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Monday, 3 March 2014

स्वास्थ्य रहने के लिए कुछ अच्छी आदतें

  1. अपने विश्राम करने या सोने के कमरे को साफ-सुथरा, हवादार और खुला-खुला रखें। चादरें, तकियों के गिलाफ तथा पर्दों को बदलती रहें तथा मैट्रेस या गद्दों को भी समय-समय पर धूप दिखाकर झटकारें।
  2. मेडिटेशन, योगा या ध्यान का प्रयोग एकाग्रता बढ़ाने तथा तनाव से दूर रहने के लिए करें।
  3. कोई भी एक व्यायाम रोज जरूर करें। इसके लिए रोजाना कम से कम आधा घंटा दें और व्यायाम के तरीके बदलते रहें, जैसे कभी एयरोबिक्स करें तो कभी सिर्फ तेज चलें। अगर किसी भी चीज के लिए
  4. वक्त नहीं निकाल पा रहे तो दफ्तर या घर की सीढ़ियां चढ़ने और तेज चलने का लक्ष्य रखें। कोशिश करें कि दफ्तर में भी आपको बहुत देर तक एक ही पोजीशन में न बैठा रहना पड़े।
  5. 45 की उम्र के बाद अपना रूटीन चेकअप करवाते रहें और यदि डॉक्टर आपको कोई औषधि देता है तो उसे नियमित लें। प्रकृति के करीब रहने का समय जरूर निकालें। बच्चों के साथ खेलें, अपने पालतू  जानवर के साथ दौड़ें और परिवार के साथ हल्के-फुल्के मनोरंजन का भी समय निकालें।
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Tuesday, 25 February 2014

हेल्दी आदते जो रखे आप को स्वस्थ्य

बाहर से घर आने के बाद, किसी बाहरी वस्तु को हाथ लगाने के बाद, खाना बनाने से पहले, खाने से पहले, खाने के बाद और बाथरूम का उपयोग करने के बाद हाथों को अच्छी तरह साबुन से धोएं। इससे आप के हाथों में लग कीटाणु नष्ट होगा है और आप स्वस्थ्य रहेंगे। यदि आपके घर में कोई छोटा बच्चा है तो निश्चित रूप से साबून से हाथ धोएं।
घर में साफ-सफाई पर ध्यान दें, विशेषकर रसोई तथा शौचालयों पर। पानी को कहीं भी जमा न होने दें। सिंक, वॉश बेसिन आदि जैसी जगहों पर नियमित रूप से सफाई करें तथा फिनाइल, फ्लोर क्लीनर आदि का उपयोग करें। खाने की किसी भी चीजों को खुला न छोड़ें। कच्चे और पके हुए खाने को अलग-अलग रखें। खाना पकाने तथा खाने के लिए उपयोग में आने वाले बर्तनों, फ्रिज, ओवन आदि को हमेशा साफ रखें। कभी भी गीले बर्तनों को रैक में नहीं रखें, न ही बिना सूखे डिब्बों आदि के ढक्कन लगाकर रखें।
ताजी सब्जियों एवं फलों का प्रयोग करें। मसाले, अनाजों तथा अन्य सामग्री का भंडारण भी सही तरीके से करें तथा एक्सपायरी डेट वाली वस्तुओं पर का ध्यान रखें।
बहुत ज्यादा तेल, मसालों से बने, बैक्ड तथा गरिष्ठ भोजन का उपयोग न करें। खाने को सही तापमान पर पकाएं और ज्यादा पकाकर सब्जियों आदि के पौष्टिक तत्व नष्ट न करें। साथ ही ओवन का प्रयोग करते समय तापमान का खास ध्यान रखें। भोज्य पदार्थों को हमेशा ढंककर रखें और ताजा भोजन खाएं।
खाने में सलाद, दही, दूध, दलिया, हरी सब्जियों, साबुत दाल-अनाज आदि का प्रयोग अवश्य करें। कोशिश करें कि आपकी प्लेट में 'वैरायटी ऑफ फूड' शामिल हो। खाना पकाने तथा पीने के लिए साफ पानी का उपयोग करें। सब्जियों तथा फलों को अच्छी तरह धोकर प्रयोग में लाएं।
खाना पकाने के लिए अनसैचुरेटेड वेजिटेबल ऑइल (जैसे सोयाबीन, सनफ्लॉवर, मक्का या ऑलिव ऑइल) के प्रयोग को प्राथमिकता दें। खाने में शकर तथा नमक दोनों की मात्रा का प्रयोग कम से कम करें। जंकफूड, सॉफ्ट ड्रिंक तथा आर्टिफिशियल शकर से बने ज्यूस आदि का उपयोग न करें। कोशिश करें कि रात का खाना आठ बजे तक हो और यह भोजन हल्का-फुल्का हो।

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Monday, 24 February 2014

वर्कआउट से पहले डाईट

वर्कआउट से पहले डाईट
खाली पेट दौडऩे से शरीर को नुकसान हो सकता है। अतः शरीर को फिट रखने के लिए जरूरी है- वर्कआउट व स्पोर्ट्स के लिए सही भोजन लेना। सभी एक्सरसाइज की प्रकृति को समझना बेहद जरूरी
है। तभी आप एक्सरसाइज से पहले, एक्सरसाइज के दौरान और एक्सरसाइज के बाद शरीर को ऊर्जा उपलब्ध करा पाएंगे।
वॉकिंग, जॉगिंग, एरोबिक्स, जुम्बा, स्पिनिंग आदि फैट को बर्न करने वाले एक्सरसाइज हैं। ये एक्सरसाइज कार्डियो वेस्कुलर सिस्टम की मांग को बढ़ाता है जिससे शरीर द्वारा ऑक्सीजन के इस्तेमाल की
क्षमता बढ़ जाती है। कार्डियो एक्सरसाइज को खाली पेट ही करना चाहिए। ये एक्सरसाइज शरीर के फैट और कार्बोहाइड्रेट का इस्तेमाल फ्यूल के रूप में करता है। अगर शरीर में कार्बोहाइड्रेट उपलब्ध रहेगा तो फैट कम बर्न होगा।
कार्बोहाइड्रेट ग्लूकोज सप्लाई करता है, जो कि शरीर का प्राथमिक फ्यूल होता है। यह फैट और प्रोटीन की तुलना में तेजी से पचता है। इसलिए कर्डियो एक्सरसाइज से पहले भोजन करने का कोई महत्व
नहीं है। यही वजह है कि सुबह कार्डियो एक्सरसाइज करना ज्यादा असरदार होता है। पर इसका मतलब यह नहीं कि आप रात को भी कार्बोहाइड्रेट न लें। रात को अच्छे से खाना जरूरी होता है, ताकि
सुबह एक्सरसाइज के दौरान आपका शरीर ऊर्जा के लिए प्रोटीन का इस्तेमाल न करे।
एक्सरसाइज शुरू करने के करीब 20-25 मिनट बाद ही शरीर फैट को बर्न करना शुरू करता है। अगर कोई पूरी तरह से कार्बोहाइड्रेट का त्याग कर दे तो शरीर प्रोटीन से ऊर्जा लेना शुरू कर देगा। ऐसे में
आपका मसल कम होगा और फैट कम करने का आपका उद्देश्य पूरा नहीं हो पाएगा।
मैराथन धावक के लिए वर्कआउट से पहले पौष्टिक तत्व लेना बेहद जरूरी होता है। यह एक ऐसी कार्डियो एक्टिविटी है जिसमें लंबे समय तक बड़ी मात्रा में ऊर्जा की जरूरत होती है। इसलिए ऐसे
एक्टिविटी में फ्यूल के लिए कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन की जरूरत होती है। लंबे समय तक कार्डियो करने से मसल भी कम होता है, जिसे केटाबोलिक स्टेट कहते हैं। इसलिए अत्याधिक इस्तेमाल में आए
मसल के विकास और रिपेयर के लिए प्रोटीन की जरूरत होती है।
मैराथन धावक को वर्कआउट से करीब 2 घंटे पहले भोजन करना चाहिए। इसके लिए ओट्स और कम फैट वाला दूध, नट्स के साथ अन्न व फलों का मिश्रण, गेहूं की रोटी के साथ फल, थोड़ा सा नट
बटर, उबले हुए अंडे की सफेदी के साथ एक फल या एक पूरा अंडा ले सकते हैं।
कार्डियो वर्कआउट के लिए जरूरी है कि आप सादा पानी पीते रहें। हमारे मसल में 60 प्रतिशत पानी होता है। ज्यादा पसीना निकलने से शरीर में पानी की कमी हो सकती है और आप डिहाइड्रेशन के
शिकार हो सकते हैं। कभी स्पोर्ट्स ड्रिंक न पीएं, क्योंकि यह सुगर से भरा होता है। ज्यादा सुगर सिर्फ गैस्ट्रोइन्टेस्टनल ट्रैक्ट में समस्या ही पैदा करेगा।

Sunday, 23 February 2014

भिंडी खाने से डायबिटीज, खांसी, बुखार में लाभ


भिंडी खाने से डायबिटीज, खांसी, बुखार में लाभ
भारत में भिंडी सबसे अधिक पसंद की जाने वाली सब्जियां है। इसका वानस्पतिक नाम एबेल्मोस्कस एस्कुलेंट्स है। भिंडी अत्यधिक प्रचलित सब्जियां है जो छोटे बगीचों से लेकर खेतों में बड़े पैमाने पर उगाई जाती है। सामान्यत: लोग इसे सिर्फ एक सब्जी मानते हैं लेकिन आदिवासी इलाकों में इसे अनेक रोगों के चिकित्सा के लिए प्रयोग किया जाता है।
डायबिटीज के रोगियों को अक्सर भिंडी की अधपकी सब्जी का सेवन करना चाहिए। गुजरात के एक हर्बल जानकारों के अनुसार ताजी हरी भिंडी ज्यादा असर करती है।
भिंडी के बीजों का चूर्ण टोनिक की तरह काम करता है। इसके बीच के चूर्ण को बच्चों को खिलाने से बहुत लाभ मिलता है। इसमें के बीज में प्रोटीन होता है।मध्यप्रदेश के पातालकोट के भुमका नपुंसकता दूर करने के लिए पुरुषों को कच्ची भिंडी को चबाने की सलाह देते हैं, आदिवासी शारीरिक कमजोरी को दूर करने के लिए भिंडी को बेहतर माना जाता है।
पीलिया, बुखार और सर्दी खांसी में बीच से कटी हुई भिंडी लगभग 5, नींबू रस आधा चम्मच, अनार और भुई आंवला की पत्तियां 5-5 ग्राम आदि को 1 गिलास पानी में डुबोकर रात भर के लिये रख देते है। अगली सुबह सारे मिश्रण को अच्छी तरह से पीसकर प्रतिदिन 2 बार लगातार 7 दिनों तक सेवन करें। हर्बल जानकारों की मानी जाए तो पीलिया जैसा घातक रोग एक सप्ताह में ही नियंत्रित हो जाता है।
गुजरात के आदिवासी हर्बल जानकार भिंडी का काढ़ा तैयार कर सिफलिस के रोगी को देते है। करीब 50 ग्राम भिंडी को बारीक काटकर 200 मिली पानी में उबाला जाता है और जब यह आधा शेष रहता है तो इसे रोगी को दिया जाता है। एक माह तक लगातार इस काढ़े को लेने से रोग में लाभ मिलता है।
डायबिटीज के रोगियों को भिंडी के बीजों का चुर्ण (5 ग्राम), इलायची (5 ग्राम), दालचीनी की छाल का चुर्ण (3ग्राम) और काली मिर्च (5 दाने) लेकर अच्छी तरह से कूट कर मिश्रण तैयार करके  प्रतिदिन दिन में 3 बार गुनगुने पानी के साथ मिलाकर लेने से लाभ मिलता है।

Friday, 21 February 2014

मांसाहारी आहार में भी वजन कम करना


मांसाहारी आहार के सेवन के द्वारा भी आप अपने वजन कम कर सकते हैं लेकिन इसके लिए हम एक अच्छे डाईट प्लान की जरूरत होगी। यहां हम मांसाहारी द्वारा वजन घटाने के लिए डाईट प्लान दे रहे हैं जो निम्न है-
पहला दिन-
  • रेकफास्ट: कोई भी दो फल जैसे सेब या केला और साथ में एक कप चाय लें। 
  • लंच: कार्बोहाइड्रेट में लिए जाने वाले चावल, आलू, ब्रेड और पास्ता की जगह अनाज वाले ब्रेड या रोटियां, एक पीस चिकन सलाद या फलों के साथ खाएं।
  • डिनर: मछली, स्टीम्ड ब्रोकली और कोई भी पत्ते वाली सब्जी के साथ फैट फ्री आइस क्रीम लें।
दूसरा दिन-
  • दिन की शुरुआत नींबू और शहद वाले पानी से करें।
  • ब्रेकफास्ट: एक कटोरी पोहा, उपमा या इडली लें।
  • लंच: दो रोटी, थोड़ा सा चावल और सब्जी खाएं।
  • स्नैक्स: ग्रीन टी या अन्य कोई वजन घटाने वाली चाय के साथ चार-पांच अनाज या ओट्स वाले बिस्कुट का सेवन करें।
  • डिनर: डिनर में हल्का-फुल्का खाना ही लें। अनाज के ब्रेड से बना सैंडविच और सलाद का सेवन करें।
तीसरा दिन-

  • ब्रेकफास्ट: एक कटोरी पोहा, उपमा व इडली के साथ सेब या केला लें। फलों पर शहद की टॉपिंग कर लें।
  • लंच: एक कप चावल और दाल, सब्जी और कोई भी फल जैसे अंगूर और केला ले सकते हैं।
  • डिनर: हरी सब्जी, रोटी और सेंका हुआ या उबला हुआ आलू।
चौथा दिन-
  • ब्रेकफास्ट: सेब, केला और दही का सेवन करें।
  • लंच: टमाटर सूप, रोस्टेड चिकन, मूली, टमाटर, नाशपाती और हरी कटी हुई सब्जियों के साथ रोटी खाएं।
  • डिनर: ब्राउन राइस और अननास, सेब और संतरा खाएं।
पांचवा दिन-
  • ब्रेकफास्ट: आधा कप टमाटर और कुछ बादाम।
  • लंच: बीन्स और एक रोटी साथ में सब्जी और खीरे के स्लाइस।
  • डिनर: हरी सब्जियों का सलाद लेकिन उसमें फैट युक्त पदार्थ ना हो साथ में रोटियां।
छठा दिन-
  • ब्रेकफास्ट : एक इडली या रोटी साथ में सब्जी। इसके अलावा केला और टोन्ड दूध भी लें।
  • लंच: एक रोटी, एक कप चावल, बिना मलाई युक्त दही, फिश करी, खीरा, टमाटर और प्याज का सेवन करें।
  • डिनर: ब्राउन राइस, उबले हुए पालक और सेब खाएं।
सनडे-
  • ब्रेकफास्ट: एक कटोरी पोहा, उपमा या इडली, आधा कटोरी कटे हुए टमाटार खाएं।
  • लंच: चावल, दाल और सलाद खाएं।
  • डिनर: ग्रिल किया हुआ चिकन, रोटी और अननास के टुकड़े।

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