Search Anythings

Thursday, 13 February 2014

मधुमेह को कम करने में लाभकारी है दही


क्या आपको दही खाना पसंद करते हैं, अगर हां तो प्रचुर मात्रा में दही खाइए क्योंकि कम वसा वाले खमीरीकृत दुग्ध उत्पादों का सेवन, टाइप 2 मधुमेह का खतरा कम करता है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैम्ब्रिज के वैज्ञानिकों द्वारा हुए एक सोध में पाया गया है कि दही नहीं खाने वालों के अपेक्षा अधिक मात्रा में दही खाने वालों में टाइप 2 मधुमेह का खतरा 28 प्रतिशत तक कम होता है। यह शोध इस बात की साबित करती है कि विशेष खाद्य पदार्थ टाइप 2 मधुमेह से बचाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
शोध में नॉरफोक, ब्रिटेन में रहने वाले 25,000 पुरषों और महिलाओं को शामिल किया गया। शोध में ऐसे 753 लोगों में एक हफ्ते तक खाद्य पदार्थो और पेय की खपत के दैनिक रिकॉर्ड की तुलना की गई, जिनमें 11 वर्षों में टाइप 2 मधुमेह होने की  संभावना थी।
इस शोध में पूर्ण दुग्ध उत्पादों की खपत से मधुमेह के खतरे के संबंध की जांच की गए और पाया गया कि कम वसा वाले दही और पनीर जैसे खमीरीकृत दुग्ध उत्पादन की उच्च खपत करने वालों में 11 सालों में टाइप 2 मधुमेह की संभावना 24 प्रतिशत कम थी। खमीरीकृत दुग्ध उत्पादों से प्रोबायोटिक बैक्टीरिया और खमीरीकरण से जुड़े विशेष प्रकार के विटामिन `के` मधुमेह में लाभदायक हो सकते हैं। ऐसे में अगर कोई टाईप 2 मधुमेह से पीड़ित है तो उसे दुग्ध से बने उत्पादों का सेवन करना चाहिए विशेष कर दही का।
स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें-


Wednesday, 12 February 2014

Relation between health and love

अक्सर हम सुनते आये हैं कि दिल टूटने पर हम सिर्फ मानसिक तनाव से ग्रस्त होते हैं लेकिन प्यार में दिल टूटने का असर सेहत पर काफी बुरा पड़ डलता है जिससे हमारे शरीर का वजन कम हो जाता है। हालही में हुए सर्वेक्षण के मुताबिक रिश्ता टूटने के बाद पुरुष और स्त्री दोनों का वजन तेजी से घटता है। एक प्रयोग में एक हजार लोगों पर कराए गए सर्वेक्षण के मुताबिक, लंबे समय तक चला रिश्ता टूटने के बाद स्त्रियों का वजन एक महीने में करीब 2.26 किलोग्राम तक कम हो सकता है। एक बेवसाइट की रिपोर्ट के अनुसार रिश्ते टूटने के बाद अगर कोई व्यक्ति एक साल तक अकेला रहता है तो उसका वजन छह किलोग्राम तक घट सकता है। एक इंटरब्यू में 'डेस्परेट हाउसवाइव्ज' की स्टार इवा लोंगारिया ने बताया, 'बास्केटबाल खिलाड़ी टॉनी पार्कर से अलग होने के बाद मेरा वजन छह किलो से भी कम हो गया था। मुझे स्वास्थ्य समस्याओं ने घेर लिया था और मैं तनावग्रस्त रहने लगी थी। मैंने खाना बंद कर दिया था और मैं उदास रहने लगी थी।' उन्होंने कहा, लोग कहते थे कि तुम पतली होकर ज्यादा सुंदर दिखती हो। जबकि मैं जानती थी कि मेरे अंदर कोई भी काम करने की ताकत नहीं बची थी। मैं अच्छा महसूस नहीं करती थी। मैं नहीं जानती थी कि मैं अवसाद में हूं। इससे पता चलता है कि हमारे जीवन में एक रिश्ते का क्या महत्व है। अपने संबंध को अच्छे बने रखने के लिए आवश्यक है कि हम अपने पार्टन को हमेशा खुश रखें और एक दुर से कुछ भी न छूपाएं। अपनी हम बाते सेयर करें और आप में उत्पन्न समस्यों को सूनकर उसका सही सामाधान निकालें। रिश्ते अच्छे बने रहें इसके लिए आवश्यक  है कि हम एक-दुसरे को अपनी बाते बोलने का मौका दें ताकि रिश्तों को बचाया जा सके और एक स्वास्थ्य जीवन जी पाएं।


हेल्थ संबंधी अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें-
www.jkhelathworld.com/hindi/योगा
www.jkhelathworld.com/hindi/सेक्स-थैरेपी
www.jkhelathworld.com/hindi/गर्भावस्था

Tuesday, 11 February 2014

तिल-मस्सों के लिए घरेलु नुस्खें

अगर आप के चेहरे या शरीर पर कोई मस्सा या तिल है और आप उससे छूटकारा पाना चाहते हैं तो आप को इसके लिए कुछ खास नहीं करना पड़ेगा बस कुछ दिनों तक घरेलु नुस्खों को उपयोग करना होगा और आप हमेशा के लिए इस समस्या से छूटकारा पा लेंगे।
  • आलू को छीलकर के चूर्ण को मस्सों पर रगड़ने से मस्से समाप्त हो जाते हैं।
  • हरे धनिए का पेस्ट बनाकर रोजाना लगाने से मस्सों नष्ट होते हैं।
  • ताजा अंजीर को मसलकर मस्से पर लगाकर 30 मिनट तक छोड़ कर फिर गुनगुने पानी से धोने से मस्से खत्म हो जाते हैं
  • एक प्याज का रस निकालकर उसका रस नियमित रूप से दिन में एक बार मस्सों पर लगाने से मस्से की समस्या दूर हो जाती है।
  • खट्टे सेब का जूस निकालकर दिन में कम से कम तीन बार मस्से पर लगाइए। इससे मस्से धीरे-धीरे खत्म हो जाएंगे।
  • चेहरे को अच्छी तरह धोकर सिरके में कॉटन भिगोकर तिल-मस्सों पर लगाने और फिर दस मिनट बाद गर्म पानी से धोने पर कुछ दिनों में मस्से गायब होते  हैं।
  • ताजे मौसमी का रस दिन में लगभग 3 या 4 बार मस्से पर लगाने से मस्से गायब होते हैं
  • मस्सों पर नियमित रूप से प्याज मलने से भी मस्से गायब हो जाते हैं।
  •  
    स्वास्थ्य संबंधित अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें- 
     

Thursday, 30 January 2014

Yogasan for waist thin

योगा से बनती है, पतली कमर और तोंद होता है कम आजकल मैदे और बेसन से बनी चीजें खाने का प्रचनल बढ़ गया है जिससे शरीर में अतिरिक्त चर्बी बनती जा रही है। इसके अलावा कोक से भी पेट की प्रोब्लम बढ़ती जा रही है। इसके अलावा और भी कई कारण है जिससे पेट अब तोंद या कहे टैंक बन गया है। योग आपको हर पल शरीर और मन से युवा बनाए रखता है लेकिन इसका लाभ तभी मिलता है जब आप इसका अभ्यास नियमित रूप से करते हैं। आसनों के अलावा योग के अन्य उपाय करना भी युवा बने रहने के लिए आवश्यक है। जिन लोगों के पेट की चर्बी बढ़ गई है या जिन्हें अपनी कमर पतली बनानी है उनके लिए यहां कुछ योग टिप्स दिए जा रहे हैं जो शरीर की अतिरिक्त चरबी घटाने में योग काफी मदद करेगा। एक बात का ध्यान रखें कि योगा के दौरान आप को अपने खानपान पर भी सुधारना करना होगा। इसके लिए अपा को रोजान निम्न आसनों का अभ्यास करना होगा। नौकासन, उष्ट्रासन, त्रिकोणासन करके आप अपने पेट की अतिरिक्त चर्बी को कम कर सकते हैं और अपनी कमर को पतली बना सकते हैं। योगाभ्यास और सही डायट का कॉम्बिनेशन आपके पेट को तोंद से टोन कर सकता है।

Tuesday, 28 January 2014

Benefits of OM, OM mantra


'ॐ' का उच्चारण, स्वास्थ्य के प्राप्ति
हिन्दी धर्म में 'ॐ' एक  बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है जिसका उच्चारण करने से शरीर की सभी आंतरिक अंग चेतन अवस्था में आ जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि सृष्टि के आरंभ में केवल यही एक ध्वनि ब्रह्मांड में गूंजती थी।
शोधकर्ताओं के अनुसार जब हम 'ॐ' बोलते हैं तो वस्तुतः हम तीन वर्णों का उच्चारण करते हैं: 'ओ', 'उ' तथा 'म'। 'ओ' मस्तिष्क से, 'उ' हृदय से तथा 'म' नाभि (जीवन) से जुड़ा है।
हम जानते हैं कि मन और मस्तिष्क से ही कोई भी काम सफल होता है। 'ॐ' के सतत उच्चारण से इन तीनों में एक रिदम आ जाती है जो हमारे द्वारा कार्य किये गए कार्य को पूर्ण करने में मदत करता है।
'ॐ' के जाप जिस स्थान पर किया जाता है वहां यह तरंगित होकर पवित्र एवं सकारात्मक ऊर्जा को उत्पन्न करता है। इसके अभ्यास से जीवन की गुत्थियां सुलझती हैं तथा आत्मज्ञान होने लगता है।
'ॐ' से मनुष्य के मन में एकाग्रता, वैराग्य, सात्विक भाव, भक्ति, शांति एवं आशा का संचार होता है। इससे आध्यात्मिक ऊंचाइयां प्राप्त होती हैं। 'ॐ' से तनाव, निराशा, क्रोध दूर होते हैं।
इसके उच्चारण से मन, मस्तिष्क और शरीर स्वस्थ होते हैं। गले व सांस की बीमारियों नहीं होती। यह थायरॉइड समस्या, अनिद्रा, उच्च रक्तचाप, स्त्री रोग, अपच, वायु विकार, दमा व पेट की बीमारियों में लाभकारी होता है।
ध्यान, प्राणायाम, योगनिद्रा, योग आदि सभी को 'ॐ' के उच्चारण के बाद ही शुरू किया जाता है। मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए दिन में कम से कम 21 बार 'ॐ' का उच्चारण करना चाहिए। यह न केवल मन-मस्तिष्क को स्वास्थ्य रखता है बल्कि जीवन को कामयब भी लाभकर सिद्ध होता है। 

Share this...

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...