व्यायाम करने हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है। हड्डी सर्जन का मानना है कि अमेरिकी या ब्रिटिश के लोगों की तुलना में भारतीय लोगों की हड्डियां कमजोर और विकृत होती हैं और हड्डी विकार होने का खतरा अधिक होता है। हड्डियों के स्वास्थ्य के बारे में जागरूक के लिए किये गए आयोजित बताया गया है कि भारत में घुटनों की सर्जरी का स्वरूप अमेरिका की सर्जरी से बिल्कुल अलग है। भारतीय उपमहाद्वीप में लोगों की हड्डियां काफी कमजोर होती हैं।
गोवा के हड्डी विशेषज्ञ अमेया वेलिंगकर के मुताबिक अमेरिका एवं ब्रिटेन की तुलना में भारत के लोग में घुटने के दर्द या बीमारी को नजरअंदाज कर दिया जाता है जिसकी वजह से अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है और अंत समय में सर्जरी का भी सहारा लेना पड़ता है। वेलिंगकर ने कहा कि भारतीय लोगों में कमजोर हड्डियों का दूसरा बड़ा कारण नियमित व्यायाम न करना है। भारतीय लोग शारीरिक गतिविधियों को नजरअंदाज करते हैं जिससे हड्डियां कमजोर होती हैं और बाद में तकलीफ बढ़ती है।
उन्होंने कहा, भारतीय लोगों की हड्डियां दूसरे लोगों की तुलना में कम गुणवत्ता वाली होती हैं और नियमित व्यायाम की कमी के कारण यह और भी कमजोर हो जाती है। शोध के अनूसार हम जितना अधिक नियमित व्यायाम करेंगे, हड्डियों की तकलीफ से उतने ही दूर रहेंगे। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों में लोग स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा जागरूप होते हैं और नियमित रूप से व्यायाम करते हैं जिसकी वजह से उनकी हड्डियां मजबूत और उच्चतम गुणवत्ता वाली होती हैं। अतः हमे हडि्डयों के रोग से बचने के लिए रोजाना व्यायाम करना चाहिए। व्यायाम से न केवल हम रोग से बचे रहेंगे बल्कि हडि्डयों का विकास भी अच्छी करह से होगा। इससे हमरे शरीरि को चुस्ति और फुर्ति भी मिलेगी।
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