हृदय रोग से संबंधित बीमारियाँ
उच्च Blood Pressure के लगातार बने रहने से हृदय में अतिरिक्त दबाव बना रहता हैै, जिसकी वजह से हृदय रोग होने की संभावना अधिक रहती है। यदि Time रहते औषधियों के माध्यम से Blood Pressure को सामान्य कर लिया जाये, तो हृदय रोग होने की संभावना घट जाती है।
2- गुर्दे की बीमारियाँ
गुर्दे की कई प्रकार की बीमारियों की कारण से खून की सफाई का कार्य बाधित होता है और हृदय में गंदे खून के बार - बार जाने से उसकी मांसपेशियाँ कमजोर पड़ने लगती है, जो हृदय रोग का कारण बनती हैं।
3- डायबिटीज दूसरे शब्दों में मधुमेह
जब डायबिटीज के वजह खून में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है और लम्बे Time तक बराबर बनी रहती है, तो धीरे - धीरे यही हृदय रोग का कारण बनती है।
4- मोटापे की अधिकता
जब अनियमित भोजन से या कई प्रकार की हारमोनल रोगों से व्यक्ति का मोटापा बढ़ जाता है तब भी हृदय रोग सामान्य से अधिक होने की संभावना रहती है।
5- पेट में कीडे़ (कृमि) होने पर
जब पेट में गंदे खान - पान की कारण से कृमि पड़ जाते हैं और Time से इलाज न मिलने की कारण से पर्याप्त बड़े हो जाते है, तब वे वहां रहते हुए आपका खाना भी खाते हैं तथा गंदे मल भी विसर्जित करते हैं और वही खून हृदय में लगातार जाता है जो हृदय रोग का कारण बनता है इसलिये वर्ष में एक बार कीड़े मारने की औषधि अवश्य खानी चाहिये ।
6- खान-पान
तनावमुक्त रहते हुए, शाकाहारी भोजन को पूर्णतः अपने जीवन में अपनाकर बहुत हद तक हृदय रोग से बचा जा सकता है। इस सम्बन्ध में निम्नलिखित बातों का विशेष ध्यान रख दें।
1- शरीर की जरूरत के According ही कम चिकनाईयुक्त आहार लेना चाहिए। 40वर्ष की उम्र
के बाद जरूरत से अधिक खाना स्वास्थ्य की दृष्टि से नुक्सान दायक है। नसों में अत्यधिक चर्बी के जमाव को रोकने के लिए चोकरयुक्त आटे की रोटियाँ, अधिक मात्रा में हरी सब्जियाँ, सलाद, चना, फल आदि का सेवन करें।
2- खाने में लाल मिर्च, तीखे मसाला आदि एक निर्धारित मात्रा में ही सब्जी में डालिजिएं तथा अधिक तली चीजें, तेल युक्त अचार आदि बहुत कम मात्रा में लिजिएं। एक बार में अधिक खाना न खाकर जरूरत के अनुसार थोड़ा-थोड़ा कई बार खाना चाहिए।
3- सूर्योदय के पहले उठना, धीरे - धीरे टहलना, स्नान आदि करके हल्के योग और ध्यान आदि Daily करना चाहिये।
4- मांसाहार, अण्डे, शराब व धूम्रपान, तम्बाकू आदि से पूर्णतः अपने आपको बचाना चाहिए। ये हृदय और body के लिये अत्यन्त नुकशान दायक हैं इसलिये इनका भूल कर भी सेवन न करें।
5- मानसिक तनाव को दूर रख दें। इससे हृदय में दबाव पड़ता है। सदा ही प्रसन्न रहने की कोशिश करें, क्रोध बिल्कुल न करें, सदा हंसते रहें।
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