भारत जैसे देशों में सबसे कम कीमत वाला सिगरेट मिलती है जिसे एक आम आदमी भी खरीद कर पी सकता है। यह कारण है कि भारत में धूम्रपान करने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है इसका एक मात्र समाधान
ऊंचा कर है। शोध पत्रिका ‘न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसीन’ में प्रकाशित एक नए अध्ययन के अनुसार दुनिया भर में यदि सिगरेट पर कर 3 गुणा बढ़ा दिया जाए, तो धूम्रपान करने वालों की संख्या में एक तिहाई गिरावट आएगी तथा इस सदी में फेफड़े के कैंसर तथा अन्य कारणों से होने वाली असमय मौत में 20 करोड़ तक की कमी आएगी। यहां सेंट माइकेल्स अस्पताल के वैश्विक स्वास्थ्य शोध केंद्र के निदेशक व रिपोर्ट के मुख्य लेखक प्रभात झा के मुताबिक कर बढ़ने से अलग-अलग
सिगरेट की कीमतों का अंतर घट जाएगा और लोग अपेक्षाकृत सस्ता सिगरेट खरीदने की अपेक्षा सिगरेट खरीदना ही बंद कर देंगे। टोबेको कंट्रोल पोलिसी इवेल्युएशन प्रोजेक्ट इंडिया (टीसीपी इंडिया) के अनुसार भारत में करीब 27.5 करोड़ लोग तंबाकू का नशा करते हैं। भारत में पुरुषों को होने वाले कैंसर के सभी मामलों में से करीब आधा तंबाकू के कारण और महिलाओं के मामले में करीब एक चौथाई तंबाकू के कारण होता है। एक अनुमान के मुताबिक 2020 तक हर साल 15 लाख लोगों की मौत तंबाकू जन्य कारणों से होने लगेगी। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और रिपोर्ट के सह-लेखक रिचर्ड पेटो के मुताबिक सरकार को तंबाकू उपयोग पर रोक लगाने के लिए कदम उठाना चाहिए। उनके मुताबिक कर बढ़ाना एक कारगर उपाय है। इससे तिहरा लाभ होगा। धूम्रपान करने वालों और उसकी वजह से होने वाली मौत की संख्या घटेगी, धूम्रपान के कारण होने वाली असमय मौत कम होगी और सरकार की आय भी बढ़ेगी।
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