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Thursday, 5 December 2013

turmeric use for skin care and stomach worms

पेट में कीड़े हो गया हो तो 1 चम्मच हल्दी पाउडर रोज सुबह खाली पेट एक सप्ताह तक ताजा पानी के साथ सेवन करें। इससे पेट के कीड़े खत्म हो जाते हैं। यदि आप चाहे तो इस मिश्रण में थोड़ा नमक भी मिला सकते हैं।
www.jkhealthworld.com/hindi/हल्दीचेहरे पर दाग-धब्बे और झाइयां हो गए हो तो हल्दी और काले तिल को बराबर मात्रा में पीसकर पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाएं। हल्दी-दूध का पेस्ट लगाने से त्वचा का रंग निखरता है और चेहरा खिला उठता है।
खांसी में हल्दी की छोटी गांठ मुंह में रख कर चूसने से खांसी नहीं उठती। त्वचा से अनचाहे बाल हटाने के लिए हल्दी पाउडर को गुनगुने नारियल तेल में मिलाकर पेस्ट बना लें। अब इस पेस्ट को हाथ-पैरों पर लगाएँ। इसे त्वचा मुलायम रहती है और शरीर के अनचाहे बाल भी धीरे-धीरे हट जाते हैं।
सनबर्न की वजह से त्वचा झुलस गयी हो या काली पड़ गयी हो तो हल्दी में पाउडर, बादाम चूर्ण और दही मिलाकर प्रभावित स्थान पर लगाएं। इससे त्वचा का रंग निखर जाता है और सनबर्न की वजह से काली पड़ी त्वचा भी ठीक हो जाती है। यह एक तरह से सनस्क्रीन लोशन की तरह काम करता है।
मुंह में छाले होने पर गुनगुने पानी में हल्दी का पाउडर मिलाकर कुल्ला करने से छाले ठीक होते है।


Wednesday, 4 December 2013

How to care in pregnancy


गर्भावस्था के दौरान अक्सर सुनने को मिलता है कि यह नहीं करना चाहिए, वह नहीं करना चाहिए। इसका कारण है गर्भावस्था में मां और बच्चे को स्वस्थ्य रखना। गर्भावस्था के दौरान स्त्री का शरीर छोटी-छोटी बातों से भी प्रभावित हो सकता है। गर्भवस्था के दौरान शिशु के सुरक्षा के लिए शरीर शिशु के विकास और उसे www.jkhealthworld.com/hindi/गर्भावस्थासुरक्षित रखने में अपनी पूरी ऊर्जा खर्च करने में लग जाता है। ऐसे में स्त्री को खुद पर कुछ अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होती है। ये बात तो पहले से जानते हैं कि दर्भावस्था के दौरान अल्कोलहल का सेवन व धूम्रपान करना हानिकारक है लेकिन इसके साथ अन्य बातों कइ बातों भी है जिसका ध्यान रखना चाहिए।
दूर रहें पेंट और कलर से- पेंट में कई प्रकार के केमिकल्स होते हैं और आपके शरीर के संपर्क में आने पर वह बहुत हानि पहुंचा सकता है। कुछ अध्ययन से पता चला है कि जो स्त्री ऐसे पदार्थ के संपर्क में अधिक रहती हैं, उनके गर्भस्थ शिशु को गैस्ट्रोसाइसिस से पीड़ित होने का खतरा तीन से चार गुना बढ़ जाता है। आपकी ममता शिशु के प्रति प्यार-दुलार और उसकी फिक्र में झलकती है।
हाई हील ना पहने- स्त्रियों में आकर्षक दिखने के लिए कुछ भी करना की चाहते हमेशा बनी रहती है, ऐसे में वे चाहे गर्भवस्ती ही क्यों ना हो। ऐसे में यदि आप कोई हाई हील चुनें तो थोड़ी सकर्तता आवश्यक रखें। पतली हील न सिर्फ आपका पीठ दर्द बढ़ा सकती है, बल्कि कुछ और तकलीफ भी दे सकती है। गर्भावस्था में आपका पेट बढ़ जाता है तो शरीर का सामान्य संतुलन भी प्रभावित होता है। ऐसे में हाई हील पहनने पर आपको चलने में दिक्कत आ सकती है और गिरने का खतरा भी उत्पन्न हो सकता है जिससे गर्भ की हानी हो सकती है। इस लिए गर्भावस्था के दौरान फ्लैट चप्पल या बहुत कम हील पहनना ही बेहतर रहता है।
दूर रहे कीटनाशक से- अधिकांश कीटनाशकों में डाइथिटोल्यूमाइड मौजूद होता है जो बहुत ही हानिकारक होता है और शरीर के संपर्क में आने पर त्वचा के द्वारा रक्त वाहिकाओं में पहुंच सकता है और शिशु के तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंच सकता है। इसलिए अच्छा होगा कि कीटनाशक खरीदते समय लेबल देखकर यह सुनिश्चित कर लें कि  उसमें डाइथिटोल्यूमाइड मौजूद तो नहीं है। वेहतर होगा सिट्रोनेला बेस्ड उत्पाद का इस्तेमाल करें जो पूरी तरह सुरक्षित है।
बचे हेयर डाई से- गर्भावस्था में हेयर डाई से भी हानि होती है। हेयर डाई में खतरनाक केमिकल्स होते हैं लेकिन इससे गंभीर खतरा तभी उत्पन्न होता है जब आप उसकी अत्यधिक मात्रा के संपर्क में आती हैं। जितनी हेयर डाई आप उपयोग करती हैं उतने में मौजूद केमिकल की मात्रा गंभीर नुकसान नहीं पहुंचाती लेकिन वेहतर यही होगी कि आप गर्भावस्था के प्रथम तीन माह तक उससे दूर ही रहें। इसके अलावा अगर आप चाहें तो केमिकल रहित मेहंदी का इस्तेमाल करें सकते हैं जो किसी भी तरह का नुकसान नहीमं पहुंचाता।
गर्भावस्था की अन्य जानकारी के लिए पढ़े-
http://www.jkhealhworld.com/hindi/

Monday, 2 December 2013

Boys like such types of girls


आज के दौर में गर्लफेंड या ब्यॉफ्रेड बनाना एक आम बात हो गयी है। लड़कियों में आधुनिकात का स्वभाव और आत्मविश्वास तेजी से बढ़ रहता है जोकि एक अच्छी बात है लेकिन ऐसे में कई बार लड़कियों के पार्टनर लाईफ में प्रोब्लम आ जाती है। उसके आधुनिक्ता का स्वभाव उसके रिलेशनशिप में दूरियां पैदा कर देती है। ऐसे में यदि आप चाहते हैं कि आप का रिलेशनशिप अच्छा रहे और आप का पार्टनर आप को पसंद करें तो आप को जानना चाहिए कि लड़कें किस प्रकार की लड़कियों को ज्यादा पसंद करते हैं। अक्सर लड़कों को कुछ अलग तरह की लड़कियां ज्याद पसंद आती है-
नटखटी स्वभाव वाली लड़कियां :  दुनिया में बहुत ऐसे लोग हैं जिन्हें नटखटी स्वभाव वाली लड़कियां बहुत पसंद आती है। वे अक्सर उसे देख कर इमप्रेश हो जाते हैं। ऐसे लड़कियों के लिए लड़कों का कहना है कि ऐसी लड़कियां खुशमिजाज होती हैं, मजाकिया होती हैं और  जो कुछ भी करती है या बोलती है दिल से बोलती है। ऐसी लड़कियां सच्ची और सोम्य होती है। ऐसी लड़कियां तनावपूर्ण जीवन में भी खुशियां लाने में सक्षम होती है। ऐसी लड़कियों के साथ रहने पर कितना भी तनाव हो वे अपने आप खत्म हो जाता है और जीवन के लिए एक नई ऊर्जा सी मिलती है इसके साथ से।
रहस्यमय लड़कियों : आज के दौर में जहां इतने क्षल-कपट हो रहे हैं वहां सभी लड़के चाहते हैं कि उसकी गर्लफ्रेंड में थोड़ी-बहुत रहस्यात्मकता हो क्योंकि ज्यादातर लड़के चाहते हैं कि लड़कियां कुछ हद तक रहस्य रहे तो अच्छी लगती है। लड़के यह भी चाहते हैं कि लड़कियां अपने रहस्यों से पर्दा खुद ही उठाएं और उसे अपने बारे में सब कुछ बताएं। लड़कें अक्सर अपनी ग्रर्लफेंड में रहस्यमयता चाहते हैं क्योंकि इससे रिश्ते रोचक और चटपटे बने रहते हैं।
बिगड़ैल लड़कियां : कुछ ऐसे लड़कें भी हैं जिसे बिगड़ैल लड़कियां ज्यादा पसंद आती हैं। ऐसे में बिगड़ने का मतलब ये नहीं की आप कुछ गलत कर बैठे, बल्कि अपने लाईफ को थोड़ इन्ट्रेस्टिंग बनाने के लिए ऐसा कर सकते हैं जैसे- आप रात को बिस्तर में खुद के बिगड़ने का आनंद ले सकती हैं, अपने लिए एक नया बैग खरीद सकती हैं या फिर अपना पैसा या दूसरे का पैसा जूते खरीदने पर लगाकर बिगाड़ का मजा ले सकती है। लेकिन एक बात का ध्यान जरूर रखें यदि आप अपने पार्टन के साथ ऐसा कुछ कर रहें हैं तो उसका मुड का भी ध्यान रखें ताकि आप का ऐसा स्भावन उसे ज्यादा परेशान न कर सकें। ऐसे कार्य एक लिमिट में ही करें ताकि आप के रिलेशनशिप में प्रसन्नता बनी रहें।
आत्मविश्वासी लड़कियां : एक लड़कें के लिए उसके पार्टनर ही सब कुछ होता है ऐसे में यदि किसी लड़की में आत्मविश्वास अधिक है, वह अपने खूबियों का पहचानती है और अपने दम पर कुछ कर सकने की इच्छा रखती है तो ऐसी लड़कियों को भी लड़के बहुत पसंद करते हैं। ऐसी आत्मविश्वासी लड़कियां आधुनिकता का प्रतिक होती है और अपनी जीवन में कुछ भी करने के लिए तैयार होती है।


Sunday, 1 December 2013

Importantly of nutation of diet in diabetes



मधुमेह से बचाने में पोषक आहार की भूमिका अहम
मधुमेह से बचाव के लिए पोषक आहार का सेवन अति आवश्यक है। विशेषज्ञ का कहना है कि पोषण और आहार न केवल मधुमेह से जुड़ी जटिलताओं से बचाव करता है बल्कि नियंत्रण और उन्हें धीमा करता है।
diabetes can be controled by dietमधुमेह में तीन बार भोजन करें : नाश्ता, दोपहर का खाना और रात्रि का भोजन आपके रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदत करता है।
कार्बोहाइड्रेट्स युक्त भोजन : मधुमेह में ऐसा भोजन ले जिसमें कार्बोहाइड्रेट्स अधिक मात्रा में हो जैसे- पास्ता, अनाज, रोटी, आलू, शकरकंद और चावल। इससे रक्त के शर्करा स्तर नियंत्रित होता है।
फाइबर युक्त भोजन : शरीर में सभी जरूरी विटामिन, खनिज और फाइबर को पूरा करने के लिए भोजन में फलों और सब्जियों को जरूर सामिल करें।
मछली : सामन, मैकरेल, सार्डिस और पिल्चर्ड्स सरीखी मछलियां जरूर खाएं क्योंकि इनमें ओमेगा 3 होता है। यह ट्राइग्लिसराइड्स (रक्त वसा) कम करता है जिससे हृदय रोग उत्पन्न होने की संभावना कम होती है।
चीनी सेवन : चीनी का सेवन बिल्कुल न की मात्रा में करें। इससे मधुमेह पर नियंत्रित किया जा सकता है।

Contribute of google in indian election

भारतीय चुनाव में गूगल का योदान- भारत में चुनावों को देखते हुए गूगल कंफनी ने एक विशेष पोर्टल शुरू किया है जिसमें चुनाव व राजनीति से जुड़ी सारे समाचार आप पढ़ सकेंगे। अमेरिकी की गूगल सर्च इंजिन ने अपना चुनावी पोर्टल आज शुरू किया जिसमें राजनीतिक दलों के बारे में भी जानकारी दिगई है। गूगल के इस आधिकारिक ब्लॉग में कहा गया है कि इस पोर्टल में चुनाव से जुड़ी सारी सूचनाएं एक ही जगह दी गाएगी। शुरू में इस वेबसाइट पर छत्तीसगढ, दिल्ली, मध्यप्रदेश, राजस्थान व मिजोरम में चुनावों से जुड़ी जानकारी होगी।
www.jkhealthworld.com/english

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