योगा से बनती है, पतली कमर और तोंद होता है कम आजकल मैदे और बेसन से बनी चीजें खाने का प्रचनल बढ़ गया है जिससे शरीर में अतिरिक्त चर्बी बनती जा रही है। इसके अलावा कोक से भी पेट की प्रोब्लम बढ़ती जा रही है। इसके अलावा और भी कई कारण है जिससे पेट अब तोंद या कहे टैंक बन गया है। योग आपको हर पल शरीर और मन से युवा बनाए रखता है लेकिन इसका लाभ तभी मिलता है जब आप इसका अभ्यास नियमित रूप से करते हैं। आसनों के अलावा योग के अन्य उपाय करना भी युवा बने रहने के लिए आवश्यक है। जिन लोगों के पेट की चर्बी बढ़ गई है या जिन्हें अपनी कमर पतली बनानी है उनके लिए यहां कुछ योग टिप्स दिए जा रहे हैं जो शरीर की अतिरिक्त चरबी घटाने में योग काफी मदद करेगा। एक बात का ध्यान रखें कि योगा के दौरान आप को अपने खानपान पर भी सुधारना करना होगा। इसके लिए अपा को रोजान निम्न आसनों का अभ्यास करना होगा। नौकासन, उष्ट्रासन, त्रिकोणासन करके आप अपने पेट की अतिरिक्त चर्बी को कम कर सकते हैं और अपनी कमर को पतली बना सकते हैं। योगाभ्यास और सही डायट का कॉम्बिनेशन आपके पेट को तोंद से टोन कर सकता है।
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Thursday, 30 January 2014
Tuesday, 28 January 2014
Benefits of OM, OM mantra
'ॐ' का उच्चारण, स्वास्थ्य के प्राप्ति
हिन्दी धर्म में 'ॐ' एक बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है जिसका उच्चारण करने से शरीर की सभी आंतरिक अंग चेतन अवस्था में आ जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि सृष्टि के आरंभ में केवल यही एक ध्वनि ब्रह्मांड में गूंजती थी।
शोधकर्ताओं के अनुसार जब हम 'ॐ' बोलते हैं तो वस्तुतः हम तीन वर्णों का उच्चारण करते हैं: 'ओ', 'उ' तथा 'म'। 'ओ' मस्तिष्क से, 'उ' हृदय से तथा 'म' नाभि (जीवन) से जुड़ा है।
हम जानते हैं कि मन और मस्तिष्क से ही कोई भी काम सफल होता है। 'ॐ' के सतत उच्चारण से इन तीनों में एक रिदम आ जाती है जो हमारे द्वारा कार्य किये गए कार्य को पूर्ण करने में मदत करता है।
'ॐ' के जाप जिस स्थान पर किया जाता है वहां यह तरंगित होकर पवित्र एवं सकारात्मक ऊर्जा को उत्पन्न करता है। इसके अभ्यास से जीवन की गुत्थियां सुलझती हैं तथा आत्मज्ञान होने लगता है।
'ॐ' से मनुष्य के मन में एकाग्रता, वैराग्य, सात्विक भाव, भक्ति, शांति एवं आशा का संचार होता है। इससे आध्यात्मिक ऊंचाइयां प्राप्त होती हैं। 'ॐ' से तनाव, निराशा, क्रोध दूर होते हैं।
इसके उच्चारण से मन, मस्तिष्क और शरीर स्वस्थ होते हैं। गले व सांस की बीमारियों नहीं होती। यह थायरॉइड समस्या, अनिद्रा, उच्च रक्तचाप, स्त्री रोग, अपच, वायु विकार, दमा व पेट की बीमारियों में लाभकारी होता है।
ध्यान, प्राणायाम, योगनिद्रा, योग आदि सभी को 'ॐ' के उच्चारण के बाद ही शुरू किया जाता है। मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए दिन में कम से कम 21 बार 'ॐ' का उच्चारण करना चाहिए। यह न केवल मन-मस्तिष्क को स्वास्थ्य रखता है बल्कि जीवन को कामयब भी लाभकर सिद्ध होता है।
हिन्दी धर्म में 'ॐ' एक बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है जिसका उच्चारण करने से शरीर की सभी आंतरिक अंग चेतन अवस्था में आ जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि सृष्टि के आरंभ में केवल यही एक ध्वनि ब्रह्मांड में गूंजती थी।
शोधकर्ताओं के अनुसार जब हम 'ॐ' बोलते हैं तो वस्तुतः हम तीन वर्णों का उच्चारण करते हैं: 'ओ', 'उ' तथा 'म'। 'ओ' मस्तिष्क से, 'उ' हृदय से तथा 'म' नाभि (जीवन) से जुड़ा है।
हम जानते हैं कि मन और मस्तिष्क से ही कोई भी काम सफल होता है। 'ॐ' के सतत उच्चारण से इन तीनों में एक रिदम आ जाती है जो हमारे द्वारा कार्य किये गए कार्य को पूर्ण करने में मदत करता है।
'ॐ' के जाप जिस स्थान पर किया जाता है वहां यह तरंगित होकर पवित्र एवं सकारात्मक ऊर्जा को उत्पन्न करता है। इसके अभ्यास से जीवन की गुत्थियां सुलझती हैं तथा आत्मज्ञान होने लगता है।
'ॐ' से मनुष्य के मन में एकाग्रता, वैराग्य, सात्विक भाव, भक्ति, शांति एवं आशा का संचार होता है। इससे आध्यात्मिक ऊंचाइयां प्राप्त होती हैं। 'ॐ' से तनाव, निराशा, क्रोध दूर होते हैं।
इसके उच्चारण से मन, मस्तिष्क और शरीर स्वस्थ होते हैं। गले व सांस की बीमारियों नहीं होती। यह थायरॉइड समस्या, अनिद्रा, उच्च रक्तचाप, स्त्री रोग, अपच, वायु विकार, दमा व पेट की बीमारियों में लाभकारी होता है।
ध्यान, प्राणायाम, योगनिद्रा, योग आदि सभी को 'ॐ' के उच्चारण के बाद ही शुरू किया जाता है। मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए दिन में कम से कम 21 बार 'ॐ' का उच्चारण करना चाहिए। यह न केवल मन-मस्तिष्क को स्वास्थ्य रखता है बल्कि जीवन को कामयब भी लाभकर सिद्ध होता है।
Monday, 27 January 2014
How to get beastliness about yoga
कैसे पाएं योगा से खूबसूरती
योग खुबसुरती को बढ़ाने का एक ऐसा साधान है जिसमें न तो पैसे लगते हैं और ना ही किसी प्रकार का कोई साईडिफैक्ट होता है। योग के अभ्यास से शरीर को खुबसुरत बनाने के साथ मन को भी प्रसन्न रखा जा सकता है। सुंदरता के लिए कैसे करें योग का अभ्यास।
योग खुबसुरती को बढ़ाने का एक ऐसा साधान है जिसमें न तो पैसे लगते हैं और ना ही किसी प्रकार का कोई साईडिफैक्ट होता है। योग के अभ्यास से शरीर को खुबसुरत बनाने के साथ मन को भी प्रसन्न रखा जा सकता है। सुंदरता के लिए कैसे करें योग का अभ्यास।
योग का अभ्यास- सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और अपने पैर को एक फुट की दूरी तक पैर फैलाएं। अब अपने चेहरे को हथेली से कवर करें और 10 बार लंबी-लंबी सांसे लें। इसके बाद अपने चेहरे, आंखों, माथे को उंगलियों से रगड़े और तेज-तेज सांस लें।
लाभ- इस तरह से योगा का अभ्यास करने से चेहरे पर ग्लो आता है, स्किन सॉफ्ट और रिंकल्स फ्री बनता है। इससे आंखों के नीचे के डार्क सर्कल कम हो जाते हैं और चिक पर शाइन आती है।
अगर चेहरे पर कम उम्र में ही रिंकल्स आने लगे हैं तो ऐसे में पूरे चेहरे की स्किन को हल्के हाथों से रगड़ते हुए लंबी सांस लेने ले से रिंकल्स कम होते हैं और चेहरा फ्रेश होगा।
गर्दन को सुडौल और सुंदर बनाने के लिए
योग का अभ्यास- अभ्यास के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और अपने शरीर को पूरी तरह से सीधे रखें। अब कंधों को बिना हिलाएं अपनी गर्दन को जितना लेफ्ट में मोड़ सकते हैं, मोड़। यह क्रिया लगभग 10 बार करें। इस क्रिया को पहले सिर के आगे की और करें और फिर पीछे की तरफ करें। ऐसा करने से आपकी चिन चेस्ट को छूनी चाहिए। इसे लगभग 3 बार करें। इस अभ्यास को बिना कोई झटका या जोर लगाए आराम से करें।
लाभ- इसका अभ्यास हमेशा करने से गर्दन की फैट कम होगी और आपकी गर्दन शेप में आएगी। यही नहीं, इसके अभ्यास से आपका गर्दन के रिंकल्स आने की प्रोसेस भी कम होगा। इसका अभ्यास से माइंड और बॉडी को भी आराम मिलता है। यह शरीर से टॉक्सिंस को रिमूव कर बॉडी को फ्लैक्सिबल बनाती है।
लाभ- इस तरह से योगा का अभ्यास करने से चेहरे पर ग्लो आता है, स्किन सॉफ्ट और रिंकल्स फ्री बनता है। इससे आंखों के नीचे के डार्क सर्कल कम हो जाते हैं और चिक पर शाइन आती है।
अगर चेहरे पर कम उम्र में ही रिंकल्स आने लगे हैं तो ऐसे में पूरे चेहरे की स्किन को हल्के हाथों से रगड़ते हुए लंबी सांस लेने ले से रिंकल्स कम होते हैं और चेहरा फ्रेश होगा।
गर्दन को सुडौल और सुंदर बनाने के लिए
योग का अभ्यास- अभ्यास के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और अपने शरीर को पूरी तरह से सीधे रखें। अब कंधों को बिना हिलाएं अपनी गर्दन को जितना लेफ्ट में मोड़ सकते हैं, मोड़। यह क्रिया लगभग 10 बार करें। इस क्रिया को पहले सिर के आगे की और करें और फिर पीछे की तरफ करें। ऐसा करने से आपकी चिन चेस्ट को छूनी चाहिए। इसे लगभग 3 बार करें। इस अभ्यास को बिना कोई झटका या जोर लगाए आराम से करें।
लाभ- इसका अभ्यास हमेशा करने से गर्दन की फैट कम होगी और आपकी गर्दन शेप में आएगी। यही नहीं, इसके अभ्यास से आपका गर्दन के रिंकल्स आने की प्रोसेस भी कम होगा। इसका अभ्यास से माइंड और बॉडी को भी आराम मिलता है। यह शरीर से टॉक्सिंस को रिमूव कर बॉडी को फ्लैक्सिबल बनाती है।
Friday, 24 January 2014
Beauty care by yoga
योग, सुंदरता के लिए है सबसे अच्छा
दुनिया की हर स्त्री सुंदर दिखना चाहती है और अपने आप को सुंदर बनाने के लिए अनेक प्रकार के कृत्रिम उपाय अपनाती है। लड़कियां अपने आप को सुंदर दिखाने के लिए मेकअप करने से लेकर बाल रंगने तक कई उपाय करती है लेकिन इतना सब करने के बाद भी उनकी सुंदरता लंबे समय तक नहीं टिक पाता है। ऐसे में लड़कियों को कुछ ऐसे साधन चाहिए जिससे उसकी सुंदरता हमेशा बना रहे और उम्र का असर भी कम दिखाई दें। सुंदरता बनाए रखने के लिए योगासन और प्राकृतिक चिकित्सा दो ऐसे साधन हैं जिनके जरिए स्त्रियां उम्रदराज होने पर भी सुंदर लग सकती हैं।
योगासन : योगासन के अभ्यास के लिए रोज 20-25 मिनट जरूर निकालें। योगा के अभ्यास से त्वचा की झुर्रियों के साथ पेट की अधिक चर्बी भी कम होती है। अभ्यास के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो कर दोनों हथेलियों से चेहरे को ढंक ले और फिर गहरी सांसें लें और छोड़े कुछ मिनटों के बाद उंगलियों की पोरों की ठोड़ी से लेकर माथे तक मालिश करिए। यह कसरत कम से कम तीन बार करें। इसी के साथ कपालभाति एवं अनुलोम विलोम भी कर लें। इससे त्वचा मुलायम और चमकदार होती है।
सुडौल गर्दन : अपने पैरों को पास में रखकर खड़े हो जाइए। चेहरे को पीछे की ओर मोड़कर जितना पीछे जा सकते हो जाएं और थोड़ी देर इसी अवस्था में रुकें। अब ठोड़ी को छाती की हड्डी पर गले के नीचे चिपका दें। यदि चिपकाना संभव न हो तब भी कोशिश करते रहें। सीधे खड़े रहें और कंधों को बिना हिलाए सिर को दोनों साइड में झुकाएं। कोशिश करें कि सिर को कंधे पर टिका सकें। ऐसा दोनों ओर करें। इस आसन को कम से कम 20 बार करें। इस आसन के बाद गरदन को दोनों तरफ तेजी से 10 बार झटकें। इससे गर्दन सुडौल होता है।
पेट की अधिक चर्बी : अपने पैरों को फैलाकर खड़े हो जाएं। आगे की ओर बिना घुटना मोड़े पैरों की उंगलियों को हाथ की उंगलियों की पोरों से पकड़ने की कोशिश करें। संभव है कि पहली बार आप ऐसा
नहीं कर पाएं लेकिन रोज कोशिश करेंगे तो शायद एक दिन कर पाएं। रोजाना 10-10 के क्रम में दो बार करें। पैरों को दो फुट की दूरी तक फैला लें और शरीर को आगे की ओर 90 डिग्री के कोण बनाते हुए झुका लें। अब सीधे हाथ की उंगलियों से बाएं पैर की उंगलियों को स्पर्श करने का प्रयत्न करें। दोनों ओर इसे कम से कम 20 बार करें। जमीन पर सीधे लेट जाएं। पैरों को पास में रखें। अब पैरों को बिना घुटने मोड़े ऊपर उठाने का प्रयत्न करें। इसी तरह सिर को धड़ सहित ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस तरह शरीर की आकृति एक नाव की तरह हो जाएगी। नौका जैसी आकृति बनाते हुए एक मिनट तक रुकें। इसके अलावा पेट की चर्बी गलाने के लिए आप पश्चिमोत्तान आसन कर सकते हैं।
सुडौल कमर : नाजुक या सुडौल कमर पाना हर स्त्री का ऐसा सपना है जो कम ही पूरा होता है। कमर का घेरा कम तब ही लगता है जब पेट की अनावश्यक चर्बी खत्म हो जाती है। आप चाहें तो इन आसनों को आजमा सकती हैं। पैरों को एक फुट की दूरी बनाते हुए खड़ी हो जाएं। हाथों को साइड में जमीन के समानांतर कंधों की ऊँचाई तक फैला लें। अब शरीर के उपरी हिस्से को बाईं ओर जितना मोड़ सकते हों मोड़ लें तथा पीछे की ओर देखें। ध्यान रखें कि पैर जमीन पर टिके रहें। ऐसा ही दूसरी तरफ भी करें। दस से बीस बार ऐसा रोजाने करने से कमर सुडौल होता है। पवनमुक्तासन, भुजंगासन, धनुर्रासन आसानी से कर सकते हैं।
दुनिया की हर स्त्री सुंदर दिखना चाहती है और अपने आप को सुंदर बनाने के लिए अनेक प्रकार के कृत्रिम उपाय अपनाती है। लड़कियां अपने आप को सुंदर दिखाने के लिए मेकअप करने से लेकर बाल रंगने तक कई उपाय करती है लेकिन इतना सब करने के बाद भी उनकी सुंदरता लंबे समय तक नहीं टिक पाता है। ऐसे में लड़कियों को कुछ ऐसे साधन चाहिए जिससे उसकी सुंदरता हमेशा बना रहे और उम्र का असर भी कम दिखाई दें। सुंदरता बनाए रखने के लिए योगासन और प्राकृतिक चिकित्सा दो ऐसे साधन हैं जिनके जरिए स्त्रियां उम्रदराज होने पर भी सुंदर लग सकती हैं।
योगासन : योगासन के अभ्यास के लिए रोज 20-25 मिनट जरूर निकालें। योगा के अभ्यास से त्वचा की झुर्रियों के साथ पेट की अधिक चर्बी भी कम होती है। अभ्यास के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो कर दोनों हथेलियों से चेहरे को ढंक ले और फिर गहरी सांसें लें और छोड़े कुछ मिनटों के बाद उंगलियों की पोरों की ठोड़ी से लेकर माथे तक मालिश करिए। यह कसरत कम से कम तीन बार करें। इसी के साथ कपालभाति एवं अनुलोम विलोम भी कर लें। इससे त्वचा मुलायम और चमकदार होती है।
सुडौल गर्दन : अपने पैरों को पास में रखकर खड़े हो जाइए। चेहरे को पीछे की ओर मोड़कर जितना पीछे जा सकते हो जाएं और थोड़ी देर इसी अवस्था में रुकें। अब ठोड़ी को छाती की हड्डी पर गले के नीचे चिपका दें। यदि चिपकाना संभव न हो तब भी कोशिश करते रहें। सीधे खड़े रहें और कंधों को बिना हिलाए सिर को दोनों साइड में झुकाएं। कोशिश करें कि सिर को कंधे पर टिका सकें। ऐसा दोनों ओर करें। इस आसन को कम से कम 20 बार करें। इस आसन के बाद गरदन को दोनों तरफ तेजी से 10 बार झटकें। इससे गर्दन सुडौल होता है।
पेट की अधिक चर्बी : अपने पैरों को फैलाकर खड़े हो जाएं। आगे की ओर बिना घुटना मोड़े पैरों की उंगलियों को हाथ की उंगलियों की पोरों से पकड़ने की कोशिश करें। संभव है कि पहली बार आप ऐसा
नहीं कर पाएं लेकिन रोज कोशिश करेंगे तो शायद एक दिन कर पाएं। रोजाना 10-10 के क्रम में दो बार करें। पैरों को दो फुट की दूरी तक फैला लें और शरीर को आगे की ओर 90 डिग्री के कोण बनाते हुए झुका लें। अब सीधे हाथ की उंगलियों से बाएं पैर की उंगलियों को स्पर्श करने का प्रयत्न करें। दोनों ओर इसे कम से कम 20 बार करें। जमीन पर सीधे लेट जाएं। पैरों को पास में रखें। अब पैरों को बिना घुटने मोड़े ऊपर उठाने का प्रयत्न करें। इसी तरह सिर को धड़ सहित ऊपर उठाने की कोशिश करें। इस तरह शरीर की आकृति एक नाव की तरह हो जाएगी। नौका जैसी आकृति बनाते हुए एक मिनट तक रुकें। इसके अलावा पेट की चर्बी गलाने के लिए आप पश्चिमोत्तान आसन कर सकते हैं।
सुडौल कमर : नाजुक या सुडौल कमर पाना हर स्त्री का ऐसा सपना है जो कम ही पूरा होता है। कमर का घेरा कम तब ही लगता है जब पेट की अनावश्यक चर्बी खत्म हो जाती है। आप चाहें तो इन आसनों को आजमा सकती हैं। पैरों को एक फुट की दूरी बनाते हुए खड़ी हो जाएं। हाथों को साइड में जमीन के समानांतर कंधों की ऊँचाई तक फैला लें। अब शरीर के उपरी हिस्से को बाईं ओर जितना मोड़ सकते हों मोड़ लें तथा पीछे की ओर देखें। ध्यान रखें कि पैर जमीन पर टिके रहें। ऐसा ही दूसरी तरफ भी करें। दस से बीस बार ऐसा रोजाने करने से कमर सुडौल होता है। पवनमुक्तासन, भुजंगासन, धनुर्रासन आसानी से कर सकते हैं।
Thursday, 23 January 2014
Natural Green Juice is good for health
नेचुरल ग्रीन जूस स्वास्थ्य के लिए है बहुत फायदेमंद
पालक और नारियल जूस- पालक और नारियल का जूस पीना शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। नारियल के जूस बनाने के लिए एक कप नारियल का दूध, कटी हुई पालक, एक कप केल पत्तियां सेलेरी की स्टिक, 1 केला और दालचीनी लेकर इन सभी को मिक्स करके जूस निकाल लें। यह ग्रीन जूस स्वाद में मीठा होता है और इस जूस से शरीर को ऊर्जा मिलती है। यह शरीर के विषैले तत्वों को नष्ट करता है और पाचन क्रिया को स्वास्थ्य रखता है।
एलोवेरा जूस- एलोवेरा में कई स्वास्थ्यवर्धक गुण होते है। यह शरीर के विषाक्ता को निष्ट करने का अच्छा कार्य करता है। यह बॉडी से विषैले तत्वों को बाहर निकाल देता है और शरीर को डिहाईड्रेट होने से बचाता है।
खीरा और पालक जूस- एक कप कटी हुई पालक और एक खीरा लेकर इसमें
स्वाद के लिए नमक, नींबू या पीपर डाल लेकर पानी मिलाकर जूस बनाएं। इसका पीना स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होता है। खीरा एक अच्छा नेचुरल क्लींजर होता है और इसमें प्रोटीन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। वहीं, पालक में एंटी-ऑक्सीडेंट, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व होते है जो शरीर के लिए लाभकारी होता है।
पुदीना और नींबू जूस- पुदीना ताजगी देता है और नींबू एनर्जी देता है। इसलिए पुदीना और नींबू को मिलाकर जूस बनाकर पीने से बॉडी में ड्रिहाईड्रेशन नहीं होता है। पुदीने की पत्तियों रस निकाल कर इसमें नींबू का रस स्वाद के लिए नमक, चीनी और दालचीनी और पानी मिलाकर पीने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और कभी शरीर में पानी की कमी नहीं होती।
पालक और नारियल जूस- पालक और नारियल का जूस पीना शरीर के लिए बहुत फायदेमंद होता है। नारियल के जूस बनाने के लिए एक कप नारियल का दूध, कटी हुई पालक, एक कप केल पत्तियां सेलेरी की स्टिक, 1 केला और दालचीनी लेकर इन सभी को मिक्स करके जूस निकाल लें। यह ग्रीन जूस स्वाद में मीठा होता है और इस जूस से शरीर को ऊर्जा मिलती है। यह शरीर के विषैले तत्वों को नष्ट करता है और पाचन क्रिया को स्वास्थ्य रखता है।
एलोवेरा जूस- एलोवेरा में कई स्वास्थ्यवर्धक गुण होते है। यह शरीर के विषाक्ता को निष्ट करने का अच्छा कार्य करता है। यह बॉडी से विषैले तत्वों को बाहर निकाल देता है और शरीर को डिहाईड्रेट होने से बचाता है।
खीरा और पालक जूस- एक कप कटी हुई पालक और एक खीरा लेकर इसमें
स्वाद के लिए नमक, नींबू या पीपर डाल लेकर पानी मिलाकर जूस बनाएं। इसका पीना स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद होता है। खीरा एक अच्छा नेचुरल क्लींजर होता है और इसमें प्रोटीन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। वहीं, पालक में एंटी-ऑक्सीडेंट, प्रोटीन और अन्य पोषक तत्व होते है जो शरीर के लिए लाभकारी होता है।
पुदीना और नींबू जूस- पुदीना ताजगी देता है और नींबू एनर्जी देता है। इसलिए पुदीना और नींबू को मिलाकर जूस बनाकर पीने से बॉडी में ड्रिहाईड्रेशन नहीं होता है। पुदीने की पत्तियों रस निकाल कर इसमें नींबू का रस स्वाद के लिए नमक, चीनी और दालचीनी और पानी मिलाकर पीने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और कभी शरीर में पानी की कमी नहीं होती।
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