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Monday, 18 November 2013

diet for fatness, diet, lack of hunger


आहार, जो कम करे मोटापा
अगर आप अपने शरीर में बढ़ रहे चर्बी से परेशान है और शरीर पर जमी चर्बी को कम करने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं तो आप के घबड़ाने की जरूरत नहीं है क्योंकि ऐसा करने वाले आप अकेले व्यक्ति नहीं है। जब भी कहीं मोटापा कम करने की बात आती है लोग अक्सर बोलते हैं कि एक हेल्‍दी डाइट और कम खाने पर फोकस करो मोटापा अपने आप कम हो जाएगा। लेकिन यह करना आसान नहीं होता। अगर वजन घटाना हो तो आपको सबसे पहले उन आहारों का सेवन करना चाहिए जो शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व दे सके और भूख को कम कर सके। इससे आप न केवल अपना वजन आसानी से कम कर सकेंगे बल्कि बार-बार खाने की आदत से भी बचे रहेंगे। ऐसे कई प्रकार के फल, सब्‍जियां और भोजन हैं जिन्‍हें खाने से आप आराम से अपना मोटापा कम कर सकते हैं और इन्‍हें खाने के बाद बार बार भूख भी नहीं लगेगी। यहां कुछ भोजन जो मोटापा कम करने में मदत करती है-
www.jkhealthworld.com./hindi1. मोटापा कम करने के लिए सबसे अच्छा भोजन है, ओट्स। वैसे भी आज-कल लोग ओट्स को नाश्‍ते के रूप में लेना अधिक पसंद करते हैं क्‍योंकि इससे लंबे समय तक भूख नहीं लगती और लंबे समय तक ऊर्जा मिलती रहती है। ओट्स में घुलनशील रेशे होते हैं जो कि धीरे धीरे पचता है और शरीर को ऊर्जा देता रहता है। अतः नास्ते में ओट्स का सेवन करें।
2. बादाम में वसा भरपूर मात्रा में होता है। अतः खाना खाने के बाद मुठ्ठी भर बादाम को अच्छी तरह चबा-चबा कर खाएं।
3. कॉफी भी लाभकारी है भूख को कम करने में। कॉफी में कैफीन होता है जो कि भूख को कम करती है। दिन में 2 कप कॉफी पीने से भूख कम लगेगी जिससे पूरे दिन खाते रहने से शरीर में बनने वाली चर्बी नहीं बन पाएगी। ध्यान रखें कि 2 कप से ज्‍यादा कॉफी न पीए नहीं ते शरीर में पानी की कमी हो सकती है।
8.4. 8.डार्क चॉकलेट भी कम कर सकती है अधिक चर्बी। डार्क चॉकलेच स्‍वाद में थोड़ी कडुई होती है लेकिन भूख को कम करने में मदद करती है।
7. सूप भूख को तुरंत कम करता है। अतः भूख को कम करने के लिए प्रतिदिन सूप पी सकते हैं।
6. पनीर में फैट की मात्रा अन्य चीजों के मुकाबले कम होती है और इसलिये यह एक हेल्‍दी स्‍नैक्‍स है। इसको खाने से भूंख कम होती है और मोटापा कम होता है।
8.सलाद में पानी तथा पोषक तत्‍व भरपूर मात्रा में होता है जो स्‍वास्‍थ के लिये अच्‍छा होता है। सलाद में कोई चर्बी नहीं होता और सभी पोषक तत्व होते हैं। अतः इसका सेवन मोटापा कम करने में लाभकारी है। खूब सारी सब्‍जियां और फल मिला कर सलाद बनाकर खाइये।

Sunday, 17 November 2013

Food, increase you mind poser

स्‍वस्‍थ आहार, स्‍वस्‍थ दिमाग
हम सभी जानते हैं कि शरीर स्वास्थ्य होने पर ही दिमाग स्वस्थ्य रहता है और शरीर को स्वास्थ्य रखने के लिए जरूरी है उचित पोषक तत्वों का सेवन। दिमाग का स्वस्थ्य रहना सम्पूर्ण स्‍वास्‍थ्‍य के लिए बेहद जरूरी है। उचित खाद्य पदार्थों का सेवन कई प्रकार के मानसिक बीमारियों को विकासित होने से रोकता है जिससे शरीर और मन दोनों स्वस्थ्य रहता है और हम अच्छी तरह अपना कार्य कर पाते हैं। अतः हम अपने आहार में कुछ ऐसा खाद्य पदार्थों को शामिल करना चाहिए जो न केवल शरीर के लिए बल्कि मानसिक स्वास्थ्यता को भी बढ़ाए।
मानसिक फिट्सन के लिए ओट्स सेवन है जरूरी:
http://jkhealthworld.com/hindi/जौमानसिक फिट्नस के लिए ओट्स को बहुत उपयोगी माना गया है क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट की भरपूर मात्रा होती है। ओट्स काफी लम्बे समय तक शरीर में ऊर्जा और ग्‍लूकोज की आपूर्ति करता रहता है। ग्लूकोज मस्तिष्क की ऊर्जा के लिए बहुत आवश्यक होता है जो ओट्स के सेवन से आसानी से व लम्बे समय तक प्राप्त होता है। अतः ओट्स का सेवन लंबे समय तक मस्तिष्‍क को ऊर्जा प्रदान करने के लिए किसी भी उम्र के लोगों कर सकते हैं।
पत्तेदार सब्जियां भी है मानसिक फिट्सन के लिए उचित:
मानसिक स्वास्थ्यता के लिए हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन बहुत उपयोगी होता है। यह शरीर स्वास्थ्यता के लिए भी काफी फायदेमंद है। शोधकर्ताओं के अनुसार जो महिलाएं हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे- पालक या फूलगोभी खाती है वह हरी सब्जियां कम खाने वालों की स्त्री की तुलना में संज्ञानात्मक कमी की धीमी दर का अनुभव करती हैं। पत्तेदार सब्जियों से न केवल बल्कि आंखों की कमजोरी, मोटापा आदि भी कम होती है।  
संतुलित मात्रा में मादक पे भी है लाभकारी:
शोधकर्ताओं के अनुसार हर सप्‍ताह संतुलित मात्रा में मादक पेयों का सेवन करना भी मस्तिष्‍क के लिए अच्‍छा होता है। संतुलित मात्रा में मादक पदार्थ लेने से मन और मस्तिष्क प्रसन्न रहता है। लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि पे पदार्थ हमेशा संतुलित मात्रा में लेने से ही लाभकारी होता है अधिक मात्रा में पीने से लाभ के स्थान पर हानि होती है। एक अध्‍ययन से पता चला है कि जो व्यक्ति बिल्‍कुल पे पदार्थ नहीं पीता या जो अधिक पे पदार्थ पीता है उनके मुकाबले संतुलित मात्रा में मादक पदार्थों का सेवन दिमाग को सेहतमंद रखता है।




Thursday, 14 November 2013

Exercise and yoga for sex power

एक्सरसाईज सभी उम्र के व्यक्तियों के लिए आवश्यक है। एक्सरसाईज से मांसपेशियां स्वस्थ्य रहती है, हृदय संवहनी प्रणाली अच्छे प्रकार से कार्य करती है और शरीर में लचीलापन आता है जिससे स्त्री-पूरूष कई वर्षों तक सेक्स आनंद अठाने में सफल रहते हैं। विभिन्न अध्यनों से सेक्सोलॉजिस्ट ने यह साबित किया है कि ऐसे जोड़े जिनके सेक्सुअल सम्बन्ध अच्छे होते हैं वे न केवल बारह वर्षों अधिक जिते हैं बल्कि वे अपने वास्तविक उम्र से 10 साल छोटे भी दिखते हैं। एक्सरसाईज करने से शरीर में जो हॉर्मोन और कैमिकल स्राव होता है वह कामोद्दीपक की तरह कार्य करता है। शरीर में मौजूद मन को प्रसन्न रखने वाला हार्मोन "एंडॉर्फिन्सी" एक्सरसाईज के बाद मस्तिष्क में स्रावित होकर मन को  रसन्न रखता है। शरीर में न्यूरोकेमिकल http://jkhealthworld.com/hindi/सेक्स-थैरेपीबदलाव से मन में आनंद की मधुर अनुभूतियों भरती है जिससे मन में सेक्स की इच्छा जागृत होती है और सेक्स क्रिया में भरपूर आनंद मिलता है जिससे सेक्स क्रिया बेहतर बनता है। एक्सरसाईज करने से शरीर में स्टेमिना और स्फूर्ति बढ़ती है जो सेक्स क्रिया के लिए बेहतर होता है और सेक्सुअल अनुभव को लम्बा बनाने रखने और ज्यादा देर तक टिके रहने की शक्ति प्रदान करता है। एक्सरसाईज से पेल्विक फ्लोर मांसपेशियों में संकुचन और रिलैक्स की प्रकिया सम्पन्न होती है जिससे सेक्स के दौरान पुरूषों और स्त्री को बेहतर अनुभूति प्राप्त होता है। अतः सेक्स क्रिया का बेहतर बनाने के लिए एक्सरसाईज करना आवश्यकत है।

Tuesday, 12 November 2013

benefits of Coffee in cold season and diseases



http://jkhealthworld.com/hindi/कॉफी
कॉफी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। रोजमर्रा की थकान भरी जिन्दगी में कॉफी की खुशबू, स्वाद और तरोताजा अहसास हमें स्फूर्ति और आनंद से भर देता है। वैज्ञानिकों के शोधों से यह पाया गया है कि अगर कॉफी को संतुलित मात्र में पिया जाए तो यह वयस्कों के लिए हानिकारक नहीं बल्कि लाभकारी है। कॉफी का सेवन आपको शारीरिक रूप से चुस्त-दुरुस्त रखती है। एक प्याला कॉफी हमे कोई बीमारियों से बचाता है। यह न केवल हमारी नींद को दूर करता है बल्कि चुस्ती-फुर्ती भी देता है जिससे दिमाग तेजी से काम करने में सक्षम हो जाता है। कॉफी में एंटीऑक्सीडेंट्स गुण होने के कारण यह सभी प्रकार के स्किन प्रॉब्लम्स को दूर रखता है जिससे स्किन कैंसर का खतरा कम होता है। यह त्वचा में मौजूद फ्री रैडिकल्स को दूर कर त्वचा को कील-मुंहासों व एक्जिमा से बचाता है। यह त्वचा को धूप से बचाता है, आंखों के नीचे होने वाले काले घेरों और झुर्रियों से बचाता है और सेल्यूलाइट से छुटकारा दिलाता है। इसके अलावा कुछ लोगों में सिर दर्द की समस्या होने पर वह जब कॉफी पी लेता है तो उसका सिर दर्द समाप्त होते पाया गया है।

Monday, 11 November 2013

Side effect of toxication on sex hormones



आज लोगों में एक नया फैशन चला है गुटखा चबाने का। आज लोग गुटखा, पान मसाला, तंबाकू और धूम्रपान आदि नशले पदार्थों का सेवन करने लगे हैं। कुछ लोग में इन चीजों के सेवन का ऐसा लत लग होता है कि वह इसके लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं। पान मसाला, तंबाकू और गुटका हमारे शरीर के लिए बहत हानिकारक होता है। इस तरह के सवन से ही आज मुंह का कैंसर सबसे जादा हो गया है। यह न केवल शरीर बीमारी फैलाता है बल्कि हमारे शरीर के हार्मोंन को भी असंतुलित करता है जिससे शरीर में अन्य कई प्रकरा के रोग उत्पन्न होता है। यहां हम गुटखा के सेवन से कैसे सेक्स हार्मोंन प्रभावित होता है।
http://jkhealthworld.com/hindi/सेक्स-से-संबन्धित-रोग
    गुटका, तंबाकू, पान इत्यादि का निर्माण कई तरह के रसायन और खुशबुदार कलर्स का इस्तेमाल करके होता है जिससे आपके हार्मोंस तो प्रभावित होते ही हैं साथ ही आपके डीएनए को भी नुकसान पहुंचने की आशंका बढ़ जाती है। भारत के लोगों में मुंह का कैंसर अन्य देशों की तुलना में अधिक होने की संभावना होती है जिसका सबसे बड़ा कारण गुटके का अधिक से अधिक सेवन करना है।
     गुटखा के सेवन से शरीर में टॉक्सिन की मात्रा बढ़ने लगती है जिससे हार्मोंस से स्राव ठीक प्रकार से नहीं हो पाता और रोगों से लड़ने बाली हार्मोस रोग ग्रस्त अंग तक नहीं पहुंच पाते जिससे शरीर रोग ग्रस्त होने पर जल्दी ठीक नहीं होता। शरीर में मौजूद एंजाइम्स हार्मोंस के उत्पादन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और एंजाइम्स ही सेक्स हार्मोंस को भी उत्पादन में मदत करता है। लेकिन जब कोई गुटखा का सेवन करता है तो एंजाइम्स में विकृति आ जाती है जिससे वह सेक्स हार्मोन को उत्पन्न नहीं कर पाता है जिसका प्रभाव सेक्स हार्मोन्स पर पड़ता है। गुटखा डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रूप से सेक्स हार्मोंस को भी प्रभावित करता है जिससे सेक्स संबंधीरोग नंपुसक की संभावना दुगुनी हो जाती है। शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाता है और स्तंभन शक्ति कम हो जाती है। यदि कोई गर्भवती स्त्री गुटके का सेवन करती हैं तो उनका होने वाला बच्चा शारीरिक रूप से विकृत पैदा हो सकता है।

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