरी तत्व निकालने में शरीर को रोकता भी है। इसी तरह सॉफ्ट ड्रिंक खासकर मीठे पेय या सोडा में फ्रेक्टोस नामक तत्व होता है, जो यूरिक एसिड के बढ़ने में मदद करता है। 2010 में किए गए एक शोध से यह बात सामने आई है कि जो लोग ज्यादा मात्रा में फ्रक्टोस वाली चीजों का सेवन करते हैं, उनमें गठिया होने का खतरा दोगुना अधिक होता है।
टमाटर न खायें
हालांकि टमाटर और विटामिन और मिनरल भरपूर मात्रा में मौजूद होता है, लेकिन यह अर्थराइटिस के दर्द को बढ़ाता भी है। टमाटर में कुछ ऐसे रासायनिक घटक पाये जाते हैं जो गठिया के दर्द को बढ़ाकर जोड़ों में सूजन पैदा करते हैं। इसलिए टमाटर खाने से परहेज करें।
अर्थराइटिस बहुत ही तकलीफदेह बीमारी है, इसके कारण हिलने-डुलने में भी परेशानी का अनुभव करता है, पैरों के अंगूठे में इसका असर सबसे पहले देखने को मिलता है। अर्थराइटिस के मरीजों को अपना डायट चार्ट बनाते समय एक बार चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए।
अर्थराइटिस यानी गठिया जोड़ो की बीमारी है। जब चलने में तकलीफ होने लगे, जोड़ों में दर्द हो, ऐसे में एक ही बीमारी का नाम आता है वह है अर्थराइिटस। यह बीमारी उम्र ढलने वाले लोगों को अधिक होती है, लेकिन बदली हुई लाइफस्टाइल के कारण इसकी चपेट में हर उम्र के लोग आ रहे हैं।
जोड़ों काेदर्द |
अर्थराइटिस में न खायें ये आहार
मछली और मांस
मांस और मछली का सेवन करने वालों को अर्थराइटिस में इससे परहेज करें क्योंकि यह दर्द को बढ़ा सकता है। मांस और मछली में अधिक मात्रा में प्यूरिन पाया जाता है। प्यूरिन हमारे शरीर में ज्यादा यूरिक एसिड पैदा करता है। रेड मीट, हिलसा मछली, टूना और एन्कोवी जैसी मछलियों में काफी मात्रा में प्यूरिन पाया जाता है, इसलिए इन्हें अपने डायट चार्ट से बाहार कर दीजिए।
जोड़ों के दर्द |
गठिया के मरीज को चीनी और मीठे से परहेज करना चाहिए। शुगर का अधिक सेवन करने से शरीर के कुछ प्रोटीन्स का ह्रास होता है। यह आपके गठिया के दर्द को बढ़ाता भी है। इसलिए अपने डायट चार्ट में से शुगर और शुगरयुक्त आहार का को निकाल दीजिए।
दुग्ध उत्पाद
डेयरी प्रोडक्ट से बने खाद्य-पदार्थ भी अर्थराइटिस के दर्द को बढ़ा सकते हैं। क्योंकि दुग्ध उत्पाद जैसे, पनीर, बटर आदि में कुछ ऐसे प्रोटीन होते हैं जो जोड़ों के आसपास मौजूद ऊतकों को प्रभावित करते हैं, इसकी वजह से जोड़ों का दर्द बढ़ सकता है। इसलिए दुग्ध उत्पादों को खाने से बचें।
अल्कोहल और सॉफ्ट ड्रिंक
अर्थराइटिस के मरीजों को शराब और साफ्ट ड्रिंक के सेवन से बचना चाहिए। अल्कोहल खासकर बीयर शरीर में यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ाता ही है और तो और शरीर से गैर जरूरी तत्व निकालने में शरीर को रोकता भी है। इसी तरह सॉफ्ट ड्रिंक खासकर मीठे पेय या सोडा में फ्रेक्टोस नामक तत्व होता है, जो यूरिक एसिड के बढ़ने में मदद करता है। 2010 में किए गए एक शोध से यह बात सामने आई है कि जो लोग ज्यादा मात्रा में फ्रक्टोस वाली चीजों का सेवन करते हैं, उनमें गठिया होने का खतरा दोगुना अधिक होता है।
टमाटर न खायें
हालांकि टमाटर और विटामिन और मिनरल भरपूर मात्रा में मौजूद होता है, लेकिन यह अर्थराइटिस के दर्द को बढ़ाता भी है। टमाटर में कुछ ऐसे रासायनिक घटक पाये जाते हैं जो गठिया के दर्द को बढ़ाकर जोड़ों में सूजन पैदा करते हैं। इसलिए टमाटर खाने से परहेज करें।
अर्थराइटिस बहुत ही तकलीफदेह बीमारी है, इसके कारण हिलने-डुलने में भी परेशानी का अनुभव करता है, पैरों के अंगूठे में इसका असर सबसे पहले देखने को मिलता है। अर्थराइटिस के मरीजों को अपना डायट चार्ट बनाते समय एक बार चिकित्सक से सलाह लेना चाहिए।
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